Sunday, April 28, 2024

नेशनल हेराल्ड मामला: ईडी ने एजेएल की 752 करोड़ रुपये की संपत्ति की जब्त

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड केस में यंग इंडियन की 752 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। कांग्रेस से जुड़े यंग इंडियन के खिलाफ मनी-लॉन्ड्रिंग जांच में यह कार्रवाई की गई है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार पांच राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनावों में निश्चित हार से ध्यान भटकाने के लिए “प्रतिशोध की राजनीति” के तहत यह सब कर रही है।

ईडी के एक अधिकारी ने मंगलवार 21 नवंबर को कहा कि अखबार के प्रकाशक, एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड और इसकी होल्डिंग कंपनी यंग इंडियन के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक अनंतिम आदेश जारी किया गया है। ईडी के सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने जो संपत्तियां कुर्क की हैं उसकी सूची में दिल्ली में नेशनल हेराल्ड हाउस, लखनऊ में नेहरू भवन और मुंबई में नेशनल हेराल्ड हाउस शामिल हैं।

“जांच से पता चला है कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) के पास दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में 661.69 करोड़ रुपए की अवैध संपत्तियों में यंग इंडिया का कब्जा है। इसके अलावा AJL ने इसमें 90.21 करोड़ रुपए की अवैध आय का निवेश किया है। और इसी प्रॉपर्टी को अटैच किया गया है।”

कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि ईडी की ओर से एजेएल संपत्तियों की कुर्की की खबरें “प्रत्येक राज्य में चल रहे चुनावों में निश्चित हार से ध्यान भटकाने की उनकी हताशा को दर्शाती हैं।”

“यह चुनाव के बीच में ध्यान भटकाने के लिए भाजपा की एक धोखे, झूठ की एक पूर्वनिर्मित संरचना है। सिंघवी ने कहा कि ये तुच्छ प्रतिशोध की रणनीति कांग्रेस को किसी भी तरह से डरा नहीं सकती। उन्होंने कहा कि पीएमएलए कार्रवाई केवल किसी विधेय या मुख्य अपराध के परिणामस्वरूप हो सकती है।

उन्होंने कहा कि “किसी भी अचल संपत्ति का कोई हस्तांतरण नहीं है। पैसों का कोई आवागमन नहीं हो रहा है। अपराध की कोई आय नहीं है। वास्तव में, ऐसा कोई शिकायतकर्ता नहीं है जो यह दावा करता हो कि उसे धोखा दिया गया है, एक भी नहीं।”

सिंघवी ने कहा कि “भाजपा का कोई भी गठबंधन सहयोगी सीबीआई, ईडी या आईटी भाजपा की निश्चित हार को नहीं रोक सकता। किसी भी अचल संपत्ति के हस्तांतरण या धन के संचलन के बिना ऋण का एसाइनमेंट एक ऐसी कंपनी की संपत्ति की कुर्की और जब्ती को उचित ठहराने के लिए तैयार किया जा रहा है, जो भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की एक प्रतिष्ठित आवाज नेशनल हेराल्ड चलाती है, केवल इसलिए कि यह कांग्रेस पार्टी और उसकी विरासत से जुड़ी हुई है।

वहीं कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि ईडी की कार्रवाई का उद्देश्य “प्रधानमंत्री की प्रतिशोध और बदले की राजनीति के तहत कांग्रेस को बदनाम करना” था।

इससे पहले ईडी ने मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे से पूछताछ की थी और उनके बयान दर्ज किये थे। पिछले साल अगस्त में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में दिल्ली में नेशनल हेराल्ड अखबार के मुख्य कार्यालय पर छापा मारा था।

राजधानी में बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस नेशनल हेराल्ड अखबार का पंजीकृत कार्यालय का पता है, जिसके प्रकाशक एजेएल के यंग इंडियन द्वारा अधिग्रहण को लेकर ईडी जांच कर रही है। गांधी परिवार यंग इंडियन के प्रवर्तकों और शेयरधारकों में से एक हैं।

जवाहरलाल नेहरू ने 1937 में नेशनल हेराल्ड की स्थापना की थी। ईडी ने एक दशक पहले भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी की शिकायत पर पीएमएलए के आपराधिक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया था। स्वामी ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य पर धोखाधड़ी और पैसे के दुरुपयोग की साजिश रचने का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि एजेएल पर कांग्रेस का बकाया 90.25 करोड़ रुपये वसूलने का अधिकार हासिल करने के लिए यंग इंडियन ने 50 लाख रुपये का भुगतान किया।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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