पीएम केयर्स फंड की ऑडिट करने वाले चार्टर्ड एकाउंटेंट के बीजेपी-संघ के साथ हैं नाभि-नाल के रिश्ते

Estimated read time 1 min read

नई दिल्ली। पीएम केयर्स फंड के सिलसिले में खुलासे दर खुलासे हो रहे हैं। ताजा मामला फंड की ऑडिट करने वाले चार्टर्ड एकाउंटेंट से जुड़ा है। अभी तक कहा जा रहा था कि फंड की भले ही सीएजी से ऑडिट न करायी जाए लेकिन उसकी ऑडिट का काम एक स्वतंत्र ऑडिटर करेगा। अब इस ‘स्वतंत्र ऑडिटर’ के तौर पर जो नाम सामने आ रहा है वह कितना स्वतंत्र है और कैसी ऑडिट करेगा इसका अंदाजा आप उसका प्रोफाइल देख कर लगा सकते हैं। 

जाने-माने आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले ने अपने कई ट्वीट के जरिये न केवल पीएम केयर्स फंड के ऑडिटर के नाम का खुलासा किया है बल्कि उसके बीजेपी और आरएसएस रिश्ते कितने गहरे हैं उसके भी कुछ सबूत पेश किए हैं।

23 अप्रैल को एम/एस एसएआरसी एंड एसोसिएट्स को पीएम केयर्स का ऑडिटर नियुक्त किया गया। इस कंपनी के मुखिया का नाम है सुनील कुमार गुप्ता। वही इस कंपनी को संचालित करते हैं। गुप्ता पेशे से चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं। इनका दफ्तर दिल्ली के तुगलकाबाद औद्योगिक इलाके में स्थित है। गुप्ता की दूसरी पहचान यह है कि उनके पीएम मोदी समेत बीजेपी के कई शीर्ष नेताओं से बेहद गहरे रिश्ते हैं।

साकेत गोखले ने एक तस्वीर साझा की जिसमें गुप्ता बीजेपी सांसद और दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष मनोज तिवारी को किताब भेंट करते हुए दिख रहे हैं। इसी कड़ी में उनकी एक तस्वीर केंद्रीय मंत्री और पीएम मोदी के खासमखास तथा मंत्री बनने से पहले बीजेपी के खजांची रहे पीयूष गोयल के साथ है। इसमें वह उनके साथ किसी शो में बैठे हैं। दोनों साथ बैठकर मुस्कराते हुए देखे जा सकते हैं।

गुप्ता की पहुंच केवल इन नेताओं तक ही नहीं बल्कि देश के खजाने से जुड़े विभाग से भी सीधा है। एक तस्वीर में वह देश के गद्दारों को गोली मारो….वाले नेता और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ हैं। इसमें इन दोनों के अलावा देश के जाने-माने क्रिकेटर कपिल देव और जबलपुर से बीजेपी सांसद राकेश सिंह को भी देखा जा सकता है। चारों मिलकर किसी एक किताब का विमोचन कर रहे हैं।

सुनील गुप्ता का रिश्ता यहीं नहीं रुकता। बीजेपी के दूसरे कई कद्दावर नेताओं से भी उनका गहरा नाता है। एक तस्वीर पूर्व केंद्रीय मंत्री और पार्टी के शीर्ष प्रवक्ताओं में शामिल राजीव प्रताप रूड़ी के साथ है जिसमें वह उनके साथ गहन विचार-विमर्श की मुद्रा में देखे जा सकते हैं। तस्वीर से ऐसा लगता है जैसे वह किसी गंभीर मामले पर मंत्रणा कर रहे हों। उनका यह रिश्ता केवल दिल्ली और उत्तर भारतीय नेताओं तक सीमित नहीं है। उनकी सरकार में किस कदर पैठ है उसका अंदाजा केंद्रीय मंत्री किरण रिजुजु के साथ उनके आए चित्र से लगाया जा सकता है जिसमें वह रिजुजु को उत्तर-पूर्व से जुड़ी कोई पेंटिंग भेंट करते देखे जा सकते हैं।

बीजेपी नेताओं और मंत्रियों के साथ इन तमाम किताबों, शो और पेंटिंग से इस बात को आसानी समझा जा सकता है कि गुप्ता का पीआर कितना मजबूत है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो गुप्ता पीआर के माहिर खिलाड़ी हैं।

रिश्तों का यह गठबंधन सिर्फ बीजेपी तक सीमित होता तो कोई बात नहीं थी। बीजेपी और उससे जुड़े संगठनों की मातृ संस्था आरएसएस से भी गुप्ता के रिश्ते बेहद खास हैं। उसका खुलासा उस समय होता है जब वह 2018 में अमेरिका में हुए वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा सार्वजनिक रूप से करते हैं। 7 सितंबर, 2018 के एक ट्वीट में वह लिखते हैं, “मैं अमेरिका के शिकागो में 7 से 9 सितंबर, 2018 को होने वाली हिंदू कांग्रेस में शामिल हूं।”

यह सार्वजनिक ऐलान बताता है कि गुप्ता इसके जरिये क्या हासिल करना चाहते हैं। और आज वह शायद अपनी मंजिल के करीब हैं जब उन्हें न केवल पीएमओ का विश्वसनीय पात्र होने का गौरव हासिल हुआ है बल्कि उसके सबसे ‘गोपनीय फंड’ पीएम केयर्स का हिसाब-किताब करने का उनको जिम्मा मिल गया है।

आखिरी ट्वीट में साकेत गोखले लिखते हैं, “इसी तरह से पीएम केयर्स फंड की ‘स्वतंत्र’ रूप से जांच होने जा रही है। 10 हजार करोड़ रुपये की रकम पार लगाने के बाद उसकी आडिटिंग बीजेपी/ संघ का एक आदमी करेगा जो न केवल तमाम बीजेपी नेताओं का करीबी है बल्कि पीएम तक पहुंच रखता है। 

महामारी का फायदा उठाकर की जाने वाली यह सार्वजनिक धन की खुली लूट है।”

इस पूरे प्रकरण में दिलचस्प बात यह है कि पिछले दस सालों से पीएमएनआरएफ यानी प्रधानमंत्री राहत कोष की आडिट ठाकुर, वैद्यनाथ अय्यर एंड कंपनी कर रही थी। 2009-10 से जो सिलसिला शुरू हुआ तो यह मोदी के शासन के काल में भी जारी रहा। यहां तक कि 2016, 2017 और 2018 तक यह बना रहा।

और ठाकुर, वैद्यनाथ, अय्यर एंड कंपनी के जिम्मे ही ऑडिट करने का काम था। लेकिन पीएम केयर्स के गठन से पहले एकाएक ऑडिट कंपनी बदल दी गयी। यह तब्दीली नयी संस्था बनने से ठीक दो महीने पहले की गयी। और फिर स्वाभाविक तौर पर सार्क एंड एसोसिएट्स को पीएम केयर्स फंड के आडिट का काम सौंप दिया गया।

+ There are no comments

Add yours

You May Also Like

More From Author