दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में बुधवार को हुए नक्सली हमले में 10 जवान शहीद हो गए। इस घटना में एक वाहन चालक भी शहीद हुआ था। नक्सली हमले में शहीद हुए जवानों में छत्तीसगढ़ सरकार के तीन गोपनीय सैनिक भी शामिल थे। दंतेवाड़ा जिले के बड़े गडरा के रहने वाले राजू करतम और जगदीश कवासी की इस घटना में शहादत हुई, जिसके बाद कड़ी सुरक्षा के बीच इन दोनों जवानों का एक साथ उनके गृह ग्राम में अंतिम संस्कार किया गया। लेकिन इस दौरान एक ऐसा मार्मिक दृश्य देखने को मिला जिसने सभी के हृदय को झकझोर कर रख दिया।
दरअसल शहीद जवान राजू करतम के अंतिम संस्कार के वक्त जब उन्हें चिता पर लेटाया गया तो उनकी पत्नी रेशमा भी चिता पर लेट गई, और जोर-जोर से रोने लगीं और कहा कि मुझे भी अपने साथ ले चलो। इस दृश्य को देखकर सभी ग्रामीणों की आंखें नम हो गईं। वहां मौजूद महिलाओं ने जैसे-तैसे जवान की पत्नी रेशमा को चिता से हटाया, जिसके बाद जवान का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में अंतिम संस्कार में शामिल हुए ग्राम वासियों ने शहीद जवान जगदीश कवासी और राजू करतम अमर रहे के नारे लगाए।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक दंतेवाड़ा जिले के बड़े गडरा गांव के रहने वाले राजू करतम और जगदीश कवासी कुछ महीने पहले दंतेवाड़ा पुलिस में गोपनीय सैनिक के रूप में भर्ती हुए थे।
गुरुवार सुबह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में जवानों को कारली पुलिस लाइन में श्रद्धांजलि देने के बाद उनके पार्थिव शरीर को उनके गृह ग्राम रवाना किया गया। बड़े गडरा नक्सल प्रभावित क्षेत्र है ऐसे में पुलिस सुरक्षा के बीच राजू करतम और जगदीश कवासी के शव को उनके गृह ग्राम पहुंचाया गया। चूंकि दोनों जवान एक ही मोहल्ले के रहने वाले थे ऐसे में गांव के श्मशान घाट में एक साथ दोनों जवानों का अंतिम संस्कार किया गया।
इस दौरान उनके अंतिम संस्कार में पूरा गांव का गांव उमड़ पड़ा और सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण जवानों के अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
(बस्तर से तामेश्वर सिन्हा की रिपोर्ट।)
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