मंडियों में नहीं मिल रहा समर्थन मूल्य, सोसाइटियों के जरिये धान खरीदी शुरू करे राज्य सरकार: किसान सभा

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अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा ने 1 नवम्बर से राज्य में सोसाइटियों के माध्यम से धान खरीदी शुरू करने की मांग की है। किसान सभा ने कहा है कि मंडियों में किसानों का धान 1500 रुपये क्विंटल से कम दर पर बिक रहा है और कांग्रेस सरकार मंडियों में न्यूनतम समर्थन मूल्य तक सुनिश्चित नहीं कर पा रही है।

आज यहां जारी एक प्रेस बयान में छग किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते और महासचिव ऋषि गुप्ता ने कहा कि प्रदेश की मंडियों में रोज 5000 टन से ज्यादा धान आ रहा है और किसानों को प्रति क्विंटल 1000 रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की मंडियों में किसानों की इस खुली लूट से न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाने की देशव्यापी किसान आंदोलन की मांग सही साबित होती है।

किसान सभा नेताओं ने कहा कि पिछले वर्ष भी धान की देरी से सोसाइटी खरीदी शुरू करने के कारण प्रदेश के किसानों को 1000 करोड़ रुपयों का नुकसान उठाना पड़ा था। इस वर्ष भी किसानों की इस निर्मम लूट के लिए कांग्रेस सरकार अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती।

किसान सभा नेताओं ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने किसानों के हितों की रक्षा करने के वादे के बावजूद मंडी संशोधन अधिनियम में न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने तक का प्रावधान नहीं किया है और डीम्ड मंडियों के प्रावधान के जरिये केंद्र सरकार द्वारा मंडियों के निजीकरण के कॉर्पोरेटपरस्त फैसले का अनुमोदन कर दिया है। यही कारण है कि इस मौसम में मंडियों में किसान धान के समर्थन मूल्य से वंचित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि घोषित समर्थन मूल्य से कम कीमत पर फसल की खरीदी को कानूनन अपराध घोषित करने तथा किसान विरोधी तीनों काले कानूनों को वापस लेने की मांग पर चल रहे आंदोलन को प्रदेश में शीघ्र धान खरीदी शुरू करने की मांग के साथ भी जोड़ा जाएगा।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

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