मसूरी : दमघोटू ट्रैफिक ने पर्यटक की ले ली जान

मसूरी में हाल ही में भारी ट्रैफिक जाम और खराब सड़कों के कारण एक बीमार पर्यटक को समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका। इस देरी के परिणामस्वरूप पर्यटक की मृत्यु हो गई। यह घटना उत्तराखंड के पर्यटक स्थलों पर बुनियादी ढांचे की खामियों और अव्यवस्थित ट्रैफिक प्रबंधन की गंभीर समस्या को उजागर करती है।

उत्तराखंड, जिसे ‘देवभूमि’ के नाम से जाना जाता है, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और चारधाम यात्रा के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। मसूरी और नैनिताल जैसे हिल स्टेशन हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। लेकिन हाल के वर्षों में, इन पर्यटक स्थलों की सड़कों की बदहाली और ट्रैफिक की अव्यवस्था ने न केवल पर्यटकों के अनुभव को खराब किया है, बल्कि गंभीर मानवीय त्रासदियों को भी जन्म दिया है।

मसूरी: ट्रैफिक जाम और सड़कों की बदहाली

मसूरी, जिसे ‘पहाड़ों की रानी’ कहा जाता है, पर्यटकों के लिए स्वर्ग माना जाता है। लेकिन इस स्वर्ग की सड़कों का हाल बद से बदतर होता जा रहा है। गलोगी क्षेत्र में बार-बार होने वाले भूस्खलन ने मसूरी जाने वाले मार्ग को लगातार अवरुद्ध कर रखा है। पिछले वर्षों में भूस्खलन की घटनाएं बढ़ी हैं, और दूसरी बरसात का मौसम शुरू होने के बावजूद इस मार्ग को ठीक करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।

मसूरी के भीतर की स्थिति और भी चिंताजनक है। कैमल्स बैक रोड, जो अपनी शांतिपूर्ण सैर और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जानी जाती थी, अब दुपहिया वाहनों के लिए भी मुश्किल बन चुकी है। सड़कों पर गड्ढे, अनियोजित निर्माण और भारी ट्रैफिक ने इस रास्ते को लगभग अयातायात योग्य बना दिया है। एक स्थानीय निवासी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “पहले यहां कुदरती झरना देखने लोग आते थे, अब पर्यटन के नाम पर सड़कों पर मीलों लंबे जाम और बदहाली है।”

नैनिताल: पर्यटन के साथ अव्यवस्था का बोझ

नैनीताल, उत्तराखंड का एक और प्रमुख पर्यटन स्थल, भी इसी तरह की समस्याओं से जूझ रहा है। यहां की सड़कें और ट्रैफिक व्यवस्था पर्यटकों की बढ़ती संख्या को संभालने में असमर्थ हैं। तंग सड़कें, खराब रखरखाव और अपर्याप्त पार्किंग सुविधाएं नैनीताल में ट्रैफिक जाम की मुख्य वजह बन रही हैं। पर्यटकों को घंटों जाम में फंसना पड़ता है, जिससे न केवल उनका समय बर्बाद होता है, बल्कि आपातकालीन स्थिति में अस्पताल पहुंचने में देरी जैसी गंभीर समस्याएं भी सामने आ रही हैं।

सड़कों का निर्माण और क्षमता का आकलन आवश्यक

मसूरी और नैनीताल में यातायात की समस्या विशेष रूप से सप्ताहांत और छुट्टियों के दौरान बढ़ जाती है। गांधी चौक, मॉल रोड, और नैनीताल में रूसी बाईपास जैसे प्रमुख क्षेत्रों में लंबे ट्रैफिक जाम आम हैं। स्थानीय लोगों और पर्यटकों दोनों को घंटों तक जाम में फंसना पड़ता है। इसकी मुख्य वजह है अपर्याप्त पार्किंग सुविधाएं और संकरी सड़कें।

मसूरी में पार्किंग की कमी के कारण वाहन सड़कों पर ही खड़े किए जाते हैं, जिससे यातायात बाधित होता है। नैनीताल में भी यही स्थिति है, जहां होटल बुकिंग के बिना आने वाले पर्यटकों को रूसी बाईपास पर रोककर अस्थायी पार्किंग में भेजा जाता है। स्थानीय प्रशासन ने कुछ उपाय किए हैं, जैसे मसूरी में टैक्सी चालकों को निर्दिष्ट पार्किंग स्थलों का उपयोग करने के निर्देश और नैनीताल में होटल बुकिंग की अनिवार्यता। फिर भी, ये प्रयास स्थायी समाधान नहीं दे पाए हैं।

विशेषज्ञों का सुझाव है कि सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना, नई सड़कों का निर्माण, और पर्यटक स्थलों की क्षमता का आकलन करना आवश्यक है। मसूरी और नैनीताल जैसे स्थानों की प्राकृतिक सुंदरता को बनाए रखने के लिए यातायात प्रबंधन और बुनियादी ढांचे में सुधार जरूरी है। बिना समय रहते कदम उठाए, ये हिल स्टेशन अपना आकर्षण खो सकते हैं, और पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोग भी परेशान होंगे।

चारधाम मार्ग और बस अड्डों की तंगी

चारधाम यात्रा उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग की रीढ़ है, लेकिन इस मार्ग की स्थिति भी दयनीय है। सड़कों पर गड्ढे, भूस्खलन और अपर्याप्त चौड़ीकरण ने यात्रियों के लिए जोखिम बढ़ा दिया है। बस अड्डों की स्थिति और भी खराब है। अधिकांश बस अड्डे इतने तंग हैं कि वाहनों का रुकना और यातायात का प्रबंधन असंभव-सा हो गया है। पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को घंटों इंतज़ार करना पड़ता है, जिससे उनकी यात्रा का अनुभव खराब होता है।

सरकार का रवैया: प्रचार ज्यादा, समाधान कम

उत्तराखंड सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बड़े-बड़े दावे करती है। विज्ञापनों और प्रचार अभियानों पर लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं, लेकिन सड़कों की मरम्मत, ट्रैफिक प्रबंधन और बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान न के बराबर है। मसूरी में हुई हालिया त्रासदी इस बात का प्रमाण है कि सरकार की प्राथमिकताएं गलत दिशा में हैं। यदि समय रहते इन समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया, तो उत्तराखंड का पर्यटन उद्योग गंभीर संकट का सामना कर सकता है।

समाधान के लिए सुझाव

मसूरी, नैनीताल और चारधाम मार्ग की सड़कों को तत्काल ठीक करने और चौड़ा करने की आवश्यकता है। भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में स्थायी समाधान, जैसे रिटेनिंग वॉल और ड्रेनेज सिस्टम, लागू किए जाएं। पर्यटक सीजन के दौरान ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए विशेष योजनाएं बनाई जाएं। स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल और पार्किंग सुविधाओं का विकास आवश्यक है। तंग बस अड्डों को चौड़ा करने और आधुनिक सुविधाओं से लैस करने की जरूरत है। पर्यटकों को सड़क और मौसम की स्थिति के बारे में पहले से सूचित किया जाए ताकि वे अपनी यात्रा की बेहतर योजना बना सकें।

उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक महत्व इसे पर्यटकों के लिए एक आदर्श गंतव्य बनाते हैं, लेकिन सड़कों की बदहाली और ट्रैफिक की अव्यवस्था इस अनुभव को बिगाड़ रही है। मसूरी में हुई हालिया त्रासदी एक चेतावनी है कि सरकार को प्रचार से ज्यादा बुनियादी ढांचे पर ध्यान देना होगा। यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो उत्तराखंड का पर्यटन उद्योग अपनी चमक खो सकता है।

(जयसिंह रावत वरिष्ठ पत्रकार हैं।)

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