शिवराज के थाना प्रभारी ने पत्रकार के सिर पर किया पेशाब, क्या सीएम इस बार भी पैर धोकर इस मामले को करेंगे रफा-दफा?

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नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में सिर पर पेशाब करने की एक और घटना सामने आई है। इस बार किसी शख्स के सिर पर बीजेपी के नेता ने पेशाब नहीं किया है। बल्कि सिर पर पेशाब करने वाला कानून-व्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेदारी निभाने वाला थाना प्रभारी है। मामला मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले का है। एक पत्रकार द्वारा भ्रष्टाचार की खबरें प्रकाशित करने से नाराज थाना प्रभारी ने पत्रकार को फर्जी मामले में फंसाया, फिर थाने बुलाकर उसको हवालात मे डाल दिया। पत्रकार के परिजनों का आरोप है कि उसके साथ मारपीट करने के साथ ही थाना प्रभारी कमलेश साहू ने पत्रकार पिंटू दुबे के सिर पर पेशाब करके अपमानित किया।

छतरपुर निवासी पत्रकार मिंटू दुबे की बहन सुनीता तिवारी ने प्रेस कांफ्रेंस करके आरोप लगाया है कि “ख़बर दिखाने से नाराज़ सिविल लाइन थाना प्रभारी कमलेश साहू ने पत्रकार पिंटू दुबे पर न सिर्फ़ फर्जी एफआईआर दर्ज़ कर जेल भेजा बल्कि लॉकअप में मारपीट कर “सिर पर पेशाब किया और जान से मारने की धमकी भी दी।”

एसपी को दिए लिखित शिकायत में पत्रकार की बहन ने इल्ज़ाम लगाया है कि थाना प्रभारी साहू ने 10 दिन पुराने लूट की एफआईआर (IPC की धारा 394 और 587) में उसका नाम जोड़ कर जेल भेज दिया। मामला तब सामने आया जब पत्रकार पिंटू दुबे की पत्रकार बहन सुनीता दुबे अपने भाई से जेल में मिलने गई और उसने उन्हें आप बीती सुनाई।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक्स पर लिखा कि “सिर पर चढ़कर … ” एक गाली है। अब दबंगों का हथियार बन गयी है। जिसे जहां दबंगई करनी है और किसी के अभिमान को बुलडोज़ करना है तो यह हथियार तैयार है। इस नंगेपन के खिलाफ मध्य प्रदेश को खड़ा होना पड़ेगा।

साधना न्यूज में काम करने वाले दुबे की बहन सुनीता ने शनिवार को दर्जनों पत्रकारों के साथ छतरपुर एसपी अमित सांघी से मुलाकात की और कठोर कार्रवाई की मांग की। एसपी सांघी ने 48 घंटे में जांच करने के आदेश दिए हैं। पिछले माह सीधी ज़िले में बीजेपी के एक पदाधिकारी ने एक आदिवासी के सिर पर पेशाब कर दिया था। उस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद प्रदेश में राजनैतिक भूचाल आ गया था और उसे दबाने के लिए सीएम को पीड़ित आदिवासी के पैर धोने पड़े थे।

बीते दिनों मध्य प्रदेश से एक ऐसी तस्वीर सामने आई, जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया या यूं कहे कि इंसान को इंसान कहने पर ही शर्म आने लगी। बीजेपी के कार्यकर्ता और सीधी से बीजेपी विधायक केदार शुक्ला के प्रतिनिधि प्रवेश शुक्ला ने एक आदिवासी समाज के व्यक्ति दशमत रावत के सिर पर पेशाब किया था। इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया और साथ ही उस पर एनएसए लगाकर उसके घर को गिरा दिया गया है।

तब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ित आदिवासी का पैर धुलकर डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की थी। लेकिन सीएम चौहान के राज में सिर पर पेशाब करने की घटना ने लोगों को हिलाकर रख दिया है। पुलिस लॉकअप में किसी आरोपी के सिर पर पेशाब करने की घटना ने मध्य प्रदेश में कानून के राज पर सवालिया निशान लगा दिया है।

(प्रदीप सिंह की रिपोर्ट।)

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प्रदीप सिंह https://www.janchowk.com

दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय और जनचौक के राजनीतिक संपादक हैं।

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