Sunday, April 28, 2024

इजरायल ने गाजा पट्टी का भोजन, पानी और तेल बंद किया, अमेरिका के हस्तक्षेप को रूस ने बताया खतरनाक

नई दिल्ली। इजरायल ने गाज़ा पट्टी में पूरे ब्लॉकेड का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही इस इलाके में भोजन, पानी समेत दूसरी ज़रूरी चीजों पर पाबंदी लगा दी गयी है। ऐसा उसने हमास के हमले के बाद छेड़े गए एकतरफा युद्ध के ऐलान के बाद किया।

इजरायल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने कहा कि सरकारी अफसर बिजली काट देंगे तथा भोजन और फ्यूल के प्रवेश पर भी रोक लगा दी जाएगी। इस तरह से हमास संचालित गाजा पट्टी को पूरी तरह से घेर दिया जाएगा। गौरतलब है कि इस इलाके में तकरीबन 23 लाख फिलिस्तीनी रहते हैं। और इसे दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी के घनत्व वाला इलाका माना जाता है।

आपको बता दें कि गाजा पट्टी को पहले से ही इजरायल ने चारों तरफ से घेर रखा है। और 2007 से उसकी यही स्थिति बनी हुई है। इजरायल गाजा के पूरे आसमानी क्षेत्र और वहां सप्लाई होने वाले पानी को नियंत्रित करता है। इसके साथ ही उसकी सीमा के दो हिस्से भी उसके नियंत्रण में हैं। जबकि तीसरे हिस्से पर मिस्र का कंट्रोल है। 

एक वीडियो बयान में गैलेंट ने कहा कि “हम गाजा को पूरी तरह से अपनी गिरफ्त में लेने जा रहे हैं…..बिल्कुल बिजली नहीं, भोजन नहीं, पानी नहीं और गैस भी नहीं- यह सब कुछ बंद कर दिया जाएगा।” 

इजरायल के चीफ मिलिटरी प्रवक्ता डैनियल हैगरी ने सोमवार को रिपोर्टरों को बताया कि इजरायल का अपने समुदाय पर पूरा नियंत्रण है। हैगरी ने कहा कि सोमवार को कुछ छिटपुट घटनाएं हुईं लेकिन इस चरण में समुदायों के बीच कोई लड़ाई नहीं है। हमास के लोगों के इजरायल के भीतर घुसे होने की आशंकाओं पर उन्होंने कहा कि “इलाके में कुछ आतंकवादी अभी भी हो सकते हैं।”

इसके पहले हमास के प्रवक्ता अब्देल लतीफ अ कैनोआ ने एसोसिएटेड प्रेस से कहा कि समूह के लड़ाकों का गाजा के बाहर अभी भी लड़ाई जारी है। और  सोमवार को उन्होंने और ज्यादा इजरायलियों को अपने कब्जे में लिया है।

उन्होंने बताया कि समूह का लक्ष्य इजरायल द्वारा बंदी बनाए गए सभी कैदियों को रिहा कराना है। जिस पर पहले भी दोनों पक्षों में बातें हो चुकी हैं और लेन-देन किया जा चुका है।

इस बीच यूरोपियन यूनियन ने कहा है कि वह मंगलवार को सभी यूरोपीय देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक करने जा रहा है। जिसमें गाजा में जारी लड़ाई पर बातचीत होगी। ब्लॉक के विदेश नीति के मुखिया जोसेफ बोरेल ने कहा कि हम कल ईयू विदेश मंत्रियों की एक इमरजेंसी बैठक बुलाने जा रहे हैं जिसमें इजरायल और उसके इलाकों में पैदा हुई स्थितियों पर बातचीत होगी।

रूस के विदेश मंत्री सरजेई लावरोव ने कहा कि दो राष्ट्र-राज्यों के समाधान पर बातचीत ही केवल इसको आगे ले जा सकती है। रूस की न्यूज़ एजेंसी तास ने लावरोव के हवाले से कहा कि उन कारणों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है कि ऐसा क्यों हुआ जो दशकों से फिलिस्तीन मामले को हल करना असंभव बना रहा।

आखिरी सूचना मिलने तक तीन दिनों की चली इस लड़ाई में गाजा में 510 और इजरायल में 800 लोगों के मारे जाने की खबर है। यह अल जजीरा ने अपनी वेबसाइट पर बताया है। इसमें वेस्ट बैंक में भी 16 लोगों के मारे जाने की बात शामिल है। इसके अलावा घायलों में 2750 फिलिस्तीनी और 2243 इजरायली शामिल हैं। इसके अतिरिक्त वेस्ट बैंक में 80 लोगों के घायल होने की सूचना है।

फिल्ममेकर रुवैदा आमेर ने हमले के बाद गाजा पट्टी की स्थिति पर कहा कि “जब मैं बच्ची थी तब एक भीमकाय गड़गड़ाता बुलडोजर लुढ़कते हुए एक दिन हमारे पड़ोस में आया और सभी घरों को समतल कर दिया। ठीक इसी तरह।” 

फिलिस्तीनी न्यूज़ एजेंसी वाफा के मुताबिक इजरायल ने ढेर सारी रिहाइशी इमारतों और मस्जिदों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया। और यूएन द्वारा संचालित हमारे स्कूलों के कुछ हिस्सों को भी बर्बाद कर दिया।

बताया जा रहा है कि इजरायल तकरीबन 3 लाख सैनिकों का बेड़ा तैयार कर रहा है। जो बहुस्तरीय और अलग-अलग मोर्चों पर चल रही लड़ाई का मुकाबला करेगा। इसमें बहुत ऐसे लोग हैं जो इजरायल को किसी न किसी रूप में अपनी सैन्य सेवाएं दे चुके हैं।

तीन दिनों के भीतर गाजा से बताया जा रहा है कि तकरीबन एक लाख बीस हजार फिलिस्तीनी विस्थापित हो गए हैं। इस बीच अमेरिका ने वहां जहाज समेत दूसरी सैन्य सामग्री भेजने का फैसला किया है। जिसमें अमेरिकी गेराल्ड फोर्ड भी शामिल है।

ईरान ने इस बात से इंकार किया है कि इजरायल के खिलाफ हमास के इस आपरेशन में उसका कोई सीधा संबंध है।

गाजा जो इस समय इजरायल के निशाने पर है उसके बाशिंदों की जीवन स्थितियों पर अगर नजर डालें तो तस्वीर और साफ हो सकती है। यहां: -तकरीबन 45 फीसदी बेरोजगारी की दर है जो दुनिया के स्तर पर किसी इलाके में सबसे ज्यादा है।

-यूनिसेफ के आंकड़ों के मुताबिक सप्लाई किया जाने वाला 96 फीसदी पानी बिल्कुल पीने लायक नहीं है।

-इलाके में रहने वालों को औसतन 13 घंटे बिजली मिल पाती है। यह यूएन का आंकड़ा है।

-गाजा के पास अपना कोई कार्यरत हवाई अड्डा नहीं है। यहां यासिर अराफात इंटरनेशनल एयरपोर्ट था जिसको 2001 में इजरायल ने बम से ध्वस्त कर दिया।

इस बीच रूस ने इस पूरे मसले पर एक कड़ा बयान जारी किया है। उसने कहा है कि इसमें एक तीसरी पार्टी के हस्तक्षेप से हाई रिस्क की स्थिति खड़ी हो जाएगी। उसका इशारा अमेरिका की तरफ था। जिसने कहा है कि उसके जहाज और विमान इजरायल की तरफ जा रहे हैं।

क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा है कि “इस लड़ाई में एक तीसरी ताकत का शामिल होना बेहद खतरे वाला है। जितने जल्दी संभव हो सके किसी तरह की बातचीत की प्रक्रिया को हासिल करना बेहद महत्वपूर्ण है।”

अल जजीरा के संवाददाता जॉन हेंड्रेन ने बताया है कि अमेरिका अपना मल्टीपुल मिलिट्री शिप और एयरक्राफ्ट भेज रहा है। अमेरिकी एयरक्राफ्ट गेराल्ड फोर्ड नाम के इस एयरक्राफ्ट को वहां तैनात करने की योजना है। जिसे मौजूदा समय में विश्व में सबसे बड़ा एयरक्राफ्ट माना जाता है।

अब जबकि लड़ाई तीसरे दिन में प्रवेश कर गयी है एक फिलिस्तीनी पिता अहमद अल खालिदी को एक स्कूल में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने अल जजीरा को बताया कि गाजा के लोग एक दूसरे नाकबा में रह रहे हैं। नाकबा या तबाही उसको कहा जाता है जब अरब और इजरायलियों के बीच 1948 में युद्ध के दौरान बड़े स्तर पर फिलिस्तीनियों का विस्थापन हुआ था। और फिर इसी के बाद इजरायल की एक देश के रूप में स्थापना हुई थी।

दूसरों की तरह अहमद का घर भी ध्वस्त हो गया है। और उसको लेकर वह अपना दुख जाहिर कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि घर पर हमले के बाद जिंदा बच जाना ही सौभाग्यपूर्ण है। लेकिन अब हमारा जीवन हमेशा हमेशा के लिए बदल जाएगा। और मलबे में तब्दील हो चुकी यादें हमेशा हम लोगों को परेशान करती रहेंगी।

इजरायल के अशडोड से रिपोर्ट कर रहे अल जजीरा के चार्ल्स स्ट्रैटफोर्ड ने बताया कि गाजा के पास बार्डर पर स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है। उन्होंने बताया कि सबसे हालिया आया इजरायली सेना का यह बयान कि उसने पूरे बार्डर पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है पूरी तरह से सच नहीं है। स्थिति अभी भी अनिश्चित बनी हुई है। उन्होंने बताया कि उनके पास लगातार विस्फोट की आवाजें आ रही हैं जो उनके कानों तक पहुंच रही हैं। और इजरायली सैनिक पोजीशन लिए हुए हैं।

इस बीच बताया जा रहा है कि गाजा के सबसे भीड़-भाड़ वाले इलाके जबालिया कैंप को इजरायल ने निशाना बनाया है। और यहां 50 लोगों की मौत हो गयी है। अल जजीरा की जामिलेह अबु जैनून ने बताया कि मरने वालों की संख्या 500 से ऊपर हो गयी है जबकि 8000 लोग घायल हैं।

तमाम विश्लेषक स्थिति के और विस्फोटक होने की आशंका जाहिर कर रहे हैं। अल जजीरा के वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक मारवान बिशारा ने कहा कि आने वाले दिनों में स्थिति और खराब होने जा रही है। इस बात की संभावना है कि इजरायल आने वाले दिनों में ग्राउंड आपरेशन कर सकता है। उन्होंने कहा कि हम लोग बेहद नाटकीय स्थितियों के बीच में हैं। घटना का अंतरराष्ट्रीयकरण समय के साथ बढ़ता जा रहा है। और अमेरिकी सैन्य शक्ति की तैनाती के बाद इसके और बढ़ने की आशंका है।  यह अपने आप में एक विस्तार है।

हमास ने एक अलग ही तरह की खबर दी है जिसमें उसने बताया है कि इजरायल ने हमले में अपने ही चार जवानों को मार डाला। उसका कहना था कि जिन चार जवानों को उसने पकड़ कर गाजा पट्टी में रखा था वो इजरायली बमबारी की चपेट में आ गए। हालांकि हमास के भी कई लोगों की इस हमले में मौत हुई है। 

जर्मनी और आस्ट्रिया ने फिलिस्तीन को दी जाने वाली सहायता पर रोक लगा दी है। आस्ट्रिया के विदेश मंत्री अलेक्जेंडर सैलेनबर्ग ने कहा कि उनका देश 20 मिलियन डालर की दी जाने वाली फिलिस्तीनी सहायता को निलंबित करता है। जबकि जर्मनी की डेवलपमेंट मिनिस्टर स्वेंजा सुल्ज ने कहा कि मौजूदा समय में किसी भी तरह का भुगतान नहीं किया गया है।

इजरायल का यह हमला कितना खतरनाक है उसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह शरणार्थी कैंपों को भी निशाना बनाने से बाज नहीं आ रहा है।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles