एपिक घोटाला: टीएमसी ने दी चुनाव आयोग को 24 घंटे की चेतावनी

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नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में वोटर आईडी कार्ड में फर्जीवाड़े का मसला गहराता जा रहा है। सोमवार को टीएमसी के तीन वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव आयोग को चेतावनी दी है कि अगर वह अपनी गलती नहीं मानता वो कुछ और खुलासे करने के लिए बाध्य हो जाएंगे। इस लिहाज से उन्होंने आयोग को 24 घंटे का समय दिया है।

पत्रकार से राज्यसभा सभा सांसद बनी सागरिका घोष ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा है कि प्रिय चुनाव आयोग अगले 24 घंटे के भीतर ईपीआईसी कार्ड के डुप्लीकेसी घोटाले से स्वच्छ से होकर बाहर निकलें। जो हुआ है वह अपराध है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो कल हम दूसरे मामले का पर्दाफाश करेंगे।

इसके पहले टीएमसी राज्य सभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने भी कहा है कि अगर चुनाव आयोग अपनी गलतियों को मानने में नाकाम रहता है तो पार्टी मंगलवार को सुबह और दस्तावेजों के साथ सामने आएगी।

ओ ब्रायन, घोष और लोकसभा सांसद कीर्ति आजाद ने ऐसे वोटर आईडी कार्डों की लिस्ट जारी की जिनके एपिक नंबर एक थे। उनका कहना था कि इनमें ज्यादातर बीजेपी शासित राज्यों से हैं।

ओ ब्रायन ने कहा कि हम केवल चाहते हैं कि एक राज्य का मतदाता उसी राज्य में वोट करे। बंगाल का मतदाता केवल बंगाल में मतदान करे….ऐसे मतदाताओं को वोट की इजाजत नहीं दी जाएगी जिनका एपिक नंबर एक है।

उन्होंने आगे कहा कि इन लोगों को दूसरे राज्यों से यहां वोट करने के लिए ले आया जाएगा। यह बिल्कुल अस्वीकार्य है।  

दो राज्यों में एक ही एपिक कार्ड नंबर होने की टीएमसी द्वारा जानकारी दिए जाने के बाद रविवार को चुनाव आयोग ने कहा कि वह मुद्दे को ठीक करेगा और टेक्नॉलाजी से चलने वाले प्लेटफार्म को भी अपडेट करेगा।

हालांकि साथ ही यह भी कहा कि एपिक नंबर कुछ मतदाताओं के एक हो सकते हैं लेकिन दूसरे विवरण जिसमें विधानसभा और पोलिंग बूथ आदि बिल्कुल अलग होंगे।

ओ ब्रायन ने इसे महा घोटाला करार देते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने तब जाकर बयान जारी किया जब टीएमसी ने घोषणा की कि वह इस मुद्दे पर प्रेस कांफ्रेंस करने जा रही है।

उन्होंने कहा कि इसके लिए चुनाव आयोग की सीमित प्रशंसा की जानी चाहिए। मैं इसलिए सीमित कह रहा हूं क्योंकि आयोग गलती मान रहा है लेकिन उसको स्वीकार नहीं कर रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि अगले 24 घंटों में हम आदरपूर्वक चुनाव आयोग से कहते हैं कि वह अपनी गलती स्वीकार कर ले। अगर ऐसा नहीं करता है तो हम मंगलवार को सुबह नौ बजे एक दस्तावेज साझा करेंगे।

इसके साथ ही टीएमसी सांसदों ने इस मामले की गहराई से जांच करने की मांग की।

चुनाव आयोग ने रविवार को माना था कि एक ही एपिक नंबर कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मतदाताओं को आवंटित किया गया था। आयोग ने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इलेक्टोरल रोल मैनेजमेंट प्लेटफार्म पर जाने से पहले सभी राज्यों का इलेक्टोरल डाटा विकेंद्रीकृत और हाथों से के जरिये फीड किया गया था।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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