Saturday, April 27, 2024

जिग्नेश मेवानी सहित 10 को तीन महीने की कैद

अहमदाबाद। असम की जेल से छूटने के दो दिन बाद ही मेहसाणा जिला अदालत ने जिग्नेश मेवानी को 1000 रुपये का जुर्माना और तीन महीने की सज़ा सुनाई है| आपको बता दें जिग्नेश मेवानी ने 12 जुलाई 2017 को ऊना आन्दोलन के एक वर्ष पूरा होने पर मेहसाणा से धनेरा तक की आज़ादी कूच नाम से यात्रा निकाली थी। यात्रा के लिए पुलिस अनुमति न होने के कारण पुलिस ने 12 लोगों के विरुद्ध FIR दर्ज किया था। चार्ज फ्रेमिंग के समय अनुपस्थिति के कारण न्यायालय ने कन्हैय्या कुमार के ट्रायल को अलग कर दिया था। एक आरोपी के ट्रायल के दरम्यान मृत्यु हो गई थी। जिग्नेश मेवानी के साथी कमलेश कटारिया ने बताया कि “मेहसाणा कोर्ट द्वारा सभी जिग्नेश मेवानी , सुबोध परमार और रेशमा पटेल सहित 10 को दोषी करार देते हुए तीन माह कैद और 1000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है|” कटारिया के अनुसार संभवतः आज ही सेशन कोर्ट से सभी को ज़मानत मिल जाएगी।

रेशमा पटेल जो एनसीपी की नेता हैं और पाटीदार आन्दोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थीं। पटेल ने बताया कि “हम न्यायलय का सम्मान करते हैं। बीजेपी राज में जनता के मुद्दों को उठाना गुनाह है| बीजेपी कानून का डर बताकर हमारी आवज़ दबाना चाहती है| लेकिन हमारी आवाज़ दबेगी नहीं हम जनता की आवाज़ बुलंद करते रहेंगे”|

असम पुलिस द्वारा एक ट्वीट पर गिरफ़्तारी फिर मेहसाणा कोर्ट द्वारा तीन महीने की सजा के बाद यह प्रश्न उठता है कि यह संयोग है या प्रयोग? 2015 में पाटीदार आन्दोलन के समय हार्दिक पटेल के खिलाफ दंगे का केस दर्ज हुआ था| जिसमें हार्दिक पटेल को दो वर्ष कैद की सजा हुई थी| 13 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने हार्दिक की सजा पर रोक लगा दी थी| सजा के कारण 2019 में लोक सभा चुनाव नहीं लड़ पाए थे| सुप्रीम कोर्ट के स्टे के बाद अब हार्दिक चुनाव लड़ सकेंगे| सज़ा पर जबसे स्टे आया है हार्दिक बीजेपी की तारीफ कर रहे हैं और अपने आप को हिंदूवादी नेता बताने में लगे हुए हैं|

जिग्नेश मेवानी की गिरफ़्तारी और रिहाई के बाद सत्यमेव जयते जन सभा

नौ दिनों बाद वडगाम से विधायक दलित नेता जिग्नेश मेवानी को बारपेटा सेशन कोर्ट से ज़मानत मिलने की खबर आती है तो उसी दिन हार्दिक पटेल की भी एक खबर आती है कि हार्दिक पटेल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से गुजरात प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष का प्रोफाइल हटा दिया है| पिछले कुछ दिनों से हार्दिक पटेल के विचारों में बदलाव दिख रहा है| अपने आप को हिन्दू वादी नेता कहते हुए वह भाजपा की प्रशंसा भी कर रहे हैं| तो दूसरी तरफ जिग्नेश मेवानी और अधिक तीव्रता से प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के साथ साथ आरएसएस और भागवत पर प्रहार कर रहे हैं|

मंगलवार को असम की जेल से छूटने के बाद पहली बार जिग्नेश मेवानी अपने गृह राज्य पहुंचे थे| अहमदाबाद एयरपोर्ट से सैकड़ों गाड़ियों के लश्कर के साथ मेवानी सारंगपुर स्थित बाबा साहेब आंबेडकर की प्रतिमा पर पहुंचे| जहाँ मेवानी राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के साथियों के साथ बाबा साहेब की प्रतिमा पर माला अर्पण की| सारंगपुर से जुना वाडज राम पीर के टेकरी पर पहुंचे जहाँ पर कांग्रेस पार्टी और राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच का संयुक्त कार्यक्रम था| मेवानी की रिहाई के मौके पर रखे कार्यक्रम का नाम “सत्यमेव जयते जन सभा” रखा गया|

संविधान जलाने वाले जिग्नेश को आधी रात को उठा ले गए: हितेश पिथाडिया

हितेश पिथाडिया कांग्रेस अनुसूचित जाति मोर्चे के अध्यक्ष हैं| हितेश ने अपने संबोधन में कहा “ जो लोग एक दलित विधायक को आधी रात को उठा ले जाते हैं| ये वही लोग हैं जिन्होंने 1948 में बाबा साहेब के जीवित रहते हुए बाबा साहेब की अर्थी निकालते थे| दिल्ली में संविधान जलाते हैं|

जिग्नेश की गिरफ़्तारी से पूरा देश जाग उठा: अर्जुन मोढवाडिया

अर्जुन मोढवाडिया ने कहा कि न्याय और अन्याय की लड़ाई में पहली बार रंगा बिल्ला को तमाचा पड़ा है| वह लोग सपना देख रहे थे| जिस प्रकार देश के कई सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेल में डाल दिया था| उसी प्रकार वह जिग्नेश को भी जेल में डाल कर मनोबल तोड़ देंगे| लेकिन उन्हें इस बार तमाचा पड़ा है वह भी जिग्नेश मेवानी के हाथों| मात्र नौ दिनों में सत्य की जीत हुई| इसी लिए मैं कहता हूँ जो लड़ता वह जीतता है| जो घर बैठता है वह हारता है| यह एक सच्चाई है| इस बार उन्होंने गलत जगह हाथ डाल दिया है| देश और राज्य में जो सरकार है| वह केवल आग लगाती है और युवाओं को अस्पताल और जेल भेजकर खुद आग तापते हैं| यदि कोई आग बुझाने का प्रयत्न करता है तो उसे जेल में भेज देते हैं| हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जिग्नेश भाई मात्र नौ दिनों में क्यों छूट गए। क्योंकि सिर्फ गुजरात नहीं जिग्नेश भाई की गिरफ़्तारी से पूरा देश जग गया। सिर्फ दलित समाज नहीं जागा बल्कि कांग्रेस समाज और बीजेपी छोड़ कर सभी समाज जागे। जिग्नेश भाई ने बताया कि हमारा राजा नंगा है। जो मात्र एक ट्वीट से जेल भेज देता है। आज इस मंच से मैं जिग्नेश मेवानी के ट्वीट को दोहराता हूँ।” वर्तमान राजा इसी तरह से काम कर रहा है जिस प्रकार से हिटलर किया करता था। पकिस्तान और तालिबान किया करते थे। उन देशों की हालत देख लो क्या है और उनकी हालत क्या हुई। देश आगे प्रेम की ही भाषा से बढ़ेगा।

भाजपा सरकार दलित विरोधी है : सुबोध परमार

सुबोध परमार ने कहा हमें याद रखना है कि केंद्र और राज्य सरकार दलित विरोधी सरकार है। क्योंकि जब धन्धुका में किशन भरवाड की हत्या होती है तो राज्य का गृह मंत्री किशन के घर जाता है। उसी धन्धुका में जब एक दलित की बेटी का बलात्कार होता है तो गृहमंत्री के मुंह में टेप लग जाता है। इसीलिए मैं कहता हूँ यह दलित विरोधी सरकार है। दलित सरपंच और उसके बेटे की हत्या होती है तो सरकार की तरफ से कोई नोटिस नहीं लिया जाता है। इसीलिए मैं कहता हूँ यह दलित विरोधी सरकार है। जब ऊना में दलित युवाओं की पिटाई होती है तो छोटी-छोटी बात पर ट्वीट करने वाला प्रधानमंत्री एक शब्द नहीं बोलता है। क्योंकि यह दलित विरोधी सरकार है। बांधकाम मजदूरों के वेलफेयर के 3300 करोड़ के पैसे सरकार दबाकर बैठी है। गरीब मजदूरों पर खर्च नहीं करती है इसीलिए मैं कहता हूँ यह दलित, आदिवासी और गरीब विरोधी सरकार है। सरकार अस्पताल और स्कूल नहीं बनाती है। क्योंकि सरकार नहीं चाहती है की गरीब और दलित पढ़ लें पढ़ लिख कर सरकार से सवाल कर पाएं। जिस प्रकार से जेल का ताला टूटा है। और जिग्नेश मेवानी छूटा है। उसी प्रकार से भाजपा का घमंड टूटेगा।

पेपर लीक और 175000 करोड़ की ड्रग्स में अडानी की भूमिका की जांच नहीं तो 1 जून को गुजरात बंद : जिग्नेश मेवानी

जिग्नेश मेवानी ने अपने संबोधन में कहा कि “ जब मैं असम जेल में था तो मुझे बताया गया कि जिस जगह आप हैं वह होजो है। होजो में मुस्लिम अपनी विशेष इबादत के लिए आते हैं। हिन्दुओं का भी तीर्थ स्थल जो यहाँ पूजा करने आते हैं। बौद्ध भी यहाँ बुद्ध वन्दना करने आते हैं। आज ईद का दिन है। मैं यहाँ से अपने विधानसभा क्षेत्र वड गाम के लोगों को ईद मुबारक कहता हूँ। गुजरात के लोगों को ईद मुबारक, असम की जनता को ईद मुबारक, होजो जो भारत की सच्ची विरासत है। होजो को भी ईद मुबारक।

मेवानी ने अपने उस ट्वीट के बारे में बोलते हुए कहा कि ट्विटर इंडिया ने मेरा ट्वीट दबाया है। मैंने डिलीट नहीं किया है। और इस जीवन काल में इस ट्वीट को डिलीट नहीं करूंगा। मैंने केवल एक ट्वीट किया था। तो मुझे जेल भेज दिया और उस गौतम अडानी की जांच नहीं हो रही है जिसके पोर्ट पर 175000 करोड़ रुपये की ड्रग्स पकड़ी गई। उस अडानी की जांच नहीं हो रही है। वाह मोदीजी वाह पोर्ट के मालिक से पूछ ताछ नहीं हो रही है। और मुझे एक ट्वीट पर जेल भेज दिया जाता है।

मेवानी ने आगे कहा, “ बीजेपी की एक महिला दलित कार्यकर्ता के साथ भाजपा का एक मंत्री बलात्कार करता है। मंत्री के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होती है”।

भर्ती परीक्षा के एक दो पेपर नहीं बल्कि 22 पेपर लीक होते हैं। उसमें कोई जांच नहीं होती है और मेवानी को एक ट्वीट की वजह से जेल भेज दिया जाता है।

मेवानी अपनी दूसरी FIR के बारे में बताते हुए कहते हैं कि गुवाहाटी से जब मुझे पांच गाड़ियों के काफिले से कोकराझार ले जाया जा रहा था। तब महिला पुलिस कर्मी को मेरी गाड़ी में और मेरी सीट के बगल की सीट पर बैठाया गया था तभी मैं समझ गया था। महिलाओं की जासूसी करने वाले कुछ षड्यंत्र करने वाले हैं। मैं उस जज को सलाम करता हूँ जिसने न केवल मुझे रिहा किया बल्कि यह भी कहा कि यह जो FIR है फर्जी है, बनावटी है और मैली नीयत से बनाया है।”

मेवानी गुजरात सरकार को लताड़ते हुए कहते हैं कि कितने निकम्मे हो कि असम पुलिस आई और एक विधायक को उठा ले गई। तुम कुछ भी नहीं कर पाए। यह केवल दलित समाज का अपमान नहीं पूरे गुजरात का अपमान है। वास्तव में मेरी गिरफ़्तारी नागपुर के इशारे पर हुई थी। एक सिटिंग विधायक को इस तरह से उठा ले जाना यह भारत के संविधान पर हमला है।

जिग्नेश मेवानी ने 1 जून को बंद का कॉल देते हुए कहा कि हमारे ऊपर जो केस हुआ वह हम झेल लेंगे। लेकिन ऊना के आन्दोलन के समय दलितों पर जो केस हुआ है और caa/nrc आन्दोलन के समय जो मुस्लिमों पर केस दर्ज हुआ है। जिस प्रकार से पाटीदारों का केस सरकार ने वापस लिया है। उसी प्रकार से दलितों और मुस्लिमों के खिलाफ हुए केस वापस नहीं हुआ तो 1 जून को गुजरात बंद।

अंत में जिग्नेश मेवानी ने बाबा साहेब आम्बेडकर के नाम से शपथ लेते हुए कहा कि जीवन में कभी भाजपा को वोट नहीं देंगे और न ही अपने बच्चों को आरएसएस की शाखा में भेजेंगे।

मेवानी को बल देने के लिए जनता का आभार : जगदीश ठाकोर

अंत में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने संबोधित करते हुए कहा कि “मैं आप सभी को धन्यवाद करने आया हूँ कि आप सभी ने जिग्नेश मेवानी को जो बल दिया है। उसके लिए पूरी कांग्रेस समिति आभारी है”।  

(अहमदाबाद से जनचौक संवाददाता कलीम सिद्दीकी की रिपोर्ट।)

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