अब जिग्नेश मेवानी भाजपा के निशाने पर

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कांग्रेस समर्थित गुजरात के निर्दलीय विधायक और चर्चित दलित कार्यकर्ता एवं राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के संयोजक जिग्नेश मेवानी को 20 अप्रैल की आधी रात को असम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उन्हें गुजरात के बनासकंठा जिले के पालनपुर सर्किट हाउस से गिरफ्तार किया गया। मेवानी गुजरात के वडगाम से विधायक हैं। वह एक वकील और पूर्व पत्रकार भी हैं। जिग्नेश मेवानी ने सितंबर 2021 में कन्हैया कुमार के साथ कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की थी, भले तकनीकी वजहों से उन्होंने कांग्रेस की औपचारिक सदस्यता नहीं ली थी। उन्होंने राहुल गांधी के नेतृत्व को स्वीकार किया था।

असम पुलिस का कहना है कि असम में उनके खिलाफ दर्ज हुए एक मामले की जांच के चलते पुलिस ने यह कार्रवाई की है। मेवानी के करीबी से मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने 2 दिन पहले देश में हिंसक घटनाओं को लेकर एक ट्वीट किया था जिसमें लिखा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नाथूराम गोडसे की विचारधारा में विश्वास रखते हैं इसलिए वे देश में शांति की अपील नहीं करेंगे। इस ट्वीट से नाराज मोदी समर्थक की ओर से असम में जिग्नेश मेवानी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने बताया कि उनके खिलाफ दर्ज शिकायत को लेकर ही उनको हिरासत में लिया गया तथा ट्रांजिट रिमांड पर अहमदाबाद से दिल्ली तथा दिल्ली से असम ले जाया गया है।

मेवानी ने खुद अपनी गिरफ्तारी की जानकारी ट्विटर के जरिए दी। हालांकि, बाद में पुलिस अधिकारियों ने उनके ट्वीट्स को भी रोक दिया। गिरफ्तारी के बाद जिग्नेश मेवानी ने कहा कि मेरे किसी ट्वीट के सिलसिले में मुझे गिरफ्तार किया गया है। हालांकि, पुलिस ने मुझे कोई सटीक जानकारी नहीं दी। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुझे केस के बारे में नहीं बताया गया और न ही केस से संबंधित कोई कागजात दिखाए गए। मेवानी ने कहा, ‘मैं किसी झूठी शिकायत से नहीं डरता। मैं अपनी लड़ाई जारी रखूंगा।’मेवानी के सहयोगी सुरेश जाट ने बताया कि गुजरात के प्रमुख दलित नेता मेवानी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-153ए के तहत प्राथमिकी दर्ज होने के तुरंत बाद गिरफ्तार किया गया, जो समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने से संबंधित अपराधों से जुड़ी हुई है।

यह प्राथमिकी असम के कोकराझार थाने में एक भाजपा कार्यकर्ता अरूण कुमार देव द्वारा दर्ज कराई गई थी। यह एफआईआर 19 अप्रैल को दर्ज कराई गई थी। जिग्नेश मेवानी के समर्थकों के मुताबिक असम पुलिस की टीम ने अपने यहां दर्ज मामले का हवाला देते हुए गिरफ्तारी की कार्रवाई को अंजाम दिया है। समर्थकों का आरोप है कि असम पुलिस की ओर से उनको एफआईआर की कॉपी नहीं दी गई जो कथित रूप से उनके खिलाफ दर्ज है।

गुजरात में बुधवार देर रात दलित नेता जिग्नेश मेवानी की गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। राहुल गांधी ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि आप असहमति को कुचल सकते हैं लेकिन सच्चाई को कैद नहीं कर सकते। राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘मोदी जी आप स्टेट की मशीनरी का दुरुपयोग कर असहमतियों को दबाने का प्रयास कर सकते हैं। लेकिन आप सत्य को कैद नहीं कर सकते हैं।’ अपने ट्वीट में राहुल गांधी ने डरो मत और सत्यमेव जयते हैशटैग भी दिया था। वहीं, कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता और महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया कि बीजेपी डरी हुई है। सूरजेवाला ने प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि तानाशाह डरा हुआ है, बादशाह डरा हुआ है, जिग्नेश मेवानी की रात में गिरफ्तारी दहशत का संकेत है।

जिग्नेश की गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है जब गुजरात में इसी साल विधानसभा चुनाव होना है। इसको लेकर प्रदेश की सियासी सरगर्मी भी बढ़ गई है। गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने अहमदाबाद एयरपोर्ट पर उनसे मुलाकात की। जिग्नेश से मिलने जगदीश ठाकोर के साथ गुजरात कांग्रेस के कई नेता भी मौजूद थे। इनमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विधायक गयासुद्दीन शेख, इमरान खेड़ावाला, डॉ. सीजे चावड़ा, कांग्रेस नेता बिमल शाह, नगर अध्यक्ष नीरव बख्शी शामिल थे।

जिग्नेश मेवानी की गिरफ्तारी पूरे देश में भाजपा के राजनीतिक विरोधियों को  डराने, चुप कराने और तोड़ने की कड़ी का ही एक हिस्सा माना जा रहा है। पूरे देश में भाजपा के राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर सरकारी एजेंसियों का दुरूपयोग किया जा रहा है। इस सिलसिले का ताजा शिकार मेवानी बने हैं।

(जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)

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