कानपुर। इस रिपोर्ट के साथ आपके (पाठकों) समक्ष जो नजारा (फोटो) प्रस्तुत है, वह नजारा कानपुर नगर के एक नहर का है। यह वही कानपुर नगर जिसे ‘स्मार्ट सिटी’ कहा जाता है। छठ पूजा पर्व सहित अन्य पारम्परिक पर्वों की दृष्टि से यह नहर बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह नहर कानपुर के दबौली, रतनलाल नगर, सीटीआई, बर्रा, डब्ल्यू-2, नौबस्ता सहित अनेक क्षेत्रों से गुजरती है।
यह नहर खुद अपने आप में ‘स्वच्छता अभियान’ एवं ‘स्मार्ट सिटी’ के हकीकत को बयां करने के लिए काफी है। इस में तैरता हुआ जो दिखाई दे रहा है वह कोई फ़ूल पत्ता के कचरा नहीं बल्कि शहर के घरों, औद्योगिक इकाइयों का निकलने वाला प्लास्टिक का कचरा है। जो मानव जीवन, जलीय जीव, और पर्यावरण के लिए उचित नहीं है, बल्कि खतरा है। इस नहर में कई स्थानों पर वर्तमान में ऐसे नजारे दिख रहे हैं जो जिला प्रशासन के साथ-साथ सत्ताधारी दल से सम्बन्धित कानपुर स्मार्ट सिटी के सभी जन प्रतिनिधियों की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं और जवाब चाहते हैं कि गलती किसकी, जनता की, जन प्रतिनिधियों की या फिर जिला प्रशासन की है?

खैर, इस नहर का नजारा आप स्वयं भी देखें, ऐसे नजारे कानपुर के अन्य स्थानों पर भी देखे जा सकते हैं, यहां पशु नहीं बल्कि इन्सान अधिक संख्या में रहते हैं। बावजूद इसके नहर को साफ रखने के बजाए उसे उसके हाल पर छोड़ दिया गया है। शहर के कचरों से यह पूरा नहर पटा हुआ है, नहर में कचरों के ढेर और उठने वाली दुर्गंध से इधर से गुजरना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में यहां के लोग कैसे रहते होंगे? इस बात का आकलन किया जा सकता है।
कानपुर नगर में 4 अप्रैल को अपने प्रधानमंत्री जी का आगमन होने वाला था। सो चूना कली से लेकर साफ-सफाई पर पूरा फोकस किया गया था। पूरा नगर निगम, जिला प्रशासन सड़क पर उतर आया था। सभी हक्का बक्का थे कि आखिरकार पूरा अमला लाव लश्कर से साथ सड़क पर क्यों है! इस प्रचंड तपती दुपहरी में, पता चला कि अपने ‘मन की बात’ वाले पीएम मोदी जी आने वाले हैं। उनके रोड-शो का कार्यक्रम निर्धारित है।

ऐसे में लोगों का प्रफुल्लित होना तो बनता ही है कि अपने पीएम जी कानपुर में पधारे। पीएम मोदी के रोड़ शो वाले मार्ग को दुरुस्त कराने से लेकर साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया यों कहें कि मोहल्लों का पूरा “मेकअप” कर दिया गया था। झटका तब लगा जब कुछ मोहल्लों को बिना मेकअप के ही छोड़ दिया गया जो बदबू और बदसूरत तस्वीरों के साथ अपनी बदहाली पर आंसू बहाते हुए नज़र आए हैं। कानपुर के बेबाक लेखक/पत्रकार मनीष दुबे तंज कसते हुए कहते हैं कि “देश की औद्योगिक नगरी और स्मार्ट सिटी कानपुर की तस्वीर देख डर लगता है।
प्रदूषण और गंदगी से कराहते शहर को इससे कब तक मुक्ति मिलेगी कह पाना कठिन लगता है। दिन प्रतिदिन औद्योगिक इकाइयों का कचरा सीधे नदी-नालों में बहकर प्रदूषण नियंत्रण के दावे को खोखला करता आया है। खुद शहर के अंदर से बहने वाले नहर और नाले लोगों को खुलकर सांस लेने में बाधक बने हुए हैं। आश्चर्य होता है कि ऐसे नहरों और नालों को साफ करने की जहमत नहीं उठाई गई। सिर्फ प्रधानमंत्री के रोड-शो वाले रास्ते को ही सजा-संवार कर उनका मेकअप किया गया।”

उत्तर प्रदेश की औद्योगिक नगरी कानपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार, 4 अप्रैल 2024 को शहर में रोड शो के जरिए जमकर समीकरण साधे। रोड-शो की शुरुआत गुरुद्वारे में मत्था टेक कर करने के बाद शहर में पहली बार रोड शो के लिए निकले प्रधानमंत्री मोदी के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनके चुनावी रथ पर सवार रहे हैं। सवा किलोमीटर दूरी के इस रोड-शो के
रास्ते को 37 ब्लॉकों में बांटा गया था। इसमें हर वर्ग और हर समाज के लोगों को जगह दी गई, ताकि समीकरण गड़बड़ ना दिखे। पीएम मोदी ने गुरुद्वारे में मत्था टेककर सिख समाज को तो साधा ही हर ब्लाक में अगड़ा, पिछड़ा सभी से संपर्क साधकर हर वर्ग और हर समाज को जोड़कर चलने का संदेश भी देने से नहीं चूके हैं। कानपुर के रोड शो में मुस्लिम महिलाओं को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया। अक्सर अपने मन की बात में स्वच्छता और भ्रष्टाचार को लेकर चर्चा करते हुए आए प्रधानमंत्री यहां स्वच्छता पर तो नहीं लेकिन भ्रष्टाचार पर जरूर तने हुए नज़र आए हैं। यहां भी कहा भ्रष्टाचार में शामिल एक भी व्यक्ति को पांच वर्षों में बख्शा नहीं जाएगा। देश में भ्रष्टाचार का जो हाल है वह बताने की जरूरत नहीं है।

खैर थोड़ा पीछे मुड़कर गौर करें तो 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान केन्द्र की सत्ता पर काबिज होने के लिए मोदी जी ने ज़ोर देते हुए कहा था कि “सत्ता में आएंगे तो ‘भ्रष्टाचार’ को ‘जड़’ से मिटाकर रहेंगे।” लेकिन आज के समय में ‘भ्रष्टाचार’ एक ऐसी मजबूत और गहरी ‘जड़’ बन चुका है जिसकी जड़ें गहरी ही नहीं दूर-दूर तक फैली हुई भी हैं। जिन्हें जड़ से खत्म करना तो दूर की बात है इसकी जड़ों को ही नहीं खोजा जा सका है। भ्रष्टाचार की जड़ों से शाय़द ही कोई सरकारी विभाग और व्यवस्था अछूती पड़ी हो। फ़र्क सिर्फ़ यही है कि कहीं थोड़ा कम तो कहीं ज्यादा, कहीं कोई ‘गोता’ ही लगा रहा है। यों कहें की ‘भ्रष्टाचार’ पूरी तरह से ‘शिष्टाचार’ का रुप धर चुका है।
मुहल्लों का ‘मेकअप’ छुपाए न छुपा ‘स्वच्छता का सच
मोदी जी अपने मन की बात में अक्सर भ्रष्टाचार और स्वच्छता को लेकर ही बात करते रहे हैं। लेकिन कानपुर के रोड शो में प्रधानमंत्री स्वच्छता से कहीं ज्यादा भ्रष्टाचार और विपक्ष को अपने निशाने पर रखा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्मार्ट सिटी कानपुर के गुमटी क्षेत्र में रोड शो तय किया गया था। इस रोड के बारे में जैसे ही जिला प्रशासन को जानकारी मिली, वैसे ही पूरा का पूरा जिला प्रशासन गुमटी व आसपास के मुहल्लों का ‘मेकअप’ करने में जुटा गया था। इसमें शक की कोई गुंजाइश नहीं कि वर्षों की हकीकत को छुपाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी गई थी।
प्रधानमंत्री के रोड शो के चलते जीटी रोड व आस पड़ोस की सड़कों पर ‘एम्बुलेंस’ तक को रोकने का फरमान जारी कर दिया गया था। यह फरमान कितना उचित है या अनुचित इस बारे में कुछ कहने की हिम्मत शाय़द ही किसी की रही हो। कोई बोलने को तैयार भी नहीं हुआ प्रशासनिक मुलाजिमों ने भी साहस नहीं किया। अलबत्ता सुरक्षा का हवाला देकर कन्नी काट गए।
क्योंकि यह मामला भी विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता अर्थात ‘विश्वगुरू’ से जुड़ा हुआ था, सो किसकी हिमाकत जो बोल जाए। कानपुर नगर के वरिष्ठ पत्रकार, संपादक श्याम सिंह पंवार स्मार्ट सिटी कानपुर नगर में प्रधानमंत्री मोदी के आगमन पर सत्यता को कुछ देर के लिए छुपाए जाने को लेकर सवाल उठाते हुए कहते हैं, यह दिखावा क्यों? जिस प्रकार से मोदी जी के कानपुर में “मोहल्लों का मेकअप” कर कुरूप छवि को ढंकने का जतन किया गया उसके स्थान पर उसे जड़ से ही खत्म करने का जतन क्यों नहीं किया गया?”
वह आगे भी बोलते हैं, “अब आपको याद दिला दूं कि पीएम ‘मोदी’ का एक सबसे प्रासंगिक अभियान रहा है ‘‘स्वच्छ भारत अभियान।” कानपुर स्मार्ट सिटी में दिखने वाले कुछ नजारों को देख इस अभियान पर सवाल इसीलिये उठा रहा हूं क्योंकि कानपुर के अधिकतर पार्षद, विधायक, सांसद, महापौर, सूबे के मुख्यमंत्री व देश के प्रधानमंत्री एक ही दल के हैं। फिर भी रहन-सहन की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले ‘स्वच्छ भारत अभियान’ को पलीता लगाने की जिम्मेदारी किसकी? याद रहे कि रोड शो के पहले आस-पड़ोस में स्वच्छता कार्य अर्थात झाड़ू लगाने का ढिंढोरा भी पीट कर रस्म अदायगी की गई।”
(कानपुर से संतोष देव गिरी की ग्राउंड रिपोर्ट)
+ There are no comments
Add yours