Friday, March 29, 2024

कृषि विधेयक पर डिप्टी चेयरमैन ने दिया जवाब, कहा- सिवा अपनी सीट पर थे लेकिन सदन नहीं था आर्डर में

नई दिल्ली। राज्य सभा के डिप्टी चेयरमैन हरिवंश नारायण सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि यह बात सही है कि डीएमके सांसद तिरुची सिवा मत विभाजन की मांग करते समय अपनी सीट पर थे लेकिन इसके साथ ही मत विभाजन के समय सदन का आर्डर में होना भी उतना ही जरूरी होता है।

गौरतलब है कि कल इंडियन एक्सप्रेस ने राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान 1 बजे दोपहर से लेकर 1.26 बजे दोपहर तक (जिसके बाद सदन 15 मिनट के स्थगित हो गया था) की मिनट दर मिनट की कार्यवाही का ब्योरा दिया था। जिसमें यह दिखाया गया था कि सीपीएम सांसद केके राजेश भी 1.11 बजे अपनी सीट पर थे जब उन्होंने बिल में अमेंडमेंट पर मत विभाजन की मांग की थी। और इस तरह से उन्होंने डिप्टी चेयरमैन के उस तर्क को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि मत विभाजन की मांग करते समय सदस्य का अपनी सीट पर होना जरूरी है।

कल दिए गए अपने बयान में डिप्टी चेयरमैन ने कहा कि “अध्यादेश को खारिज करने वाला विधायी प्रस्ताव और बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजे जाने संबंधी श्री केके राजेश द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को 1.07 बजे ध्वनि मत से खारिज कर दिया गया था। और उस मौके पर श्री राजेश वेल में थे अपनी सीट पर मौजूद नहीं थे।”

विजुअल दिखाता है कि राजेश 1.11 बजे अपनी सीट पर थे जब बिल को क्लाज के बाद क्लाज के हिसाब से विचार करने के लिए लिया गया और जिसमें राजेश का अमेंडमेंट भी शामिल था। बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजे जाने के राजेश समेत सभी सदस्यों के प्रस्ताव के बाद क्लाज के बाद क्लाज के हिसाब से बिल पर विचार शुरू हुआ था।

डिप्टी चेयरमैन ने कहा कि “यह बात सही है कि श्री तिरुची सिवा बिल के संदर्भ में सेलेक्ट कमेटी संबंधी प्रस्ताव पर मतविभाजन की मांग के समय 1.10 पीएम पर अपनी सीट पर थे। आप उसी वीडियो में देखेंगे कि 1.09 के आस-पास एक सदस्य रूल बुक को फाड़ रहा है और उसे मेरे ऊपर फेक रहा है। इसके अतिरिक्त हम कुछ बेहद नाराज सदस्यों से घिरे हुए थे जो मुझसे मेरा पेपर छीनने की कोशिश कर रहे थे।”

डिप्टी चेयरमैन ने कहा कि “नियम और परंपरा के हिसाब से मत विभाजन के लिए दो चीजें बहुत जरूरी हैं। पहली मत विभाजन के लिए मांग होनी चाहिए और उसके साथ ही सदन में आर्डर का होना भी उतना ही जरूरी है।” डिप्टी चेयरमैन के दफ्तर ने भी 12.56 से लेकर 1.57 के बीच का मिनट दर मिनट ब्योरा दिया है।

उसके मुताबिक जब कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर विधेयक का जवाब दे रहे थे। “कुछ सदस्यों ने चेयरमैन की अथारिटी की अवमानना की, राज्यसभा के नियमों की अनदेखी की और जानबूझकर पूरे होशो हवास में सदन की कार्यवाही में बाधा पहुंचायी।”

इस बीच सांसद केके राजेश ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर राज्यसभा सांसद के तौर पर कार्यवाही के दौरान अलोकतांत्रिक तरीके से अपने अधिकारों के खारिज किए जाने की शिकायत की है।

जिसमें उन्होंने कहा है कि अनियंत्रित व्यवहार का आरोप लगाकर 8 सदस्यों को निलंबित किए जाने की घटना डिप्टी चेयरमैन के बेहद पक्षपाती रवैये को दिखाता है। साथ ही उन्होंने कहा है कि 20 सितंबर, 2020 का राज्य सभा टीवी का वीडियो फुटेज इस बात को साबित करता है कि डिप्टी चेयरमैन द्वारा 8 सदस्यों को निलंबित किए जाने के पीछे बताया गया कोई भी कारण तथ्यों से मेल नहीं खाता है।

राष्ट्रपति से विधेयक पर हस्ताक्षर न करने की गुजारिश करते हुए (हालांकि इस बीच खबर यह है कि राष्ट्रपति ने विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिया है) उन्होंने कहा कि “विधेयकों संबंधी अपने विधायी प्रस्ताव पर मैं राज्यसभा की गैलरी में स्थित अपनी सीट संख्या 92 से तकरीबन 1.05 बजे लगातार वोट की मांग करता रहा।” 

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles