बोकारो: झारखंड पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने की मजदूर नेताओं से पूछताछ, दमन के नये दौर की आशंका शुरू

Estimated read time 1 min read

बोकारो। झारखंड में मजदूर नेताओं से झारखंड पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने पूछताछ प्रारंभ की है, जिसके तहत झारखंड क्रांतिकारी मजदूर यूनियन के केन्द्रीय अध्यक्ष बच्चा सिंह से 16 जुलाई को उनके घर पर पूछताछ हुई है और इसी यूनियन के नेता रघुवर सिंह, रज्जाक अंसारी, नागेश्वर महतो को पूछताछ के लिए थाना बुलाया गया है।

झारखंड क्रांतिकारी मजदूर यूनियन के केन्द्रीय अध्यक्ष बच्चा सिंह ने 16 जुलाई को अपने फेसबुक वाल पर पोस्ट किया है, “आज 16 जुलाई को शाम के 3 बजे हमारे निवास पर बोकारो थर्मल थाना पुलिस की एक गाड़ी के साथ स्पेशल ब्रांच के दो सब इंस्पेक्टर आए हुए थे। वे अपनी गाड़ी हमारे घर से नीचे करीब एक सौ मीटर दूरी पर ही छोड़ कर आए थे तथा पुलिस की गाड़ी साथ में थी और हमारे पिताजी से इन लोगों की मुलाकात हुई। पिताजी को हमें बुलाने को कहा, जब मैं अपने घर से बाहर आया तो देखा कि पुलिस के साथ दो व्यक्ति सिविल ड्रेस में खड़े हैं, जब मैंने पूछा कि क्या है भाई? आप लोग कौन हैं? तब सिविल ड्रेस वाले (शख्स) ने बोला कि हम दोनों स्पेशल ब्रांच बोकारो से आये हैं”। 

बच्चा सिंह ने आगे बताया कि “फिर उसमें से एक व्यक्ति ने बोला कि आप अभी हमारे साथ थाना चलें, कुछ बात करनी है। मैंने पूछा क्या बात करनी है? तो उसमें से एक व्यक्ति बताया कि बात करने में समय लगेगा। तब मैंने बोला कि आप यहां बैठ सकते हैं मैं कुर्सी निकलवा दे रहा हूं, फिर वो दोनों और थाने के एक दरोगा साथ में बैठे और हमारे पंचायत के मुखिया के पति चन्द्रदेव घांसी को भी वो लोग साथ लेकर आए थे। सबसे पहले उन लोगों ने हमसे हमारे घर के तमाम सदस्यों के बारे में बातचीत की उसके बाद हमसे पूछा आप अभी (जेकेएमयू) झारखण्ड क्रांतिकारी मजदूर यूनियन के बारे में बताएं कि कब से इस यूनियन में काम कर रहे हैं?” 

उन्होंने फेसबुक पर आगे लिखा है कि “इन सारी बातों पर बातचीत होने के बाद उन लोगों ने रज्जाक अंसारी, रघुवर सिंह, नागेश्वर महतो को कल थाने आने के लिए बोलने के लिए कहा, तो मैंने बोला भी कि यूनियन के बारे में जब बात चीत हो गई तो इन लोगों को कल थाने जाने की क्या जरूरत है? तो फिर उन्होंने बोला कि कुछ बात उन लोगों से भी करनी है। इसलिए साथियों अब इसे समझना होगा कि स्पेशल ब्रांच के लोग बातचीत करने के लिए अपना कार्यालय बुला सकते हैं। पर इन स्पेशल ब्रांच के लोगों को उन साथियों को बातचीत के लिए थाने बुलाने का क्या औचित्य है?”

मालूम हो कि पहले बच्चा सिंह समेत ये सभी मजदूर नेता पंजीकृत ट्रेड यूनियन ‘मजदूर संगठन समिति (मसंस)’ के नेता हुआ करते थे, जिसे 22 दिसंबर 2017 को झारखंड की तत्कालीन रघुवर दास (भाजपा) सरकार ने भाकपा (माओवादी) का मुखौटा संगठन बताकर प्रतिबंधित कर दिया था। मसंस के प्रतिबंधित हो जाने के बाद इनके सभी नेताओं पर UAPA के तहत मुकदमे भी दर्ज हुए और कई मजदूर नेताओं को जेल भी जाना पड़ा। कालांतर में मसंस के कई नेताओं ने लगभग दो दशक से झारखंड में कार्यरत पंजीकृत ट्रेड यूनियन ‘झारखंड क्रांतिकारी मजदूर यूनियन (जेकेएमयू) की सदस्यता ले ली। वैसे, मजदूर संगठन समिति से प्रतिबंध वापस लेने की याचिका दो वर्ष से रांची उच्च न्यायालय में लंबित है।

अब झारखंड में सत्ता परिवर्तन हो गया है और रघुवर दास (भाजपा) की जगह पर हेमंत सोरेन (झारखंड मुक्ति मोर्चा) मुख्यमंत्री हैं, लेकिन स्पेशल ब्रांच द्वारा मजदूर नेताओं के घर पर जाकर पूछताछ करना व पूछताछ के लिए थाने बुलाना कहीं दमन के नये दौर की शुरुआत तो नहीं है?

(रुपेश कुमार सिंह स्वतंत्र पत्रकार हैं और आजकल झारखंड के रामगढ़ में रहते हैं।)

+ There are no comments

Add yours

You May Also Like

More From Author