मज़दूरों को ले जाने के मामले में योगी सरकार ने लगायी नई पेंच, कहा-बसों को पहले लखनऊ भेजे कांग्रेस

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नई दिल्ली। प्रवासी मज़दूरों को ले जाने के लिए 1000 बसों को मुहैया कराने के कांग्रेस के प्रस्ताव को मानने के बाद योगी सरकार ने एक नई पेंच फँसा दी है। इसके तहत सरकार ने दस्तावेज़ों के साथ सभी 1000 बसों को लखनऊ भेजने की बात कही है। 

इस सिलसिले में सूबे की सरकार द्वारा प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह के पास एक पत्र आया है। अपर मुख्य सचिव, गृह विभाग अवनीश अवस्थी की तरफ़ से संदीप सिंह के पास भेजे गए उस मेल में आज सुबह 10 तक सारी बसों को लखनऊ में हैंडओवर करने की बात कही गयी है। दिलचस्प बात यह है कि ये मेल रात में तक़रीबन 11.40 मिनट पर भेजा गया है।

उसके बाद संदीप सिंह ने अवनीश अवस्थी के नाम एक मेल भेजा है जिसमें उन्होंने इन सारी चीजों का ज़िक्र करते हुए कहा है कि “ महोदय, आप एक प्रशासनिक अधिकारी हैं। बहुत अनुभवी हैं और कोरोना महामारी के इस भयानक संकट से भिज्ञ भी हैं। संकट में फँसे प्रवासी मज़दूर उप्र की विभिन्न सीमाओं ख़ासतौर पर दिल्ली- उत्तर प्रदेश के बार्डर के ग़ाज़ियाबाद, नोएडा जैसी जगहों पर मौजूद हैं। यहाँ फँसे प्रवासी मज़दूरों की संख्या लाखों में है। मीडिया के माध्यम से इनकी विकट हालत पूरा देश देख रहा है।”

इसमें आगे कहा गया है कि “ऐसी स्थिति में जबकि हज़ारों मज़दूर पैदल चल रहे हैं और उत्तर प्रदेश के बार्डर पर हज़ारों की भीड़ पंजीकरण के लिए उमड़ी हुई है। तब 1000 बसों को ख़ाली लखनऊ भेजना न केवल समय और संसाधनों की बर्बादी है बल्कि हद दर्जे की अमानवीयता भी है। और एक घोर गरीब विरोधी मानसिकता की उपज है।

माफ़ कीजिएगा श्रीमान आपकी यह माँग पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित लगती है कि आपकी सरकार विपदा के मारे हमारे यूपी के भाई-बहनों की मदद करना चाहती है। ”

इसके साथ ही इसमें आगे कहा गया है कि कांग्रेस संकट में फँसे प्रवासी श्रमिकों को उनके घरों तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है। और वह इस सिलसिल में ग़ाज़ीपुर, ग़ाज़ियाबाद और नोएडा बार्डर पर बसों को भी भेजने के लिए तैयार है। उसके लिए ज़रूरी नोडल अफ़सरों की नियुक्ति की आप से अपेक्षा की जाती है। जिससे इस ज़रूरी काम को बग़ैर कोई देरी किए तत्काल पूरा किया जा सके।

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