सरकार के साथ किसानों की वार्ता।

सरकार मुख्य मांगों पर अपनी जिद पर अड़ी, बिजली बिल और प्रदूषण अध्यादेश पर रोक के लिए तैयार

आज किसान यूनियन और सरकार के बीच सातवें दौर की बातचीत के बाद सरकार का रुख अभी भी वही है। सरकार कृषि कानूनों को अपनी नाक का सवाल मानकर इसे वापस न लेने की जिद पर अड़ी हुई है। 
किसान यूनियनों के साथ बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा – ” चार विषय रखे थे उनमें दो विषयों पर सरकार और यूनियन के बीच रजामंदी हुई है। रजामंदी वाले दो विषय हैं बिजली बिल और प्रदूषण अध्यादेश’। 
कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करती रही यूनियनों के बारे में सरकार कह रही है कि आपको जहां दिक्कत है वहां बताइये। एमएसपी पर सरकार कह रही है कि एमएसपी चलती रहेगी, हम इसे लिखित देने को तैयार हैं। लेकिन किसान यूनियन एमएसपी को क़ानूनी दर्जा देने और तीनों कृषि कानूनों के विषय पर 4 जनवरी को 2 बजे विज्ञान भवन में फिर से बैठक होगी। मैंने निवेदन किया है किसान यूनियनों से कि ठंड ज़्यादा है इसलिए वो महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को वापस भेज दें। 
कृषि मंत्री ने आगे बताया कि” सरकार ने किसान कमेटी बनाने का प्रस्ताव दिया था कमेटी बनाने पर किसान सहमत नहीं हुए।” 

सरकार के साथ बैठक के बाद संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन अध्यक्ष राकेश टिकैत ने बताया कि ” प्रदूषण अध्यादेश में पराली जलाने पर  दंडात्मक प्रावधान को हटाने पर सरकार राज़ी हो गई है। बिजली बिल में सरकार सुधार पर राजी है। वहीं बिजली बिल में किसानों की सब्सिडी हटाने के प्रावधानों को भी बिल से हटाने पर सरकार राजी हो गई है। 
राकेश टिकैत ने आगे बताया है कि – “सरकार कृषि क़ानून को वापस नहीं लेना चाहती वो संशोधन की बात कह रही है। जबकि हम अभी भी तीनों कृषि क़ानूनें को रद्द करने की मांग पर अडिग है। तीनों कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग लेकर ही हमने आंदोलन शुरु किया है। जब तक तीनों कृषि कानून सरकार रद्द नहीं करती है आंदोलन चलता रहेगा। 
वहीं एमएसपी के मुद्दे पर राकेश टिकैत ने बताया कि “एमएसपी पर सरकार कमेटी बनाने का प्रस्ताव दे रही थी। ये लंबी प्रक्रिया है। इसमें समय लगेगा। हमें ये नहीं चाहिए सरकार क़ानून बनाकर गारंटी दे ये हमारी मांग ह। अगली बैठक 4 जनवरी को होगी हमारी मांग तीनो कृषि कानूनों को रद्द करवाना और एमएसपी की गारंटी का क़ानून लेना है। 

बता दें कि 22 दिन बाद आज फिर सरकार और किसान संगठनों के नेता नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आमने सामने बैठे थे। 

सरकार और किसान नेताओं के बीच करीब पांच घंटे की बातचीत के बीच किसानों का चाय और खाना बांग्ला साहेब गुरुद्वारा के लंगर से आया। सरकार के तीनों मंत्री पीयूष गोयल, सोम प्रकाश और नरेंद्र तोमर ने किसानों के लिए लंगर से आये खाने को खाया। वहीं दूसरे चाय ब्रेक में किसान नेताओं ने सरकार की चाय पीया। 

वहीं ऑल इंडिया किसान समिति के महासचिव हन्नान मोल्ला ने बैठक से पहले कहा कि सरकार के साथ होने वाली बैठक से बहुत उम्मीद नहीं है क्योंकि सरकार लगातार हर आदमी से अलग अलग बात कर रही है। इसकी कोई एक ज़बान नहीं है। 

वहीं आज टिकरी बॉर्डर पर कड़ाके की ठंड में किसानों ने बिना कमीज के विरोध प्रदर्शन किया। 

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