नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि तीन किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ शांतिपूर्ण चल रहे आंदोलन को भाजपा सरकार अब “साम्प्रदायिक” रंग देने की कोशिश कर रही है। सरकार द्वारा जिस तरह से पिछले 3 दिनों से गाजीपुर बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर पर माहौल खराब करने के असफल प्रयास किया गया है उससे सिद्ध होता है कि पुलिस और भाजपा-आरएसएस के लोग इस आंदोलन को खत्म करना चाहते हैं। टिकरी धरने पर ऐसे ही असफल प्रयास किये गए।
संगठन ने कहा कि सयुंक्त किसान मोर्चा गाजीपुर बॉर्डर पहुंच रहे किसानों का प्यार देखकर अभिभूत है। सरकार और कई संगठन ये मान चुके थे कि गाजीपुर धरना अब खत्म हो गया है लेकिन उत्तर प्रदेश और हरियाणा के किसानों ने यह फिर से सिद्ध कर दिया कि किसानों के हौसले बुलंद हैं।
इस बीच सयुंक्त किसान मोर्चा द्वारा कल महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर प्रस्तावित “सद्भावना दिवस” पर दिल्ली के सभी बोर्डर्स समेत देशभर के धरनों पर सुबह 9 बजे से 5 बजे तक अनशन रखा जाएगा। किसानों का आंदोलन शांत था और शांतमयी ही रहेगा। मोर्चे का कहना था कि यह दिन सत्य और अहिंसा के विचारों को प्रसारित करने के लिए मनाया जाएगा। सरकार जिस तरह से सुनियोजित झूठ और हिंसा फैला रही है उसकी निंदा और विरोध शांतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा।
नेताओं ने कहा कि हरियाणा में स्थानीय स्तर पर किसान संगठनों और ग्राम पंचायतों में लोगों ने प्रस्ताव पारित कर दिल्ली आने और अन्य सहायता उपलब्ध कराने के कदम की हम प्रशंसा करते हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा कि पुलिस द्वारा लगातार की जा रही हिंसा निंदनीय है। किसान आंदोलन को धरनों के आसपास के निवासियों का पूर्ण सहयोग रहा है। सरकार के लोग उन लोगों को किसानों के खिलाफ भड़का रहे हैं पर उनकी यह कोशिश असफल है। आसपास के लोग किसानों के साथ अपना दर्द बांटते हुए लंगर और सफाई में अपना योगदान दे रहे हैं।
This post was last modified on January 29, 2021 11:09 pm