प्यार का सदियों से दौरे जहां दुश्मन रहा है लेकिन इन सबके बावजूद प्यार करने वाले कम नहीं हुए। शीरी-फरहाद, हीर-राझां, लैला-मजनूं के किस्से प्यार करने वालों के हमेशा आदर्श रहे हैं। राधाकृष्ण का प्यार हो या राम-सीता का ये हमारे आदर्श हैं जिनकी ऊंचाइयों को देखते हुए कहा गया सबसे ‘ऊंची प्रेम सगाई’। हमारे यहां तो मोहब्बत करने वाले को लैला मजनूं कहा जाता है। ये प्यार के इतिहास से दो चार कराता है।
प्यार होता कैसे है उस बारे में भी हमारे समाज में लड़कियों से ये कहा जाता रहा है कि हंसी और फंसी। आशय यह कि लड़कियों के हंसने पर भी प्रतिबंध और फंसी याने प्यार को फंसने की संज्ञा दी जाती है। पर प्यार इतना ताकतवर है कि उसे किसी का खौफ, लेशमात्र भी नहीं होता। खाप पंचायतों के कठोर निर्णयों से हम भली-भांति वाक़िफ हैं पर प्यार की तासीर ही ऐसी है कि उस पर दुनिया भर के जुल्मों सितम बेअसर साबित हुए हैं। इसीलिए कहा गया है कि इश्क आग का दरिया है और डूब के जाना है।
हमारे यहां मिथक है कि भगवान कृष्ण ने अपनी बहिन सुभद्रा को अर्जुन के साथ भागने का इशारा किया था क्योंकि वे जानते थे दोनों परस्पर प्रेम करते हैं वहीं स्वत: कृष्ण जी और राधा जी का प्रेम जगजाहिर करते सैंकड़ों मंदिर हैं। इतिहास में संयोगिता और पृथ्वीराज, जोधाबाई और अकबर के प्रेम की कथायें हमें रोमांचित करती रही हैं । फिल्मों ने तो प्रेमी दिलों को अकूत ताकत दी। साथ ही साथ फिल्म के नायक नायिकाओं के प्रेम विवाह भी आम लैला-मजनूं के लिए आदर्श बने।
इससे यहां जाति और धर्म के बंधन ढीले पड़े। शर्मिला और नवाब पटौदी ने यदि हिंदू मुस्लिम के बीच ब्याह रचाया तो वहीं हेमा मालिनी और धर्मेन्द्र ने तो शादी करने के लिए मुस्लिम धर्म ही अपना लिया था। जाति बंधन और धर्म का बंधन तो कलाकारों, साहित्यकारों के बीच कभी रहा ही नहीं। इसी तरह राजा महाराजाओं और उच्च अधिकारियों, नेताओं ने भी इसे तोड़ा है। इसी लीक पर चलते हुए पिछले दिनों पहले सोनाक्षी सिन्हा ने मुस्लिम युवक से शादी रचाई। सबसे चर्चित प्रेम कहानी तो पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर और सचिन मीणा की है जब सीमा के चार बच्चों के साथ सचिन ने उससे ब्याह रचाया। एक डरावने समय में प्रेम भयातुर नहीं है।
यह इसलिए और आसान हुआ है कि इसे हमारा संविधान इज़ाजत देता है। बशर्ते दोनों पक्षों की वय विवाह समय हो, जाति और धर्म भी कभी आड़े नहीं आया ।
पिछले दशक से इस आत्मीय प्रेम सम्बंध पर सघन पहरे हैं तथा इस मौलिक और संवैधानिक अधिकार पर कुठाराघात की ख़बर से प्रेमियों में हड़कंप है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपने एक हालिया फ़ैसले में कहा है कि दो विभिन्न धर्मों के व्यक्तियों के परस्पर विवाह के लिए धर्म परिवर्तन करना अनुचित है क्योंकि विशेष विवाह अधिनियम में अलग-अलग धर्मों के व्यक्तियों के बीच विवाह का प्रावधान है। मामला एक मुस्लिम महिला के हिन्दू पुरुष से विवाह करने के लिए धर्मपरिवर्तन करने का था।
इस निर्णय के उपरांत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुस्लिम पुरुषों के विरूद्ध एक अभियान छेड़ दिया है। उनके अनुसार, मुस्लिम युवक अपनी धार्मिक पहचान छिपाकर हिन्दू लड़कियों को अपने जाल में फंसाते हैं और फिर उन्हें इस्लाम स्वीकार करने के लिए मजबूर करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी और उनकी अर्थी निकाली जाएगी। सख़्त चेतावनी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह की घटनाएं नहीं होने दी जाएंगी और इसके लिए शीघ्र ही एक कानून बनाया जाएगा। उन्होंने यह घोषणा भी की कि जो लोग इस तरह की गतिविधियों में संलग्न होंगे उनके पोस्टर सार्वजनिक स्थानों पर लगाए जाएंगे।
पिछले साल तृणमूल कांग्रेस की सांसद नुसरत जहां ने एक हिन्दू से शादी की। इसका विरोध करते हुए उन्हें ट्रोल किया गया। इसी तरह का एक मामला निकिता तोमर का भी था जिनकी एक मुस्लिम युवक ने हत्या कर दी थी ‘क्षत्रिय लाईव्स मैटर’ हैशटैग के साथ इस घटना को लव जिहाद बताते हुए प्रचारित किया गया। यहां यह उल्लेखनीय है कि संसद में आधिकारिक वक्तव्य देते हुए केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा था कि लव जिहाद जैसी कोई चीज नहीं है। उन्होंने यह बात केरल के एक सांसद द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में कही थी।
मुस्लिम युवकों और हिन्दू युवतियों के विवाह को अपमानित करने के लिए इन्हें ‘लव जिहाद’ कहा जाता है। इस तरह की शब्दावली के प्रयोग के चलते ऐसे विवाहों के बाद हिंसक घटनाओं को प्रोत्साहित किया जाता हैं। ऐसा ही कुछ सन् 2013 में उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर में हुआ था। लेकिन भाजपा नेता चाहे जो कहें, हकीकत यह है कि अंतरधार्मिक विवाहों की संख्या उंगलियों पर गिनने लायक है। तनिष्क के विज्ञापन वाली घटना भी आप भूले नहीं होंगे । इस धमकी के चलते कंपनी ने घुटने टेक दिए और विज्ञापन वापस ले लिया। यह आरोप लगाया गया कि इस तरह के विज्ञापन लव जिहाद को प्रोत्साहित करते हैं।
”लवजिहाद’ को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों ने अनेक कदम उठाने की घोषणा करने के साथ-साथ लगे हाथों हिन्दू अभिभावकों को यह सलाह भी दी कि वे यह नज़र रखें कि उनकी बेटियां किससे मिल रही हैं और मोबाइल पर किन लोगों से बात कर रहीं हैं। वे यह भी देखें कि उनकी लड़कियां कहां आती-जाती हैं। कुल मिलाकर, हिन्दू युवतियों पर महिलाओं पर नियंत्रण रखने की रणनीति तैयार की जा रही है। राम पुनियानी जी स्पष्ट रुप से मानते हैं कि यह साम्प्रदायिक राजनीति का प्रमुख एजेंडा है ताकि हिन्दू महिलाओं और लड़कियों पर पूर्ण नियंत्रण हो। महिलाओं को पुरुषों के नियंत्रण में रखना साम्प्रदायिक राजनीति का अभिन्न अंग है। चाहे साम्प्रदायिकता मुस्लिम हो या ईसाई, पुरुषों का महिलाओं पर नियंत्रण सभी का अभिन्न अंग है।
नागपुर मुख्यालय से भी यह आवाज बुलंद हुई है कि महिलाओं को घर-गृहस्थी के कामों तक स्वयं को सीमित रखना चाहिए और पुरुषों को कमाई करनी चाहिए।
और तो और अब तो सार्वजनिक वाहनों पर” पगली हंस मत -प्यार हो जाएगा ” पढ़कर दिल कांपने लगा है। उसकी हंसी पर भी सचमुच विराम ना लग जाए। मोनालिसा और सुरैया की ख़ूबसूरत हंसते खिलखिलाते चित्रों और कुंभ में मिली मोनालिसा जैसी युवतियों की मुस्कान को प्रतिबंधित ना कर दिया जाए। मुस्कान बिना कैसा समाज हम बनाने जा रहे हैं ।कहते हैं कानून तोड़ने के लिए ही बनते हैं विश्वास है हम देखेंगे फिर भी मोहब्बत करने वाले कम ना होंगे! प्यार है ही ऐसा बावला।
अफसोसनाक एक मंज़र हाल ही में भोपाल की एक अदालत में सामने आया उसने अदालत को भी शिकंजे में लिया है विदित हो भोपाल की अदालत में एक मुस्लिम और हिन्दू युवती विवाह हेतु पहुंचे जिसकी सूचना अदालत से लीक कर किसी अंदरूनी व्यक्ति ने कथित हिंदूवादी संगठन को दे दी। परिणाम स्वरूप इन प्रेम विरोधियों ने अदालत के अंदर युवक को लातें मार मारकर अधमरा कर दिया यह अदालत के कक्ष में हुआ। यह घोर निंदनीय है। जबकि लड़की चीख चीख कर कह रही थी उस पर युवक ने कोई दबाव नहीं डाला है युवक उसकी पसंद है वे दोनों एक दूसरे से मोहब्बत करते हैं।
यह तय है कि इस पाकीज़ा मोहब्बत को कोई रोक नहीं पाएगा क्योंकि प्रेमियों में प्रकृति ने अभूतपूर्व ताकत अता की है।वे साथ-साथ होंगे। मोहब्बत ज़िंदाबाद।
(सुसंस्कृति परिहार लेखिका और एक्टिविस्ट हैं।)
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