लखीमपुर खीरी। लॉक डाउन में दिल को झकझोर देने वाली घटना मैगलगंज से निकल कर आई है। मैगलगंज रेलवे लाइन पर ट्रेन से कटकर अधेड़ ने आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान भानू प्रताप गुप्ता निवासी नई बस्ती खखरा के रूप में हुई है। मृतक भानु प्रताप की जेब से जो सुसाइड नोट बरामद हुआ उसको पढ़कर प्रशासन और शासन के दावों की पोल खुल गई है।
सुसाइड नोट में मौत का कारण लॉकडाउन के चलते गरीबी लाचारी और तंगहाली से जूझ रहे भानू ने घरेलू राशन सामग्री आदि के लिए पैसे ना होना बताया है। उसने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि “मैं यह सुसाइड गरीबी और बेरोजगारी की वजह से कर रहा हूं। गेंहू, चावल सरकारी कोटे पर मिलता है। पर चीनी,पत्ती, दुध, चना, सब्जी, मिर्च मसाले परचून वाला अब उधार भी नहीं देता है। मुझे खांसी, सांस, जोड़ों का दर्द, दौरा, अत्यधिक कमजोरी, चलना तो सांस फूलना, चक्कर आदि है। मेरी विधवा मां को दो साल से खांसी बुखार है……”

आखिर प्रशासन के दावे और वादों का पिटारा सिर्फ हवा हवाई ही क्यों साबित होता है। एक तरफ सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सख्त निर्देश है कि भूख से प्रदेश में कोई मौत ना हो साथ ही पर्याप्त मात्रा में राहत सामग्री सभी को उपलब्ध कराई जाए। इसके लिए टोल फ्री नंबर तक उपलब्ध कराए गए हैं। और प्रशासन को सख्त निर्देश दिया गया है की इसमें किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। उसके बाद भी ऐसी घटनाएं मानवता को शर्मसार तो करती ही हैं। साथ ही शासन को भी कटघरे में खड़ा करने का काम करती हैं। फिलहाल घटना से क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं हैं और लोगों में रोष व्याप्त है।
इस बीच, समाजवादी पार्टी के द्वारा दिये गये एक लाख रूपये की घोषणा की जानकारी देने के साथ ही सपा प्रदेश कार्यालय को खाता नम्बर से लेकर पूरे परिवार का सेजरा उपलब्ध कराने के मकसद से स्थानीय सपा नेता क्रांति कुमार सिंह ने मृतक भानू के घर का दौरा किया और उनके परिजनों से मुलाकात की।उन्होंने पूरी घटना को सरकार की नाकामी बताया। उन्होंने बताया कि सरकार जल्दबाजी मे फैसले ले रही है। जिसके कारण जनता को पिसना पड़ रहा है ।