नई दिल्ली। भारत सरकार ने गुरु नानक को 18,500 एकड़ जमीन दान में देने वाले ननकाना साहिब के राय भुल्लर भट्टी के परिजनों को वीजा देने से इंकार कर दिया है।
परिवार की 19वीं पीढ़ी से जुड़े बेटे राय सलीम भट्टी को सिख गुरू के 550वें प्रकाश पर्व समारोह में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया गया था।
भट्टी ने अंग्रेजी अखबार दैनिक ट्रिब्यून को बताया कि उन्हें शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी और पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के वकीलों के एक संगठन द्वारा आमंत्रित किया गया था। उन्होंने कहा कि “हमें आज इस बात की सूचना मिली है कि मेरा वीजा आवेदन खारिज कर दिया गया है। मेरे पिता और बेटा मेरे साथ पहली बार पंजाब जाने वाले थे।”
भट्टी ने बताया कि हालांकि जिस कार्यक्रम के लिए उन्हें बुलाया गया था वह पहले ही संपन्न हो चुका है। बावजूद इसके अभी भी इस बात की आशा कर रहे थे कि वह पंजाब का दौरा कर पाएंगे। और वे सुल्तानपुर लोधी और स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने में सफल होंगे। लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है।
यह परिवार आपसी धार्मिक एकता और सद्भाव का एक प्रतीक है। जैसा कि गुरुनानक के समकालीन राय भुलर भट्टी उन लोगों में से एक थे जिसने उनकी आध्यात्मिक शक्ति को पहचाना था।
कांग्रेस सरकार के मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भट्टी परिवार को वीजा न दिए जाने पर गहरी निराशा जाहिर की है। उन्होंने कहा कि “पहले सरकार ने पंजाब के मंत्रियों को पाकिस्तान जाने की अनुमति को रद्द किया और अब उस परिवार को वीजा देने से इंकार कर दिया जिसने गुरु नानक को सबसे ज्यादा जमीन दी थी।”
भट्टी ने कहा कि उन्होंने इस भारतीय दौरे के चलते अमेरिकी सीनेट द्वारा सांप्रदायिक सद्भावना के लेक्चर में भाषण देने जाने के अपने कार्यक्रम को रद्द कर दिया था। लेकिन अब सब कुछ बेकार हो गया।