इंडिया गठबंधन से डरी भाजपा को डरा रहा है महाराष्ट्र का भूत

महाराष्ट्र की राजनीति में कितने रंग अभी देखने को शेष हैं, इस बारे में अंदाजा लगाना अब शायद किसी भी राजनीतिक समीक्षक के वश में नहीं रहा। 26 विपक्षी दलों की बेंगलुरु में बैठक के बाद जिस प्रकार की गर्मजोशी देखी जा रही है, वह वास्तव में भाजपा खेमे के लिए बड़ी चिंता की वजह बनी हुई है। आज पीएम मोदी के ट्विटर अकाउंट में एक के बाद एक दर्जनों ट्वीट इसका गवाह हैं। 

आज दोपहर जब पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अपने बेटे सहित अचानक राज्य के उपमुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार से मिलने पहुंच गये तो सियासी गलियारे में तरह-तरह के कयास लगने शुरू हो गए। वर्तमान में महाराष्ट्र का विधानसभा सत्र चल रहा है। ऐसा बताया जा रहा है कि अजित पवार के एनडीए में शामिल होने और राज्य के उप-मुख्यमंत्री बनने के बाद दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात है। उद्धव ठाकरे अभी बेंगलुरु में इंडिया गठबंधन की बैठक से लौटे हैं, उधर अजित पवार भी एनडीए गठबंधन के हिस्से के तौर पर कल दिल्ली में मौजूद थे।

इससे पहले भी अजित पवार एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार से तीन दिन में 3 बार मुलाक़ात कर चुके हैं। तब भी यही अंदाजा लगाया जा रहा था कि कहीं न कहीं यह सारा स्कूप चाचा-भतीजे का मिलकर रचाया गया है। शरद पवार के गृह क्षेत्र बारामती से भी स्थानीय लोगों का यही कहना है कि एनसीपी ने महाविकास अघाड़ी और एनडीए दोनों में अपना दांव लगा दिया है। उनके दोनों हाथों में लड्डू रहने वाला है। ज्यादा उम्मीद इसी बात की की जा रही है कि चुनाव बाद एनसीपी सबसे बड़े दल के रूप में उभर सकता है, और इसके बाद मुख्यमंत्री के रूप में अजित पवार की दावेदारी सबसे मजबूत होगी। 

लेकिन आज उद्धव ठाकरे ने जब अजित पवार से मुलाक़ात की तो फिर से नए समीकरण तलाशे जा रहे हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ पीएम मोदी की मध्य प्रदेश में गर्जना के बाद अजित पवार गुट दल-बल के साथ एनडीए का हिस्सा बन गया, और भाजपा का रुख अब शेष विपक्ष की ओर मुड़ गया है। फिलहाल ईडी सीबीआई की पहल तमिलनाडु में डीएमके के विधायकों और मंत्रियों पर केंद्रित है। लेकिन महाराष्ट्र में विपक्ष को दो-दो फाड़ करने वाली भाजपा आज खुद को ठगा महसूस कर रही है, तो इसमें आश्चर्य नहीं होना चाहिए।    

देश में लोकसभा में उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र राज्य सबसे अधिक 48 सासंद भेजता है। भाजपा ने विपक्षी एकता पर सबसे अधिक हमला इसी राज्य में किया है। लेकिन आधे से अधिक विधायकों को अपने पक्ष में करने के बावजूद हालात जस के तस हैं। उल्टा पहले से अधिक बदहवासी का आलम है। 

पूर्व सांसद किरीट सोमैया का कथित सेक्स वीडियो महाराष्ट्र की राजनीति में भाजपा के लिए आफत बना हुआ है। शिवसेना के अखबार ‘सामना’ में कहा गया है कि किरीट सोमैया के करीब 35 सेक्स स्कैंडल के वीडियो वायरल हो रहे हैं। इस स्कैंडल से महाराष्ट्र की राजनीति में परमाणु बम फूट गया है। किरीट सौमेया को राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ ताबड़तोड़ हमले के लिए जाना जाता रहा है। इसलिए उनके दुश्मन भी अनेक हैं। ये वीडियो सबसे पहले एक मराठी चैनल ने प्रसारित किये, लेकिन अब पूरे महाराष्ट्र में इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं, और भाजपा के ‘चाल, चरित्र, चेहरा’ फिर एक बार सवालों के घेरे में है। 

महाराष्ट्र में चाबुक भले ही भाजपा के हाथ में नजर आती है, लेकिन वास्तव में चाबुक किसके हाथ में है इसका अंदाजा लगाना कठिन है। उप-मुख्यमंत्री सहित अजित पवार गुट ने लगभग सभी महत्वपूर्ण पद अपने कब्जे में कर लिए हैं। ऊपर से घड़ी-घड़ी शरद पवार से मुलाकात और आशीर्वाद का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। अब उद्धव ठाकरे का आकर मुलाक़ात करना बताता है कि हो न हो भाजपा महाराष्ट्र की राजनीति में तेजी से पिछड़ रही है। 16 जुलाई को मराठी दैनिक सकाळ का सर्वेक्षण भी बताता है कि जून में करीब 33% के साथ भाजपा महाराष्ट्र में मतदाताओं की पहली पसंद थी, उसमें 6% की भारी गिरावट आ गई है। कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन की स्थिति कमजोर होने के उलट ज्यादा मजबूत हुई है। 

ऐसा लगता है कि दिग्गज शरद पवार को महाराष्ट्र की राजनीति में धोबी पछाड़ की कोशिश जिस प्रकार 2019 में भी विफल साबित हुई थी, 2023 में जब ईडी, सीबीआई का खुल्लम-खुल्ला बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है, उसमें शरद पवार इस बार भाजपा के दिग्गज को निर्णायक पटखनी देने की भूमिका में जमीन पर भी और सियासी स्तर पर कमर कस चुके हैं। 

उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडनवीस ने आज विधासभा में स्पष्ट किया कि सेक्स स्कैंडल मामले की जांच के आदेश दे दिए गये हैं। लेकिन आज जहां मानसून सत्र का तीसरा दिन है, विपक्ष सरकार की नैतिकता पर प्रश्न उठा रहा है। सच यह है कि भाजपा के लिए महाराष्ट्र सबसे बड़ी समस्या बन गया है। महराष्ट्र का भूत उसे सता रहा है। 

( रविंद्र पटवाल जनचौक की टीम के सदस्य हैं।)

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