गिरिडीह। झारखंड के गिरिडीह में कोयले के अवैध खनन के दौरान चाल धंसने से मजदूर प्रकाश पासवान की मौत हो गई। बताया जाता है कि सीसीएल ओपेनकास्ट माइंस के ठीक पीछे कोयला माफियाओं के द्वारा अवैध कोयला खदान का संचालन किया जा रहा था और खदान से कोयला निकालने का काम चल रहा था।
इसी दौरान चाल धंस गयी और मजदूर प्रकाश उसमें दब गए। घटना के बाद वहां काम कर रहे अन्य मजदूर और कोयला माफिया भाग खड़े हुए। मामले की सूचना के बाद स्थानीय मुखिया शिवनाथ साव और वॉर्ड सदस्य जगदीश घटनास्थल पर पहुंचे और पुलिस को सूचित किया।
घटना की जानकारी के बाद मुफ्फसिल थाना से पुलिस पदाधिकारी ओपी सिंह के साथ सीसीएल के कर्मी मौके पर पहुंचे। स्थानीय लोगों की सहायता से शव को बाहर निकाला गया, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया। मौके पर मौजूद मृतक के भाई राजू पासवान से पुलिस ने पूछताछ की।
मृतक के भाई ने बताया कि सुबह कुछ लोग आए और उसके भाई को काम करने के लिए ले गए। सुबह 10 बजे उसे यह सूचना मिली कि उसका भाई भूमिगत खदान में दब गया है। उसने मुखिया और वॉर्ड सदस्य को इसकी सूचना दी।
मामले पर मुखिया ने कहा कि रोजगार के अभाव में लोग अपनी जान जोखिम में डालकर अवैध खनन करते हैं। ऐसे अवैध कोल माइन को न सिर्फ बंद किया जाना चाहिए बल्कि ऐसे खदान का संचालन करवा रहे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
दूसरी तरफ इस घटना के बाद इलाके में सन्नाटा पसर गया है। क्षेत्र में संचालित दूसरे अवैध खदान के अंदर घुसे लोग भी पुलिस के डर से फरार हो गए हैं। वहीं मृतक के घर के लोगों का रो रोकर बुरा हाल है। फिलहाल पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
बता दें कि सीसीएल इलाके में कोयला खनन का काम वर्षों से होता चला आ रहा है। इस खनन में कई माफिया जुड़े हैं, जो मजदूरों से कोयला निकलवा कर बाइक, बैलगाड़ी से उसकी तस्करी करवाते हैं। हाल के दो वर्षों से अवैध कोयला खदानों को भरने का काम सीसीएल और पुलिस के जरिये किया जा रहा है, लेकिन माफिया अपनी करतूतों से बाज नहीं आ रहे हैं। बताया जाता है कि तीन चार दिन पहले भी भदुआ इलाके में भी एक मजदूर खदान में गिरकर मर गया था।
बता दें इस तरह के अवैध खनन के दौरान हुई मौत कोई पहली घटना नहीं है। इस तरह की घटनाएं अक्सर होती रही हैं। रोजगार के अभाव में लोग कोयला माफियाओं के चंगुल में फंसकर अपनी जान गंवाते रहे हैं। कहने को तो ऐसी घटनाओं के बाद पुलिस जांच में जुट जाती है, जबकि सच यह है कि यह सारा खेल पुलिस की मिलीभगत से ही होता है।
बता दें कि पिछले वर्ष 10 मार्च, 2022 को सीसीएल क्षेत्र के ओपेनकास्ट कोयला खदान में पंप हाउस के पास देर रात अवैध उत्खनन के दौरान चाल धंसने से दो मजदूरों की दबकर मौत हो गई थी। घटना में तीन-चार लोग घायल भी हुए थे। मृतक मजदूरों में गपेय गांव के दलित टोला निवासी महादेव दास और अनिल तुरी थे।
इस तरह की घटनाओं पर नजर दौड़ाएं तो इस काम में प्रायः दलित वर्ग और आदिवासी समुदाय के लोग ही अधिक होते हैं। दलित और आदिवासी समुदायों के लिए तैयार की गईं सरकार की कल्याणकारी योजनाएं धरातल पर कितनी हैं और उनका इन समुदायों को कितना लाभ मिल रहा है? एक शोध का विषय है।
(झारखंड से वरिष्ठ पत्रकार विशद कुमार की रिपोर्ट।)
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