Thursday, March 28, 2024

दमन और गिरफ्तारियों के बीच अग्निपथ योजना के खिलाफ किसानों का राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन

नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर अग्निपथ योजना के खिलाफ 24 जून को देश भर में विरोध-प्रदर्शन हुए। जगह-जगह हुए प्रदर्शनों के दौरान किसानों ने इसे “राष्ट्रविरोधी, सेना विरोधी, किसान-विरोधी” करार दिया। इस बीच अग्निपथ योजना के तहत वायुसेना में अग्निवीरों की भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया की शुरुआत कल से कर दी गई है।

इस मौके पर देश के विभिन्न हिस्सों में धरना-प्रदर्शन के साथ राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजे गए। नेताओं का कहना था कि यह मोदी सरकार के जनविरोधी शासन के विरुद्ध किसान और जवान एकता के नए अध्याय की शुरुआत है।

आपको बता दें कि इसके तहत पंजाब की 22 किसान यूनियनों ने आज संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले पूरे पंजाब में विरोध में उतरने का एलान किया है। ठीक इसी तरह हरियाणा, राजस्थान, पश्चिम उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हिमाचल, उत्तराखंड, बिहार व अन्य राज्यों में जगह-जगह प्रतिवाद कार्यक्रम हुए हैं।

कई राज्यों में विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में प्रदर्शनकारियों को पुलिस के दमन का भी सामना करना पड़ा। दिल्ली में जंतर-मंतर पर पुलिस से झड़प हुई तो कई छात्र कार्यकर्ता गिरफ्तार हुए।

इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा 14 जून को लाई गई ‘अग्निपथ’ योजना सेना में स्थाई नौकरी की भर्ती प्रक्रिया को खत्म कर देगी। इस योजना के तहत हर वर्ष 17.5 से 21 वर्ष के 45-50 हजार युवाओं को केवल चार साल के लिए भर्ती किया जाएगा।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार अग्निपथ योजना के तमाम ‘फायदे’ गिना कर भरमाने की कोशिशों के बावजूद योजना वापस लेने की मांग पर अड़े युवाओं का आंदोलन देश भर में फैलता जा रहा है। लेकिन हठधर्मी मोदी सरकार झुकने से इनकार कर भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर चुकी है। विरोध कर रहे जवानों का दमन व गिरफ्तारियां जारी हैं।

दिल्ली में विरोध-प्रदर्शन

नेताओं ने कहा कि निरंकुश मोदी सरकार को झुकाने के लिए इस आंदोलन को और व्यापक बनाकर एक जन आंदोलन बनाना होगा। युवाओं को मजदूरों-किसानों-अल्पसंख्यकों-दलितों-शोषितों के आन्दोलनों से जोड़ना होगा। साझा संघर्षों के दम पर ही सेना सहित सभी क्षेत्रों में सबके लिए सम्मानजनक स्थाई रोजगार पाने तथा नवउदारवादी कॉर्पोरेट-पक्षीय नीतियों के खात्मे की ओर बढ़ सकते हैं।

दिल्ली के ‘अग्निपथ योजना विरोधी मोर्चा’ की ओर से एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपने का कार्यक्रम तय था। हालांकि प्रदर्शनकारियों के जंतर-मंतर पर इकट्ठा होते ही पुलिस प्रदर्शन बंद करने का दबाव बनाने लगी और गिरफ्तारी की धमकियां देने लगी। इसके बावजूद प्रदर्शन व ज्ञापन का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

मोर्चे में एफ्टू (न्यू), एआईआरएसओ, डीपीएफ, इफ्टू (सर्वहारा), इमके, आईएमएस, कलेक्टिव, लोकपाक्ष, बीएससीईएम, एमएएस आदि संगठन शामिल रहे।

दूसरी ओर दिल्ली में ही प्रदर्शन कर रहे युवाओं को भी पुलिस ने जबरन हिरासत में ले लिया और मंदिर मार्ग थाने ले गई। करीब 20 युवा प्रदर्शनकारी हिरासत में हैं जिसमें पछास, बीएससीईएम और केवाईएस के प्रतिनिधि हैं। इनमें महिला प्रदर्शनकारी भी शामिल हैं जिन्हें रात 8 बजे के बाद भी पुलिस थाने में रखा गया। 4 प्रदर्शनकारियों पर धारा 188 की एफआईआर भी दर्ज होने की खबर है।

घटना के विरोध में मोर्चे की ओर से माँग हुई कि दिल्ली पुलिस अपनी दमनकारी हरकत व गुंडागर्दी बंद करे! सभी गिरफ्तार लोगों को अविलंब व बिना शर्त रिहा किया जाये!

उत्तरप्रदेश के सभी जिलों में सेना में ठेके पर भर्ती के ख़िलाफ़ बड़ी संख्या में किसान सड़क पर उतरे और केंद्र सरकार की दोषपूर्ण नीतियों के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाज़ी की। किसानों के आंदोलन से पहले ही पूर्वी उत्तर प्रदेश के सैकड़ों जनवादी नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हाउस अरेस्ट कर लिया था। बनारस के सिंधोरा थाने में कई किसानों को पुलिस ने जबरन थाने में बैठा दिया था।

गाजीपुर के कामरेड सरजू पान्डेय पार्क में प्रदर्शन

समूचे पूर्वी उत्तरप्रदेश में खाकी वर्दी की ज़बरदस्त नाकेबंदी के बावजूद संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े नेताओं ने डबल इंजन की सरकार के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया और जुलूस भी निकाला।

पुलिस की कड़ी नाकाबंदी के बावजूद वाराणसी के शास्त्री घाट पर पहुंचे किसान सभा, भारतीय किसान यूनियन, किसान मज़दूर परिषद, मज़दूर किसान महासभा और जय किसान आंदोलन से जुड़े किसानों ने अग्निपथ योजना के ख़िलाफ़ युवाओं के राष्ट्रव्यापी विरोध को समर्थन देते हुए जमकर नारेबाज़ी की। साथ ही इस योजना को जवान-विरोधी, किसान-विरोधी और राष्ट्र-विरोधी बताया और इसे तत्काल रद्द करने की मांग की। साथ ही मोदी सरकार के ख़िलाफ़ जुलूस भी निकालकर प्रदर्शन किया गया।

चंदौली जिले में भी किसानों ने कड़ा विरोध करते हुए धरना दिया और हाथों में तख़्ती लेकर प्रदर्शन किया। ज़िले के चकिया कस्बे में अखिल भारतीय किसान सभा, अखिल भारतीय किसान महासभा, उत्तर प्रदेश किसान सभा, मज़दूर किसान मंच व खेत मज़दूर यूनियन ने पुलिस की जबरदस्त किलेबंदी के बावजूद गांधी पार्क में धरना दिया और सेना में ठेके पर भर्ती की योजना को रद करने की मांग की।

बलिया में विरोध में आंदोलन के लिए निकले किसान नेता जनार्दन सिह, लक्ष्मण पांडेय, संतोष सिंह, परमात्मानंद राय, राघवेन्द्र कुमार, रामजियावन यादव, शैलेश सिंह आदि को पकड़कर हाउस अरेस्ट कर लिया गया। घरों पर पुलिस का पहरा बैठा दिया गया। गुरुवार को प्रशासन से वार्ता में तय हुआ था कि किसान सिर्फ ज्ञापन सौंपेंगे, लेकिन रात में ही किसान नेताओं की धर-पकड़ शुरू हो गई। पुलिस की नाकाबंदी के बावजूद किसान नेताओं ने ज्ञापन सौंपा।

आजमगढ़ में किसान संग्राम समिति, किसान महासभा, किसान सभा, खेत मजदूर-किसान संग्राम समिति, जनवादी लोक मंच, जनमुक्ति मोर्चा, जय किसान आंदोलन, रिहाई मंच, यंग इंडिया स्टडी सर्किल, एआईपीएसएफ, भारतीय किसान यूनियन, संयुक्त किसान-मजदूर संघ के संयुक्त तत्वाधान में अग्निपथ योजना के ख़िलाफ़ विरोध दिवस मनाया गया। प्रतिनिधियों ने अमर शहीद कुंवर सिंह उद्यान में धरना दिया और जबरदस्त नारों के साथ जिलाधिकारी कार्यालय तक जुलूस निकाला।

वाराणसी में प्रदर्शन

जौनपुर, मऊ, देवरिया के अलावा अयोध्या के बीकापुर में किसानों ने प्रदर्शन किया। जौनपुर में कई माले नेताओं को पुलिस ने उनके घर में ही नजरबंद कर दिया जिसके चलते वो प्रदर्शन में शामिल नहीं हो सके।

सीतापुर और अलीगढ़ में भी किसानों को हाउस अरेस्ट किया गया था। हालांकि सभी जिलों में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले आयोजित धरना, प्रदर्शन और जुलूस शांतिपूर्ण रहा।

आजमगढ़ में भी हुआ प्रदर्शन

मुजफ्फरनगर में अग्निपथ के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा का प्रदर्शन, नरेश टिकैत भी पहुंचे।

बुलंदशहर में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) टिकैत, भाकियू अंबावता, भाकियू संपूर्ण भारत के पदाधिकारी और कार्यकर्ता दोनों हाथों में तिरंगा और संयुक्त किसान मोर्चा के झंडे व बैनर लेकर सैकड़ों की संख्या में कलक्ट्रेट गेट तक पैदल मार्च किया।

बरेली में चौकी चौराहा के पास स्थित दामोदर पार्क में भारतीय किसान यूनियन और युवाओं ने अग्निपथ योजना के विरोध में धरना प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा।

इलाहाबाद (प्रयागराज) में पत्थर गिरजा, सिविल लाइंस, धरना स्थल पर शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक तरीके से संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर राष्ट्रव्यापी विरोध दिवस मनाया गया।

पंजाब में किसान संगठनों की ओर से अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शन किया गया। लुधियाना में डीसी कार्यालय के बाहर बीकेयू उगराहां (भारतीय किसान यूनियन) के सदस्यों द्वारा धरना दिया गया।

भटिंडा में भारतीय किसान यूनियन उगराहां व किरती किसान यूनियन की ओर से डीसी दफ्तर के आगे धरने लगाए गए। जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स से हनुमान चौक तक रोष मार्च निकाला गया। किसान मोर्चे में शामिल सभी किसान संगठनों ने एडीसी के जरिये राष्ट्रपति के नाम एक मांग पत्र भेजा।

भटिंडा में महिलाओं ने भी लिया हिस्सा

भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुर की ओर से चिल्ड्रन पार्क में प्रदर्शन किया गया। दोपहर के बाद किसान संगठनों की ओर से शहर में रोष मार्च भी निकाए गए। इस दौरान पुलिस ने सर्किट हाउस रोड को सभी तरफ से बंद कर दिया। इससे शहर में ट्रैफिक भी काफी प्रभावित हुआ।

पठानकोट में 23 किसान संगठनों ने रोष मार्च निकाला। इस दौरान किसान संगठनों ने पहले मलिकपुर में धरना दिया। रोष मार्च निकाल कर डीसी दफ्तर पहुंचे और वहां राष्ट्रपति के नाम मांग पत्र सौंपा। अबोहर में भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राहा ने एसडीएम आफिस के बाहर धरना लगाया और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।

जालंधर के डीसी आफिस के बाहर किसान संगठनों ने विरोध में जमकर प्रदर्शन किया। किसानों ने प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री का पुतला भी फूंका। डीसी को राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा।

मुक्तसर साहिब में विरोध में भारतीय किसान यूनियन (एकता सिद्धूपुर) ने मिनी सचिवालय के समक्ष रोष प्रदर्शन किया। सचिवालय के गेट पर केंद्र सरकार का पुतला फूंका और जमकर नारेबाजी की। अग्निपथ योजना के वापस न होने तक किसान आंदोलन की तर्ज पर लगातार संघर्ष जारी रखने की घोषणा की।

अमृतसर में विरोध में किसान संघर्ष कमेटी पंजाब की ओर से गोल्डन गेट के पास प्रदर्शन किया गया। किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सरकार का पुतला भी फूंका।

जयपुर के तमाम जन संगठन खासा कोठी चौराहे पर इकट्ठा हुए, ज़िला कलेक्ट्रेट तक विरोध रैली निकाली और कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। जयपुर से क्रांतिकारी नौजवान सभा (केएनएस) राजस्थान के बैनर के साथ इस प्रदर्शन में नौजवान शामिल हुए और अग्निपथ योजना के खिलाफ नौजवानों की मांगें बुलंद की।

जयपुर में हुए संयुक्त प्रदर्शन में अन्य जन संगठनों के साथ क्रांतिकारी मज़दूर संगठन (केएमएस), ऑल इंडिया रेवलूशनेरी स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन राजस्थान और क्रांतिकारी नौजवान सभा के साथी भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए।

जयपुर में बच्चियों ने संभाली कमान

जालौर में सांचौर के चितलवाना उपखंड मुख्यालय पर शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा जालौर द्वारा अग्निपथ योजना को लेकर विरोध प्रदर्शन करेगा।

उत्तराखंड के रुद्रपुर में भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में मजदूर संगठनों एवं सामाजिक संगठनों द्वारा अग्निपथ योजना के विरोध में प्रदर्शन कर जिला अधिकारी उधम सिंह नगर को ज्ञापन सौंपा। इसमें इन्टरार्क मजदूर संगठन ऊधम सिंह नगर, इन्टरार्क मजदूर संगठन किच्छा के मजदूरों व इंकलाबी मजदूर केंद्र, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, जन एकता मंच के साथी उपस्थित रहे।

पंतनगर में इंकलाबी मजदूर केन्द्र एवं ठेका मजदूर कल्याण समिति पंतनगर तथा प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र द्वारा शहीद स्मारक पंतनगर पर सभा के साथ केन्द्र सरकार का पुतला दहन हुआ।

हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में विभिन्न संगठनों ने सभा कर केंद्र सरकार का पुतला फूंका। कार्यक्रम में क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, परिवर्तनकामी छात्र संगठन, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र आदि ने भागीदारी की।

आइसा ने आज शहीद स्मारक पर धरना देते हुए सेना में ‘अग्निपथ‘ योजना को वापस लेने की मांग राष्ट्रपति महोदय से ज्ञापन के माध्यम से की।

हरियाणा के रोहतक में अग्निपथ योजना को रद्द करवाने की मांग के लिए शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा व अन्य छात्र संगठनों ने संयुक्त तौर पर प्रदर्शन करते हुए एसडीएम के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन से पहले मानसरोवर पार्क में सभा हुई।

इस मौके पर किसान सभा, प्रोग्रेसिव एक्स सर्विस मैन फेडरेशन ऑफ इंडिया, भारतीय किसान यूनियन टिकैत, बिकेयू चढूनी, किसानी प्रतिष्ठा मंच, सीटू, टोल हटाओ संघर्ष समिति, जेएसओ, एसएफआई, महिला समिति आदि संगठन शामिल रहे।

रोहतक जिले के सांपला में स्थित चौधरी छोटूराम स्मारक पर अग्निपथ के विरोध में तीन दिन से धरना जारी है। आसपास के लोगों का भी समर्थन धरने को मिल रहा है। अब 26 जून को यहां पर पंचायत बुलाई गई है। पंजाब के किसान संगठन और भाकियू हरियाणा के गुरनाम सिंह चढूनी भी इसमें भाग लेंगे। पंचायत में अग्निपथ को लेकर आगामी रणनीति बनाई जाएगी।

खाप नेताओं और किसान आंदोलन के प्रतिनिधियों ने कहा है कि वे योजना का हिस्सा बनने वाले युवाओं का बहिष्कार करेंगे। बुधवार को विभिन्न खापों के प्रतिनिधियों की बैठक में हरियाणा के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, पंजाब के खाप संगठन और छात्र संगठनों ने भी हिस्सा लिया था।

बैठक की अध्यक्षता कर रहे धनखड़ खाप के प्रमुख ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा, ‘हम इस भर्ती के लिए आवेदन करने वालों को सामाजिक रूप से अलग-थलग करने का प्रयास करेंगे। हम इस योजना का बहिष्कार कर रहे हैं जो ‘अग्निवीर के नाम पर युवाओं को मजदूरों के तौर पर काम पर रखना चाहती है।’ उन्होंने कहा, ‘हम उनके लिए ‘बहिष्कार’ शब्द का उपयोग नहीं कर रहे हैं, लेकिन समुदाय ऐसे लोगों से दूरी बनाएगा।’

नरवाना में लघु सचिवालय परिसर में चल रहा संयुक्त किसान मोर्चा का धरना अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में जारी रहा। इससे पहले नेहरु पार्क में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर एक सभा का आयोजन किया गया, जिसमें अखिल भारतीय किसान सभा, भारतीय किसान यूनियन, डीवाइएफआई, केवाइएस, सीटू, नौजवान सभा, आंबेडकर सभा, किसान खेत मजदूर सभा, सीपीआई आदि शामिल हुए।

पलवल में सेना में अग्निपथ भर्ती योजना को वापस लेने और पहले की तरह पुरानी पद्धति को बहाल कराने की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर जिले के किसानों ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।

यमुनानगर लघु सचिवालय के सामने भारतीय किसान यूनियन ने हाथों में बैनर लेकर इस योजना का विरोध किया। उन्होंने सरकार को जमकर घेरा और सरकार को कड़ी चेतावनी भी दी के जल्द से जल्द अग्निपथ और अग्निवीर को वापस लिया जाए। अग्निपथ को लेकर डीसी के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।

अग्निपथ योजना को लेकर भिवानी में किसानों व युवाओं ने किया सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान लघु सचिवालय में प्रदर्शन करते हुए युवाओं ने राष्ट्रपति के नाम जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा। किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर केंद्र सरकार नहीं मानती है तो बड़ा आंदोलन होगा।

शुक्रवार को पूरे हरियाणा में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर हर जिला स्तर पर इसका विरोध किया गया। अंबाला में भी किसान यूनियनों द्वारा प्रदर्शन करते हुए डीसी अंबाला को राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा। फतेहाबाद में क्षेत्र के किसान और युवा लघु सचिवालय पहुंचे और प्रदर्शन किया।

कैथल के लघु सचिवालय में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसान संगठन सरकार की अग्निपथ योजना के विरोध में युवाओं के समर्थन में प्रदर्शन किया।

करनाल में भारतीय किसान यूनियन ने अग्निपथ के विरोध में प्रदर्शन किया। किसान जाट धर्मशाला में इकट्ठे हुए। वहां से सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जिला सचिवालय में पहुंचे। किसानों ने अग्निपथ योजना बंद करने के लिए राष्ट्रपति के नाम अधिकारियों के माध्यम से ज्ञापन भेजा। साथ ही चेतावनी दी कि यदि इस योजना को बंद नहीं किया तो वह किसान आंदोलन की तर्ज पर देश भर में आंदोलन शुरू कर देंगे।

संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य एवं भारतीय किसान यूनियन से जुड़े अन्य कई सदस्य सोनीपत की छोटूराम धर्मशाला में इकट्ठे हुए। इस दौरान उन्होंने अग्निपथ योजना का विरोध करते हुए उपायुक्त कार्यालय तक प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।

हिसार में अग्निपथ योजना के खिलाफ युवाओं के समर्थन में लघु सचिवालय के सामने प्रदर्शन किया। इस दौरान मोर्चा ने मांग पत्र प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा।

समस्तीपुर में अखिल भारतीय संयुक्त किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को राष्ट्रव्यापी आंदोलन के तहत कलेक्ट्रेट के समक्ष प्रदर्शन किया। इस दौरान केन्द्र सरकार से सेना में बहाली के लिए लागू की गयी अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग की गयी।

बक्सर में अग्निपथ योजना के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्र व्यापी आह्वान पर शुक्रवार को डुमरांव शहर में मार्च निकाला गया। मार्च अखिल भारतीय किसान महासभा, आर वाई ए और आइसा द्वारा संयुक्त रूप से निकाला गया।

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