Sunday, April 28, 2024
प्रदीप सिंह
प्रदीप सिंहhttps://www.janchowk.com
दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय और जनचौक के राजनीतिक संपादक हैं।

चीन का नक्शा: राहुल बोले-लद्दाख पर पीएम मोदी बोल रहे झूठ, कांग्रेस ने की जी-20 में चीन को घेरने की मांग

नई दिल्ली। चीन द्वारा हाल ही में जारी किए गए नक्शे पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। चीन ने भारत के कई क्षेत्रों- लद्दाख, अक्साई चिन और अरुणाचल प्रदेश को अपने देश का अंग बताते हुए नया नक्शा जारी किया है। कांग्रेेस नेता राहुल गांधी कर्नाटक रवाना होते समय कहा कि “मैं वर्षों से कह रहा हूं कि पीएम मोदी ने जो कहा था कि लद्दाख में एक इंच जमीन नहीं गई, वह झूठ है। पूरा लद्दाख जानता है कि चीन ने अतिक्रमण किया है।”

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चीन को ‘आदतन अपराधी’ बताते हुए पीएम मोदी से सवाल पूछा है कि क्या भारत को जी-20 में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मेजबानी करनी चाहिए? उन्होंने कहा कि इस मंच का उपयोग चीन को बेनकाब करने के लिए होना चाहिए।

बुधवार को चीन के नए ‘आधिकारिक मानचित्र’ पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कांग्रेस नेताओं ने इस प्रतिक्रिया में चीन की धृष्टता और झूठ के साथ ही लद्दाख पर पीएम नरेंद्र मोदी के झूठ पर भी सवाल उठाया है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि लद्दाख में भारत और चीन के बीच संघर्ष और सीमा विवाद पर प्रधानमंत्री मोदी वर्षों से देश से झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि चीन लद्दाख के अक्साई चिन और अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा करता है, “यह मानचित्र मुद्दा बहुत गंभीर है। उन्होंने जमीन छीन ली है। पीएम मोदी को इस बारे में कुछ कहना चाहिए।

राहुल गांधी अभी हाल ही में लद्दाख की यात्रा पर थे। उस दौरान भी उन्होंने चीनी सैनिकों की भारत की सीमा के अंदर घुसपैठ करने और भारत की जमीन पर कब्जा का मुद्दा उठाया था।

गौरतलब है कि बीजिंग ने सोमवार को अपने “आधिकारिक मानचित्र” का 2023 संस्करण जारी किया जिसमें उसने अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चिन क्षेत्र, ताइवान और विवादित दक्षिण चीन सागर पर दावा किया। भारत ने राजनयिक चैनलों के माध्यम से चीन के इस दुस्साहस पर कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए उसके दावों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि चीन “बेतुके दावे” कर रहा है, लेकिन इससे दूसरे लोगों का इलाका उनका नहीं हो जाता।

क्या जी-20 शिखर सम्मेलन में शी जिनपिंग से मोदी करेंगे सवाल

कांग्रेस ने मांग की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी जी 20 शिखर सम्मेलन में शत्रुवत पड़ोसी चीन को बेनकाब करें। कांग्रेस ने पीएम मोदी से यह भी सवाल किया है कि क्या भारत को शी जिनपिंग की मेजबानी करनी चाहिए जबकि उनके शासन में अवैध रूप से भारतीय क्षेत्रों पर कब्ज़ा कर लिया गया है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चीन को बताया आदतन अपराधी

चीन को ‘आदतन अपराधी’ बताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमें उम्मीद है कि 9-10 सितंबर को भारत में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन हमारे लिए वैश्विक मंच पर भारतीय क्षेत्र में चीन के अतिक्रमण को उजागर करने का एक और अवसर होगा। मोदी सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि LAC (वास्तविक नियंत्रण रेखा) के साथ 2,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर अवैध चीनी कब्ज़ा ख़त्म होना चाहिए।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि “कांग्रेस पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व चाहती है, लेकिन चीन का धोखा गलवान के बाद भी जारी है। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें यह कहकर खुली छूट दे दी कि भारतीय क्षेत्र में कोई घुसपैठ और अतिक्रमण नहीं हुआ है। गलवान में हमारे 20 वीर जवान शहीद हुए। सीमा पर मई 2020 से पहले की यथास्थिति बहाल होनी चाहिए। और मोदी सरकार को इसकी बहाली से कम किसी भी चीज़ से पीछे नहीं हटना चाहिए।

मोदी सरकार को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए-मनीष तिवारी

कांग्रेस के विदेश मामलों के विभाग के सदस्य एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि “मोदी सरकार को गंभीरता से आत्मनिरीक्षण करना चाहिए, हालांकि जी-20 एक बहुपक्षीय मंच है, लेकिन क्या शी जिनपिंग का दिल्ली में स्वागत करना भारत के स्वाभिमान के अनुरुप होगा, जिन्होंने भारत के 2,000 वर्ग किमी क्षेत्र पर अवैध कब्ज़ा कर रखा है।”

पूर्व केंद्रीय मंत्री तिवारी ने कहा, “चीनी राष्ट्रपति की दिल्ली यात्रा के ठीक पहले इस तरह का नक्शा जारी करना चीन की मंशा पर सवाल खड़े करती है। चीन का अरुणाचल पर कोई दावा नहीं है। उनके दावे की बेतुकी बात चीन-भारत सीमा विवाद के इतिहास से प्रमाणित होती है।”

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि अप्रैल 2020 और अगस्त 2023 के बीच लद्दाख में जो कुछ हुआ उस पर मोदी सरकार को एक श्वेत पत्र प्रकाशित करना चाहिए। चीन के साथ लद्दाख में क्या हुआ यह एक संप्रभु देश के सभी नागरिकों को जानने का हक है। मोदी सरकार को 2,000 वर्ग किमी का अवैध कब्ज़ा खाली कराना चाहिए।

ब्रिक्स बैठक में शी जिनपिंग के सामने पीएम मोदी की बॉडी लैंग्वेज पर सवाल

दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सामने प्रधानमंत्री की शारीरिक भाषा पहले से ही सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है। अब कांग्रेस ने जी-20 जैसे बहुपक्षीय वैश्विक मंच पर चीनी राष्ट्रपति को घेरने की मांग कर मोदी सरकार को और अधिक असहज कर दिया है।

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि “हम सभी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में मोदी की बॉडी लैंग्वेज देखी। 140 करोड़ लोगों का प्रधानमंत्री इतना कमज़ोर कैसे हो सकता है? हमने पहले उसे झूले पर शी जिनपिंग की मदद करते देखा था और अब वह असहाय खड़ा था।

खेड़ा ने कहा कि “मिस्टर मोदी, आगामी जी20 शिखर सम्मेलन में अपनी बॉडी लैंग्वेज बदलें और चीन और दुनिया को एक कड़ा संदेश भेजें। आख़िरकार, जवाहरलाल नेहरू ने 1962 में चीनी दावे को स्वीकार नहीं किया और युद्ध का सामना करना पड़ा।”

कांग्रेस की सोशल मीडिया प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका में मोदी-शी की बैठक के बाद सरकार ने दावा किया था कि उन्होंने चीनी राष्ट्रपति से सीमा मुद्दों और घुसपैठ के बारे में बहुत दृढ़ता से बात की थी।

उन्होंने कहा, “दृढ़ शब्दों का परिणाम क्या होता है? चार दिन के अंदर अरुणाचल और अक्साई चिन को अपना बताने वाला नक्शा सामने आ जाता है।”

चीन पहले भी जारी कर चुका है विवादित नक्शा

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि “चीन ने पहले भी ऐसे नक्शे जारी किए हैं जिनमें उन क्षेत्रों पर दावा किया गया है जो चीन के नहीं हैं, जो अन्य देशों के हैं। यह उनकी पुरानी आदत है, यह कोई नई बात नहीं है। इसकी शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी। इसलिए केवल उन क्षेत्रों का दावा करने वाला एक नक्शा पेश करने से जिनमें से कुछ भारत का हिस्सा हैं.. मुझे लगता है कि इससे (कुछ भी) नहीं बदलेगा। ये काफी हद तक भारत का हिस्सा हैं।”

चीन ने सिर्फ विवादित नक्शा ही जारी नहीं किया है। इससे पहले वह अप्रैल में अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों का नाम बदल दिया था। तब भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और नाम बदल देने से वास्तविकता नहीं बदलती है। यह चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी अरुणाचल प्रदेश के लिए मानकीकृत भौगोलिक नामों का तीसरा बैच था। चीन ने अरुणाचल प्रदेश में छह स्थानों के मानकीकृत नामों का पहला बैच 2017 में जारी किया गया था, जबकि 15 स्थानों का दूसरा बैच 2021 में जारी किया गया था।

(प्रदीप सिंह जनचौक के राजनीतिक संपादक हैं।)

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