हरियाणा और कश्मीर के चुनाव रोचक मोड़ पर हैं। जहां दोनों राज्यों में इंडिया गठबंधन की सरकार बनती दिख रही है। लोक पोल सर्वे के अनुसार जम्मू कश्मीर में इंडिया गठबंधन को 39% से 41% मत के साथ 47 से 51सीट मिलने का अनुमान है।
वहीं बीजेपी को 26 से 29% मत के साथ 22 से 26 सीट का अनुमान है। महबूबा मुफ्ती को 16 से 18% मत के साथ 5 से 9 सीट मिलने का अनुमान है। अन्य को 11 से 14% मत के साथ 11 सीटें मिलने का अनुमान है।
इस बीच इंजीनियर रशीद ने ऐलान किया है कि वे किसी भी हाल में भाजपा से हाथ नहीं मिलाएंगे। उन्होंने संकेत दिया है कि जरूरत पड़ने पर वे इंडिया गठबंधन को समर्थन दे सकते हैं। जाहिर है इस सूरत में वहां किसी भी तरह भाजपा की सरकार बनने की दूर-दूर तक कोई संभावना नहीं है।
मोदी के नया कश्मीर के नारे को जनता ने रिजेक्ट कर दिया है, क्योंकि उसकी हकीकत जनता पिछले दस साल में अच्छी तरह समझ चुकी है। यह अनायास नहीं है कि भाजपा ने इस बार कश्मीर में 1996 के बाद सबसे कम सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं।
इस बार 47 सीटों में से मात्र 19 पर उसने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि 1996 में यह संख्या 13 थी।
वैसे भी कश्मीर में उसका अधिकतम वोट 2014 में रहा है जो मात्र 2.24% था, जब उसने 34 उम्मीदवार उतारे थे। जाहिर है जिन सीटों पर वह नहीं लड़ रही वहां उनकी कोशिश होगी कि वहां ऐसे उम्मीदवार जीत कर आएं जो बाद में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में उसकी सरकार बनवा सकें।
लेकिन इससे उन दावों की धज्जियां उड़ गई हैं कि भाजपा राज में कश्मीर में बेहतरी आई है। अगर ऐसा है तो भाजपा प्रत्याशी उतारने की हिम्मत क्यों नहीं कर पा रही ?
कश्मीर में कांग्रेस ने जनता से जो वायदे किए हैं, उनमें राज्य का दर्जा बहाल करने के अलावा प्रमुख है, युवाओं के लिए एक लाख पक्की भर्ती। भर्ती प्रक्रिया तीस दिन के अंदर जारी कैलेंडर के अनुसार समयबद्ध ढंग से पूरी की जाएगी। सरकार सभी बेरोजगार युवाओं को तीन हजार भत्ता देगी।
ज्ञातव्य है कि कश्मीर, हरियाणा के बाद देश में सर्वाधिक बेरोजगारी वाला राज्य है। सरकार ने किसानों से वायदा किया है कि सेब की MSP की गारंटी की जाएगी। इसके अलावा चार हजार रूपए सभी किसानों को अतिरिक्त मदद दी जाएगी। पूरी मुफ्त सिंचाई सुनिश्चित की जायेगी। इसके लिए 2500 करोड़ का फंड बनाया जाएगा।
हरियाणा में लोक पोल के अनुसार कांग्रेस 58 से 65 सीटें जीत सकती है, भाजपा 20 से 29 सीटें और अन्य 3 से 5 सीट जीत सकते हैं। सीएसडीएस के संजय कुमार के अनुसार मतदाता नाराज हैं और वे किसी भी हाल में बदलाव चाहते हैं। तमाम नेता भाजपा छोड़ रहे हैं।
इसके अलावा लोकसभा चुनाव में जहां भाजपा की जीत की अधिक उम्मीद मानी जाती है, जब उसमें वह आधी सीटें हार गई तब विधानसभा में वह बहुमत कैसे पा सकती है ?
हरियाणा चुनाव में मोदी पिछड़ा कार्ड खेलने और फिर वही जाट विरोधी गोलबंदी करने की फिराक में हैं। इसके अलावा कांग्रेस के अंदर के गुटीय कलह को हवा देने और दलितों में घुसपैठ की भी कोशिश कर रहे हैं।
हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कुमारी सैलजा को भाजपा में आने का ऑफर तक दे दिया है।
उन्हें लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए खट्टर ने कहा कि ” कांग्रेस ने पार्टी की दलित नेता कुमारी सैलजा का अपमान किया है। सैलजा को गालियां तक दी गई हैं और अब वो घर बैठीं हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और गांधी परिवार को उनका अपमान करने के बाद भी शर्म नहीं आई”
उन्होंने आगे कहा कि, “हम कई बड़े नेताओं को अपने साथ लेकर आए हैं और हम उन्हें भी अपने साथ लेकर आने को तैयार हैं”
हरियाणा में भाजपा कांग्रेस की गारंटियों की तर्ज पर अपनी गारंटी दे रही है, मसलन 500 में गैस सिलेंडर या महिलाओं को कैश ट्रांसफर की लाडली बहना योजना, लेकिन 10 साल शासन कर चुकी भाजपा की इन घोषणाओं की अब विश्वसनीयता नहीं बची है।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा “हरियाणा में BJP का घोषणापत्र कांग्रेस के घोषणापत्र की नकल है।
कांग्रेस ने जो वायदे किए हैं, उनमें प्रमुख हैं दो लाख पक्की नौकरी, 500 में गैस सिलेंडर, 6000 वृद्धा, विधवा, विकलांग पेंशन, 25 लाख तक मुफ्त इलाज, क्रीमी लेयर की सीमा बढ़ाकर 10 लाख, सौ गज प्लॉट, साढ़े तीन लाख का दो कमरे का मकान, तीन सौ यूनिट बिजली फ्री, महिलाओं को हर महीने दो हजार राशि, एमएसपी की गारंटी आदि।
हरियाणा में कांग्रेस को सत्ता विरोधी लहर का फायदा मिल रहा है, लेकिन कांग्रेस कहीं हुड्डा और कुमारी शैलजा की गुटीय लड़ाई में सेल्फ गोल तो नहीं करने वाली है?
उम्मीद है ऐसा नहीं होगा। हरियाणा और जम्मू कश्मीर दोनों जगह भाजपा उखड़ती है तो आने वाले महत्वपूर्ण चुनावों, महाराष्ट्र, झारखंड, दिल्ली और UP के चिरप्रतीक्षित उपचुनावों पर इसका असर पड़ना तय है।
(लाल बहादुर सिंह इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष हैं।)
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