भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) को अडानी ग्रुप के शेयरों में निवेश करना बहुत महंगा पड़ा है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में हो रही भारी गिरावट के चलते देश की सबसे बड़ी घरेलू संस्थागत निवेशक एलआईसी को पिछले 50 दिनों में 49,728 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है।
एलआईसी ने अडानी ग्रुप के सात शेयरों- अडानी इंटरप्राइजेज, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी बंदरगाह और विशेष आर्थिक क्षेत्र, अडानी टोटल गैस, अडानी ट्रांसमिशन, अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी में निवेश किया है। 31 दिसंबर, 2022 को अडानी ग्रुप के शेयरों में एलआईसी का 82,970 करोड़ रुपये का निवेश था जो 23 फरवरी तक घटकर 33,242 करोड़ रुपये हो गया है।
इस हिसाब से महज 50 दिनों में एलआईसी को करीब 50,000 करोड़ रूपये का चूना लग चुका है। ये आंकड़े 31 दिसंबर, 2022 तक अडानी के शेयरों के बाजार मूल्य और उनके वर्तमान बाजार मूल्य के अंतर पर आधारित हैं।

बता दें कि बीते 24 जनवरी, 2023 को अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप पर अपनी रिपोर्ट पेश की थी। जिसमें अडानी ग्रुप पर धोखाधड़ी और स्टॉक हेरफेर सहित कई गंभीर आरोप लगाए थे। जिसके बाद अडानी ग्रुप की 10-सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों को तगड़ा झटका लगा और अडानी ग्रुप के मार्केट कैपिटलाइजेशन में 12 लाख करोड़ रुपये कम हो गए और यह 100 अरब डॉलर के नीचे पहुंच गया।
अडानी टोटल गैस के शेयरों में गुरुवार तक सबसे ज्यादा 78.50 प्रतिशत की गिरावट आई है। अडानी ग्रीन एनर्जी 73.50 प्रतिशत, अडानी ट्रांसमिशन 71.10 प्रतिशत, अडानी इंटरप्राइजेज 64.10 प्रतिशत, अडानी पावर 48.40 प्रतिशत, और नई दिल्ली टेलीविजन 41.80 प्रतिशत नीचे गिर चुका है।
अडानी विल्मर, अंबुजा सीमेंट्स, अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन और एसीसी सहित अडानी ग्रुप के शेयरों में 28 प्रतिशत से 40 प्रतिशत के बीच गिरावट आई है।
ग्रुप के शेयरों के टूटने के साथ ही गौतम अडानी की संपत्ति भी हर बीतते दिन के साथ कम होती चली गई है। अब अडानी अरबपतियों की लिस्ट में टॉप- 4 से लुढ़ककर 29वें पायदान तक आ पहुंचे हैं।
(जनचौक की कॉपी एडिटर कुमुद प्रसाद की रिपोर्ट; आंकड़े- बिजनेस टुडे से साभार)
Hard earned money of lower middle class family on stake.LIC should come forward on a brief.