मैं हमेशा अपने देश में बोलने, लिखने, सोचने और रेखाचित्र खींचने की स्वतंत्रता की रक्षा करूंगा: मैक्रॉन

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नई दिल्ली। फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रान ने शनिवार को अल जजीरा को बताया कि वह मुस्लिम पैगंबर मोहम्मद साहब के कार्टून बनाए जाने कोे लेकर मुसलमानों के गुस्से को समझते हैं लेकिन हिंसा किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं है और वह अपने देश की स्वतंत्रता की रक्षा करेंगे। गौरतलब है कि इस समय फ्रांस देश के भीतर आतंकी हमलों और बाहर से मुस्लिम देशों के बायकाट का सामना कर रहा है।

मैक्रॉन का यह साक्षात्कार ट्यूनिशियाई प्रवासी द्वारा फ्रांस में चर्च के सामने तीन लोगों की हत्या के बाद आया है। राष्ट्रपति ने अल जजीरा को बताया कि वह अपनी भूमिका और एक धुर सेकुलर देश को लेकर लोगों में व्याप्त गलतफहमी को दूर करना चाहते हैं। फ्रांस वह मुल्क है जहां सार्वजनिक तौर पर इस्लाम का प्रदर्शन होता है जैसे कि ग्रोसरी स्टोर में हलाल सेक्शन एक फ्लैश प्वाइंट का दर्जा हासिल कर चुका है।

ल्योन का चर्च जहां तीसरी घटना हुई है।

कार्टून को लेकर पूरी दुनिया के मुसलमानों के विरोध और उसके बढ़ते दायरे पर उन्होंने कहा कि “इस आंदोलन के पीछे की भावना को मैं समझता हूं, और उसका सम्मान करता हूं।” “लेकिन मैं चाहता हूं कि आप मेरी भूमिका को समझें: मेरी भूमिका है चीजों को शांत करना जैसा कि मैं कर रहा हूं और उन अधिकारों की रक्षा करना।”

लेकिन उन्होेंने इस बात पर जोर दिया कि “इस बात को कभी स्वीकार नहीं करूंगा कि कार्टून के चलते पैदा होने वाली हिंसा जायज है……मैं हमेशा अपने देश में बोलने, लिखने, सोचने और रेखाचित्र खींचने की स्वतंत्रता की रक्षा करूंगा।”

मैक्रॉन ने कहा कि “एक देश और लोगों को इस आधार पर बायकाट करने का फैसला करना कि किसी एक अखबार ने हमारे देश में कुछ कह दिया है, सचमुच बेहद हास्यास्पद है।”

अध्यापक को श्रद्धांजलि देते वहां के सांसद।

अभी मैक्रॉन यह साक्षात्कार दे ही रहे थे कि तभी फ्रांस के ल्योन शहर में हमले की एक और घटना घटी। जिसके बारे में पुलिस का कहना है कि एक बंदूकधारी ने एक ग्रीक आर्थोडाक्स प्रीस्ट को हमला कर घायल कर दिया।

शांति का संदेश

हाल के सालों में फ्रांस में लगातार इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा इस तरह के हमलों को अंजाम दिया गया। जिनमें दर्जनों से ज्यादा लोग मारे गए। 2015 में शर्ली हेब्दो द्वारा पैंगबर मोहम्मद की आलोचना वाले कार्टून प्रकाशित किए जाने के बाद अल-कायदा से जुडे़ दो सदस्यों ने अखबार के दफ्तर के करीब 13 लोगों की हत्या कर दी थी।

हालिया विरोध-प्रदर्शन मैक्रॉन के उस बयान के बाद शुरू हुआ है जिसमें उन्होंने कहा है कि इस्लाम एक संकट का सामना कर रहा है। इसके साथ ही अतिवादियों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि उन लोगों ने धार्मिक उपदेशों को तोड़-मरोड़ दिया है। मैक्रॉन की इस टिप्पणी का पूरी दुनिया के मुस्लिम देशों ने विरोध शुरू कर दिया। और इसके साथ ही उन्होंने फ्रांसीसी उत्पादों के बॉयकाट का ऐलान कर दिया।

इस महीने की शुरुआत में पेरिस में एक हमलावर ने एक अध्यापक का गला काटकर सिर उसके धड़ से अलग कर दिया था। अध्यापक ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बारे में बताते हुए शर्ली हेब्दो के उस कार्टून को बच्चों को दिखाया था जो मोहम्मद साहब पर आधारित था।

मैक्रॉन के खिलाफ रोष।

मैक्रॉन का साक्षात्कार उस आरोप के बाद आया है जिसमें कहा गया है कि फ्रांस जब इस्लामी कट्टरपंथियों के खिलाफ कार्रवाई करता है तो अपने मुस्लिम अल्पसंख्यकों के प्रति उसका रवैया भेदभावपूर्ण हो जाता है।

तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तैय्यप एर्डोगन, जिनका पहले से ही मैक्रॉन के साथ तनावपूर्ण रिश्ता है, ने फ्रांसीसी उत्पादों के बॉयकाट का समर्थन किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि फ्रांस के राष्ट्रपति को मानसिक उन्नयन की जरूरत है।

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