संसद में अपशब्दों के इस्तेमाल पर दंडित किए जाने की जगह बिधूड़ी पुरस्कृत, विपक्ष ने बोला तीखा हमला

नई दिल्ली। संसद के भीतर घोर आपत्तिजनक और तकरीबन गाली-गलौच वाले शब्दों के इस्तेमाल के चलते विवाद में आए सांसद रमेश बिधूड़ी को दंडित किए जाने की जगह बीजेपी ने उन्हें पुरस्कृत कर राजस्थान के टोंक जिले का चुनाव प्रभारी बनाया है। इस खबर के सामने आने के बाद ही विपक्षी दलों की ओर से तीखी प्रतिक्रिया हुई है। गौरतलब है कि संसद के विशेष सत्र के दौरान लोकसभा में बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने बीएसपी सांसद दानिश अली के लिए भड़वा और कटुआ से लेकर तमाम किस्म के आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था। इस पर विपक्षी दलों ने सांसद के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।

लेकिन अब उन्हें दंडित करने की जगह पार्टी ने राजस्थान के चुनाव में अहम जिम्मेदारी है। हालांकि दबाव में ही सही पार्टी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जरूर जारी किया था और इस बीच खबर आयी थी कि उनकी पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बीजेपी हेडक्वार्टर में मुलाकात भी हुई थी। लेकिन दंड की जगह उसके बाद उनकी इस नई जिम्मेदारी की खबर आ रही है। जिसमें चार विधानसभा क्षेत्रों वाले इस जिले को देखने की जिम्मेदारी उन्हें दी गयी है। बताया जा रहा है कि जिले में गुर्जरों की अच्छी खासी आबादी है। और बिधूड़ी भी गुर्जर समुदाय से आते हैं। लिहाजा बीजेपी को उम्मीद है कि सांसद बिधूड़ी यहां कुछ वोटों को पार्टी के खाते में डलवा सकते हैं। मौजूदा समय में जिले की चार सीटों में बीजेपी का सिर्फ एक सीट मलपुरा पर कब्जा है। जबकि बाकी तीन सीटें कांग्रेस के पास हैं। टोंक सीट से सचिन पायलट विधायक हैं जो खुद एक गुर्जर समुदाय से आते हैं।

बिधूड़ी की इस नियुक्ति के बाद विपक्षी दलों के बयान आने शुरू हो गए हैं। बीजेपी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ नारे का जिक्र करते हुए कांग्रेस के मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा कि “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास- यह सब है इनका बकवास”।

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने बिधूड़ी को एक मुस्लिम सांसद के खिलाफ टिप्पणी करने के बाद इस तरह से पुरस्कृत किए जाने पर कहा कि एक कारण बताओ नोटिस वाले शख्स को बीजेपी द्वारा कैसे एक नई भूमिका दी जा सकती है? नरेंद्र मोदी जी- अल्पसंख्यकों के लिए क्या आपकी यही स्नेह यात्रा, आपका प्यार है? 

कांग्रेस नेता और गुजरात से विधायक जिग्नेश मेवानी ने भी इसकी निंदा की है। उन्होंने एक्स पर लिखा है कि “जिस रमेश बिधूड़ी ने अपनी भाषा से नई संसद को कलंकित किया, उसी व्यक्ति को भाजपा ने राजस्थान चुनाव में अहम ज़िम्मेदारी दी हैं। भाजपा की क्या विचारधारा है और पार्टी किस प्रकार के लोगों को बढ़ावा देती है वह स्पष्ट हो चुका है। जो अधिक नफरत फैलाएगा और भड़काने वाली बयानबाज़ी करेगा, पार्टी उसे ही आगे ले जाएगी। यही इस पार्टी का चाल, चरित्र है”।

इस बीच आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे चुनाव प्रचार के सिलसिले में छत्तीसगढ़ में होंगे जबकि गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा जयपुर में। बिधूड़ी के नियुक्त किए जाने के ठीक बाद इन दोनों नेताओं का राजस्थान दौरा यह साबित करता है कि बीजेपी हाईकमान ने यह फैसला पूरी तरह से सोच-समझ कर लिया है और इसके जरिये वह कुछ बड़ा हासिल करने की फिराक में है।  

इस घटना से यह बात भी साबित होती है कि बीजेपी और केंद्र सरकार के लिए संसद अब कोई पवित्र जगह नहीं बल्कि अपने राजनीतिक स्वार्थों को हासिल करने के लिए वह किसी भी हद तक जा सकते हैं। और इस घटना ने यह भी बता दिया कि पार्टी की न तो संविधान और न ही संसद में कोई आस्था है। और आने वाले दिनों में इन दोनों की प्रासंगिकता कैसे कम किया जाए पार्टी उसके लिए अतिरिक्त प्रयास करती हुई दिखे तो किसी को अचरज नहीं होना चाहिए।

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