नई दिल्ली। जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को किसान संगठनों और खाप पंचायतों ने समर्थन का ऐलान किया है। रविवार को धरना स्थल पर संयुक्त किसान मोर्चा और भारतीय किसान यूनियन उगराहां के नेताओं-कार्यकर्ताओं के अलावा 24 खापों के प्रधान उपस्थित थे। किसान नेता, खाप प्रधान और पहलवानों ने एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि यदि 15 दिन के अंदर 21 मई तक बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं हुई तो बड़ा फैसला लिया जाएगा। साथ ही पहलवानों को संघर्ष जारी रखने को कहा गया है।
जंतर-मंतर पर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेता राकेश टिकैत, नरेश टिकैत, दर्शन पाल, हनान मोल्लाह और भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) के जोगिंदर सिंह उगराहां जैसे नेताओं ने बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग की। एसकेएम ने पहलवानों को समर्थन देने की घोषणा करते हुए मोदी सरकार और बृजभूषण शरण सिंह का पुतला जलाने की भी घोषणा की।
राकेश टिकैत ने कहा कि पहलवानों को इंसाफ कैसे मिलेगा यह सोचने की बात है। यह आंदोलन लंबा चलेगा। सरकार पर जो भूत चढ़ा है वह पता नहीं कितने दिनों में उतरेगा। भूत उतारने के लिए कई बार झाड़-फूंक करनी पड़ती है।
टिकैत ने आगे कहा कि पॉक्सो लगता है तो तुरंत गिरफ्तारी होती है लेकिन पहलवानों की तरफ से शिकायत दर्ज कराने के बाद भी अब तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है।
राकेश टिकैत ने कहा कि पहलवानों ने हमें शांतिपूर्ण आंदोलन के समर्थन करने और स्वयंसेवकों की तैनाती करने के लिए कहा है। टिकैत ने आगे कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन लोगों ने देश को गौरवान्वित किया, उन्हें बाहरी जैसा महसूस कराया जा रहा है। देश का मान बढ़ाने वालों को बेगाना महसूस किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि आंदोलन को लेकर रोडमैप तैयार किया जा रहा है। केंद्र सरकार का कहना है कि इस मुद्दे पर पीएम मोदी की आलोचना नहीं होनी चाहिए। मैं पूछना चाहता हूं कि क्या इस मुद्दे पर राहुल गांधी की आलोचना होनी चाहिए?
इस दौरान मीडिया से बात करते हुए विनेश फोगाट ने कहा कि पहली बार जब हम लोग जंतर-मंतर पर धरना देने आए थे तो सरकार के प्रतिनिधियों से बातचीत के दौरान हमें ये आसान लगा कि कमेटी जांच करेगी तो सब सही हो जाएगा, लेकिन इतने सेंसिटिव मुद्दे का मजाक बना दिया। हम सच की लड़ाई लड़ने गए थे और हमें नहीं पता था कि हमें इस तरह से खुलकर सामने आना पड़ेगा। ये हमारे लिए बहुत बड़ी बात है। पहलवान ने दावा किया कि अगर बृजभूषण शरण सिंह को जेल नहीं हुई तो वो सभी 7 पहलवानों की जान ले लेगा।
रविवार को जंतर-मंतर पर हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के किसानों का भारी जमावड़ा लगा रहा। इस दौरान पंजाब से आए भारतीय किसान यूनियन के सदस्यों ने लंगर भी लगाया।
किसान संगठनों के पहलवानों को समर्थन देने के बाद पंजाब और हरियाणा से महिलाओं का जत्था जंतर-मंतर और दिल्ली के सिंघु और टिकरी बॉर्डर की तरफ कूच कर चुके हैं। रविवार को महिलाओं के कई जत्थे सिंघु बॉर्डर पहुंचे। सिंघु बॉर्डर पर पुलिस बैरिकेड लगाकर जांच कर रही है। बॉर्डर पर महिलाओं की संख्या इतनी अधिक थी कि लग रहा था कि कहीं एक बार फिर रोड जाम न हो जाए। महिलाएं बसों और जीप में बैठकर पहलवानों के प्रति अपना समर्थन जताने पंजाब से आई हैं। यहां दिल्ली पुलिस के उन्हें रोका, जिसके बाद किसानों ने जमकर नारेबाजी की। टिकरी बॉर्डर पहुंची महिलाएं अपने साथ खाना बनाने का सामान लेकर आईं और जंतर-मंतर के लिए रवाना हो गईं।
क्या हैं खिलाड़ियों के आरोप
1.WFI के अध्यक्ष और कुछ कोच लड़कियों का यौन उत्पीड़न करते हैं।
2.फेडरेशन के चहेते कोच महिला कोचों के साथ बदसलूकी करते हैं।
3.अध्यक्ष गाली-गलौज करते हैं, प्लेयर्स को पीटते हैं, हमें नीचा दिखाते हैं।
4.खिलाड़ियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है।
5.विशेष रूप से खिलाड़ी और राज्य को टारगेट किया जाता है।
6.खिलाड़ियों के घायल होने पर फेडरेशन कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है।
7.फेडरेशन ने मेंटली टॉर्चर किया, मैं सुसाइड करने की सोच रही थी।(विनेश फोगाट)
8.अध्यक्ष के आदेश पर रातों रात नियम बदल दिए जाते हैं।
9.कुश्ती संघ हमारे निजी जीवन में दखल देता है।
10.संघ के खिलाफ आवाज उठाने के कारण हमें धमकाया जा रहा है।