रांची। झारखंड के दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों की परेशानी थमने का नाम नहीं ले रही है। आज फिर प्रवासी मजदूरों का एक मामला संज्ञान में आया है। रांची जिले के लापुंग प्रखंड के लालगंज गांव के तीन मजदूरों कामेश्वर साहू, चूड़ामणि साहू, शिवप्रसाद चिकबड़ाईक तथा उलमू गांव का एक मजदूर राहुल होरो गुजरात के नर्मदा जिले के गंडेश्वर तालुका में फंसे हुए हैं।
चूड़ामणि साहू ने फोन पर बताया कि “करीब 20 दिन पहले हम लोग रेलवे स्टेशन रजिस्ट्रेशन कराने गये थे। उस वक्त हम से एक-एक हजार रूपये मांगे गये थे। हमने कहा था कि ठीक है। जब हम दोबारा गये तो हमें बताया गया कि झारखंड सरकार हमारा रजिस्ट्रेशन स्वीकार नहीं कर रही है।”
चूड़ामणि साहू हमारे माध्यम से झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि “हमें हमारे घर लाया जाए।”
बताते चलें कि इन्हें राजेश केरकेट्टा नामक लेबर सप्लायर एक बिल्डर कंपनी में काम दिलवाने लाया था, जो अब इनके वापस भेजने में कोई रूचि नहीं ले रहा है। वैसे वहां 25 मजदूर और फंसे हुए हैं जो झारखंड के अन्य जिलों के हैं। जबकि ओडिशा के चार मजदूर हैं।
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओबीसी) के महासचिव शंकर कुमार साहू ने हमें बताया है कि इस बाबत प्रवासी मजदूरों ने एक वीडियो जारी कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से घर वापस लाने की गुहार लगाई है। इस संबंध में साहू ने प्रदेश कांग्रेस के आला अधिकारियों, सीएम हेमंत सोरेन से इन मजदूरों- राहुल होरो, कामेश्वर साहू, चूड़ामणि साहू और शिव प्रसाद चीक बड़ाईक को गुजरात से शीघ्र ही झारखंड लाने में मदद करने का निवेदन किया है। साथ ही पांच दिन पूर्व बंधक मजदूरों को अंडमान निकोबार द्वीप समूह से रांची हवाई जहाज से लाने पर हेमन्त सोरेन मुख्यमंत्री को प्रवासी मजदूरों की ओर से आभार व्यक्त किया है।
बता दें कि पिछले दिनों अंडमान निकोबार द्वीप समूह में बंधक बने मजदूरों की एक खबर हमने लगाई थी जिसे संज्ञान में लेते हुए झारखंड सरकार ने उन मजदूरों को हवाई जहाज से झारखंड लाया था।
(रांची से वरिष्ठ पत्रकार विशद कुमार की रिपोर्ट।)
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