सर्वदलीय बैठक में सोनिया गांधी ने सरकार से पूछे कई तीखे सवाल, कहा- हम लोगों को अंधेरे में रखा गया

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नई दिल्ली। (आज प्रधानमंत्री के बुलावे पर दिल्ली में सर्वदलीय बैठक हुई। इसमें चीन के साथ मौजूदा संकट को लेकर गहरा विचार-विमर्श किया गया। कांग्रेस की ओर से पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शिरकत की। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संपन्न हुई इस बैठक में सोनिया गांधी ने सरकार से कई तीखे सवाल पूछे। पेश है उनके द्वारा बैठक में रखी गयी पूरी बात-संपादक)

प्रधानमंत्री जी, मंत्री गण एवं सभी राजनैतिक दलों के नेतागण,

हम आज एक दर्दनाक टकराव के बाद मिल रहे हैं। हमारे मन गहरी वेदना और आक्रोश से भरे हैं। सबसे पहले मैं अपनी सेना के उन साहसी सैनिकों को श्रद्धांजलि देती हूँ, जिन्होंने सीमा पर अपने प्राणों की आहुति दी। मैं उनके शोकाकुल परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती हूँ। जिन्होंने अपने प्रिय जनों को खोया। हम घायल सैनिकों के जल्द से जल्द ठीक हो जायें, इसकी कामना करते हैं।

मेरे विचार से यह बैठक सरकार को Ladakh और अन्य जगहों पर चीनी घुसपैठ की 5 मई, 2020 को खबरें मिलने के फौरन बाद बुलानी चाहिए थी। हमेशा की तरह पूरा देश एक चट्टान की तरह साथ खड़ा होता और देश की सीमाओं की अखंडता की रक्षा के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम में अपना पूरा सहयोग देता। खेद इस बात का है कि ऐसा नहीं हुआ।

वास्तव में, इतना समय गुजर जाने के बाद भी इस संकट के अनेक महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में हमें अंधेरे में रखा गया है। देश की ओर से सरकार से हमारे कुछ सवाल हैं: 

चीनी सेनाओं ने Ladakh में हमारे क्षेत्र में किस तारीख़ को घुसपैठ की? 

सरकार को हमारे क्षेत्र में चीनी घुसपैठ के बारे में कब जानकारी हुई? 

खबरों की मानें तो घुसपैठ 5 मई को हुई, क्या यह सही है, या फिर घुसपैठ उसके बाद हुई? 

क्या सरकार को, नियमित रूप से, हमारे देश की सीमाओं की satellite images नहीं मिलती हैं? 

क्या हमारी खुफिया एजेंसियों ने Line of Actual Control पर घुसपैठ की जानकारी नहीं दी? क्या सेना की Intelligence ने सरकार को LAC पर चीनी कब्जे और भारतीय क्षेत्र में चीनी सेना की मौजूदगी के बारे सचेत नहीं किया? क्या सरकार यह स्वीकार करेगी कि यह Intelligence failure है?

कांग्रेस पार्टी का यह मानना है कि 5 मई से लेकर 6 जून के बीच का बहुमूल्य समय हमने गंवा दिया, जब दोनों देशों के Core Commanders की बैठक हुई। 

6 जून की इस बैठक के बाद भी, चीन के नेतृत्व से राजनैतिक ओर कूटनीतिक स्तरों पर सीधे बात क्यों नहीं की गई? हम सभी मौकों का लाभ उठाने में नाकाम रहे। आज परिणाम यह है कि हमारे 20 बहादुर जवानों की दर्दनाक शहादत हुई ओर अनेकों घायल हुए।

मैं प्रधानमंत्री जी से आग्रह करती हूँ कि वो हमसे सभी जानकारी साझा करें और इस साल अप्रैल से लेकर आज तक के सारे हालात की जानकारी दें।

प्रश्न यह है कि अब आगे क्या? आगे का रास्ता क्या होगा? कांग्रेस पार्टी की ओर से हम यह भी जानना चाहेंगे कि चीनी सेना की वापसी के बारे में क्या कार्यवाही चल रही है? हम सरकार से यह स्पष्ट आश्वासन चाहेंगे कि पूरे सीमा क्षेत्र में पहले की यथा स्थिति हर हालत में सुनिश्चित होगी। चीन पहले की तरह Line of Actual Control पर पुरानी स्थिति में अपनी सेना की वापसी करेगा।

मैं प्रधानमंत्री जी से उम्मीद करती हूँ कि वे देश के सामने किसी भी खतरे से निपटने के लिए सेना की तैयारियों की जानकारी भी हमें देंगे। मैं यह भी पूछना चाहूंगी कि UPA सरकार द्वारा अप्रैल, 2013 में मंजूर की गई, Mountain Strike Core के गठन के बारे में मौजूदा स्थिति क्या है? इस Core के तहत मंजूर की गई दो Mountain Infantry Divisions के गठन में क्या प्रगति है?

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सहित सारे विपक्षी दल हमारे सैनिकों के साथ पूरी तरह एकजुट हैं। हमारी सेनाएं सभी चुनौतियों से निपटने में सक्षम हैं, इसके लिए हम कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं। देश के लोग सरकार से उम्मीद करते हैं कि वो पूरे देश और विपक्ष को विश्वास में लें और लगातार पूरे घटनाक्रम की जानकारी दें। तभी हम दुनिया के सामने अपनी एकजुटता और सहयोग सुनिश्चित कर सकेंगे।

आप सभी का धन्यवाद,

जय हिंद!

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