Saturday, April 27, 2024
प्रदीप सिंह
प्रदीप सिंहhttps://www.janchowk.com
दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय और जनचौक के राजनीतिक संपादक हैं।

ईडी के सहारे बीजेपी कर रही साजिश, केजरीवाल की गिरफ्तारी पर क्या करेगी AAP?

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार, 2 नवंबर को नई आबकारी नीति मामले में पूछताछ के लिए बुलाया है। इसी मामले में दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और सांसद संजय सिंह जेल में बंद हैं। अब ईडी ने अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया है। गौरतलब है कि अभी मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को जमानत नहीं मिली है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ईडी केजरीवाल को भी गिरफ्तार करेगी?

सवाल यह भी है कि ईडी अभी तक मनीष सिसोदिया और संजय सिंह पर रिश्वत लेने का सबूत अदालत में पेश नहीं कर पाई है। ऐसे में क्या ईडी केंद्र सरकार के इशारे पर विपक्षी दलों के नेताओं को परेशान और बदनाम करने की साजिश का हिस्सा है?

दरअसल, पिछले 9 वर्षों में ईडी और सीबीआई ने जितने छापे और गिरफ्तारियां की हैं, वह सब विपक्षी दलों के नेताओं की ही हैं। ईडी को अभी तक सत्तापक्ष से जुड़े किसी सांसद-मंत्री का भ्रष्टाचार नहीं दिखा है। ईडी ने पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी, झारखंड में हेमंत सोरेन, छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के सहयोगियों, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी से जुड़े लोगों, राजस्थान में कांग्रेस नेताओं और मध्य प्रदेश में कांग्रेस नेताओं और समर्थकों के यहां ही छापे मारे हैं। ऐसे में विपक्षी दलों के आरोप में दम है कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह विपक्षी दलों से राजनीतिक हार का बदला लेने की भावना से छापे मरवा रहे हैं।

कांग्रेस के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन बनने और उसमें आम आदमी पार्टी के शामिल होने के बाद से ईडी के छापे विपक्षी नेताओं पर तेज हो गए। इंडिया गठबंधन के पटना और मुंबई में हुई बैठक में कांग्रेस समेत कई नेताओं ने यह आशंका जाहिर की थी कि अब गठबंधन में शामिल नेताओं पर छापे और गिरफ्तारी की कार्रवाई तेज होगी। आम आदमी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता केजरीवाल को ईडी द्वारा पूछताछ के लिए बुलाने को इंडिया गठबंधन में शामिल होने की सजा के तौर पर देख रहे हैं।

आम आदमी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता भी अरविंद केजरीवाल से पूछताछ की नोटिस मिलने के बाद कह रहे हैं कि दिल्ली में आप से राजनीतिक हार और इंडिया गठबंधन में शामिल होने के बाद अब भाजपा ईडी के सहारे बदला लेने की कोशिश कर रही है।

मंगलवार को दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय, आतिशी, सौरभ भारद्वाज, दिलीप पांडे और संदीप पाठक सहित पार्टी नेताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा आप को “नष्ट” करने के लिए केजरीवाल को गिरफ्तार कराना चाहती है।

गोपाल राय ने कहा कि “आप सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही उसे खत्म करने की साजिश चल रही है और अब भाजपा नेता ईडी के माध्यम से अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की तैयारी कर रहे हैं। भाजपा नेता सोमवार से चिल्ला रहे हैं कि चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी है, इसलिए अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया जाएगा।”

यदि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार होते हैं तो दिल्ली में आम आदमी पार्टी के सामने नेतृत्व का संकट पैदा हो सकता है। आप के लिए अस्थायी तौर पर केजरीवाल की जगह लेने वाला नेता ढूंढना आसान नहीं होगा। सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक पार्टी इस स्थिति के लिए अपने को तैयार कर रही है और अंदरखाने नेतृत्व पर विचार-विमर्श भी चल रहा है। पार्टी ने जरूरत पड़ने पर संभावित बदलाव पर सुझाव के लिए अपने कुछ भरोसेमंद विधायकों और सलाहकारों से संपर्क किया है।

इसके पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह एक ही मामले में जेल में हैं और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित एक अलग मामले में जमानत पर हैं, इसलिए नेतृतव पर विचार करने के लिए नेताओं का चयन सीमित है।

यह पहली बार नहीं है कि सीएम की गिरफ्तारी के डर से पार्टी को हंगामा करना पड़ा है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, अप्रैल में जब केजरीवाल को सीबीआई ने पूछताछ के लिए बुलाया था तो गोपाल राय और संजय सिंह जैसे वरिष्ठ नेताओं के नाम पर चर्चा हुई थी।

पार्टी सूत्रों ने कहा कि इस बार भी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं राम निवास गोयल, आतिशी औऱ गोपाल राय के नामों पर चर्चा हो रही है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि “अंतिम निर्णय पूरी तरह से सीएम का है। ऐसे कई विचार हैं जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इससे पहले कि वह पूछताछ के लिए जाएं, इनमें से कुछ चीजों को दूर करने की जरूरत है।”

गोपाल राय इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन का हिस्सा थे और 2012 में पार्टी की स्थापना के बाद से आप का हिस्सा रहे हैं। वह दिल्ली राज्य संयोजक और आप की राजनीतिक मामलों की समिति के सदस्य हैं। 2014 में आप में शामिल हुए पूर्व भाजपा विधायक गोयल दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष हैं। फिलहाल दिल्ली कैबिनेट में आतिशी के पास सबसे ज्यादा विभाग हैं।

लेकिन इस बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की आशंका के बीच पार्टी जमीनी समर्थन जुटाने पर चर्चा कर रही है।

हालांकि दिल्ली में शासन कोई तात्कालिक समस्या नहीं है क्योंकि मुख्यमंत्री के रूप में केजरीवाल के पास कोई विभाग नहीं है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि सबसे बड़ी चिंता आप को एकजुट रखने की है। 70 सदस्यीय विधानसभा में पार्टी के 62 विधायक हैं। कई विधायक लगातार तीसरी बार चुनाव जीते हैं लेकिन असली समस्या नेतृत्व की है।

पार्टी के एक सूत्र ने कहा कि “चुनौती किसी ऐसे व्यक्ति को ढूंढना है जो विधायकों के लिए स्वीकार्य हो और जो कुछ हद तक अधिकार का प्रयोग कर सके, क्योंकि अगर सीएम को गिरफ्तार किया जाता है, तो यह AAP के लिए अब तक की सबसे बड़ी चुनौती होगी। विधायकों को एकजुट रखने की जरूरत है। आदर्श विकल्प वह व्यक्ति होगा जो शुरू से ही पार्टी के साथ रहा हो और शीर्ष नेतृत्व उस पर भरोसा करता हो। एक अनुभवी हाथ, जो दिल्ली की राजनीति के अंदर और बाहर को समझता है, भी महत्वपूर्ण है। ”

केजरीवाल की गिरफ्तारी की स्थिति में सिर्फ मुख्यमंत्री ही नहीं पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक की नियुक्ति का मामला भी सामने होगा। केजरीवाल 2012 में आप की स्थापना के बाद से ही इसके राष्ट्रीय संयोजक हैं।

इसके अलावा, पार्टी राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनाव भी लड़ रही है, जहां उसके अभियानों की देखरेख राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय महासचिव संदीप पाठक और राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता कर रहे हैं।

(प्रदीप सिंह जनचौक के राजनीतिक संपादक हैं।)

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