नई दिल्ली। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और पहलवानों के बीच बुधवार को करीब छह घंटे की बैठक चली। बैठक में ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, सत्यव्रत कादियान और जितेंद्र किन्हा पहुंचे थे। बैठक में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई। पहले पहलवान आरोपी बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी पर अड़े रहे। लेकिन खेल मंत्री से मिले आश्वासन के बाद पहलवान 15 जून तक अपना आंदोलन टालने के लिए तैयार हो गए हैं। खेल मंत्री और पहलवानों के बीच तीन मुद्दों- बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी, भारतीय कुश्ती संघ के निष्पक्ष चुनाव और 28 मई की घटना पर पहलवानों पर दर्ज हुए केस वापस करने पर चर्चा हुई। इसके साथ ही पहलवानों ने कहा कि भारतीय कुश्ती संघ की नई टीम में बृजभूषण शरण सिंह के परिवार का कोई सदस्य न हो। खेल मंत्री ने पहलवानों की मांग पर सहमति जताई है।
खेल मंत्री ने पहलवानों को आश्वासन दिया है कि 15 जून तक सिंह के खिलाफ चार्जशीट दायर की जाएगी और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के चुनाव 30 जून तक होंगे।
विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया के नेतृत्व में तमाम पहलवान कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। पहलवानों ने बृजभूषण शरण पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। दिल्ली पुलिस ने महिला पहलवानों की शिकायत पर बृजभूषण के खिलाफ दो केस दर्ज किए हैं।
खेल मंत्री के साथ बैठक के बाद पहलवानों ने कहा कि अपने समर्थकों, और जो संगठन हमारे साथ जुड़े हैं उनसे बात करके हम आगे की रणनीति को साझा करेंगे।
आंदोलनकारी पहलवान कुश्ती संघ में व्यापक सफाई चाहते हैं। वह चाहते हैं कि बृजभूषण शरण सिंह के परिवार का कोई सदस्य कुश्ती संघ में शामिल न हो। और उन्होंने कुश्ती संघ में आंतरिक शिकायत समिति बनाने और उसका नेतृत्व किसी महिला को सौंपने की मांग की है।
सूत्रों का कहना है कि खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों को आश्वासन दिया है कि आगामी डब्ल्यूएफआई चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह के परिवार से किसी भी सदस्य को लड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। और, इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि विरोध करने वाले तीनों पहलवानों- बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगट से “राय -मशविरा” करके यह तय किया जाएगा कि कौन अध्यक्ष, महासचिव और कोषाध्यक्ष के प्रमुख पदों पर काबिज होगा।
बैठक के बाद अनुराग ठाकुर ने इस बदलाव पर कहा कि “भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के चुनाव 30 जून तक कराया जाएगा। WFI में आंतरिक शिकायत समिति की स्थापना की जाएगी और उसका प्रमुख एक महिला होगी। चुनावों के बाद, WFI अच्छे पदाधिकारियों के साथ एक अच्छे महासंघ के रूप में कार्य करेगा। इस संबंध में खिलाड़ियों की राय ली जाएगी।”
डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के रूप में 12 साल पूरे करने के बाद बृजभूषण सिंह राष्ट्रीय खेल संहिता द्वारा उल्लिखित कार्यकाल सीमा के कारण अब एक और कार्यकाल के लिए चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। हालांकि, बुधवार की बैठक के बाद, अब सिंह के परिवार के सदस्यों या करीबी सहयोगियों के लिए भी दरवाजे मजबूती से बंद हैं।
अप्रैल में सरकार द्वारा कार्यकारी परिषद को भंग करने से पहले बृजभूषण के बेटे करण भूषण सिंह डब्ल्यूएफआई के उपाध्यक्ष थे। उनके दामाद विशाल सिंह बिहार कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं। डब्ल्यूएफआई के संयुक्त सचिव आदित्य प्रताप सिंह भी बृजभूषण के दामाद हैं।
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बैठक के बाद कहा, “तीन कार्यकाल पूरे कर चुके पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और उनके करीबी लोगों को नहीं चुना जाएगा, पहलवानों ने मांग की थी।”
(जनचौक की रिपोर्ट।)