Saturday, September 30, 2023

सिंधिया के प्रभावक्षेत्र से एक और बीजेपी विधायक ने दिया इस्तीफा, 2 सितंबर को कांग्रेस में हो सकते हैं शामिल

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक एक-एक करके कांग्रेस में लौटने लगे हैं। तीन साल पहले जब वह कांग्रेस पार्टी से बगावत करके भाजपा में शामिल हुए थे तो उनके साथ कई कांग्रेस विधायक और कार्यकर्ता भी भाजपा में शामिल हुए थे। लेकिन पार्टी में उपेक्षा के साथ ही भविष्य की चिंता ने सिंधिया समर्थकों को एक बार फिर कांग्रेस के दरवाजे पर दस्तक देने को मजबूर कर दिया है।

शिवपुरी की कोलारस विधानसभा से विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने आज (गुरुवार) भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। रघुवंशी सिंधिया के प्रभाव क्षेत्र वाले ग्वालियर चंबल संभाग में चंद दिनों के अंदर भाजपा छोड़ने वाले चौथे नेता हैं।

वीरेंद्र रघुवंशी ने अपने इस्तीफे में किसानों के ऋणपत्र के मुद्दे पर सिंधिया पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया है।

रघुवंशी अपने भावी कदम पर मौन हैं। कांग्रेस में जाने के बारे में उन्होंने अभी कुछ नहीं कहा है। लेकिन उनसे पहले भाजपा छोड़ने वाले तीनों नेताओं ने कांग्रेस ज्वाइन किया। वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने कहा कि रघुवंशी 2 सितंबर को कांग्रेस की सदस्यता लेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और जयवर्द्धन सिंह की उपस्थिति में वह कांग्रेस में शामिल होंगे।

विधायक ने आगे लिखा कि शिवपुरी एवं कोलारस विधानसभा में भ्रष्ट अधिकारियों की पोस्टिंग सिर्फ इसलिए की जा रही है, ताकि वे मेरे हर विकास कार्य में रुकावट डाल सकें और मुझे व मेरे कार्यकर्ताओं को परेशान कर सकें।

सिंधिया जी ने यह कहकर कांग्रेस की सरकार गिराई थी कि किसानों का 2 लाख रुपये का कर्ज माफ नहीं किया जा रहा, लेकिन भाजपा की सरकार बनने के बाद उन्होंने कर्ज माफी तो दूर, आज तक इस बारे में बात तक नहीं की।

विधायक ने कहा कि विधायक दल पार्टी की बैठकों में प्रदेश हित के मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं करना चाहता, बल्कि भ्रष्ट मंत्रियों का बचाव अवश्य करते हैं। मैं जनसेवक हूं, ऐसे वातावरण में घुटन महसूस कर रहा हूं और आहत हूं।

उन्होंने राज्य भर में किसानों के सहकारी बैंकों में “बड़े घोटालों” के बारे में बात की, खासकर शिवपुरी जिले में, “उनकी जमा राशि पर सेंध लगाने” के बारे में बात की। रघुवंशी ने कहा कि घोटाला सामने आने के तीन साल बाद भी हताश किसान अपनी जमा राशि निकालने के लिए लाइन में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा, “किसानों को उनकी जमा राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है, लेकिन सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।” उन्होंने कहा कि उन्होंने इस विषय को विधानसभा में भी उठाया था, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

विधायक ने शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर गौमाता के नाम पर वोट लेने और इस पर कुछ नहीं करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, अधिकांश गौशालाएं चालू नहीं हैं, या उन्हें चार-पांच महीनों में धन नहीं मिला। इस कारण, गायें अभी भी सड़कों पर मर रही हैं।

रघुवंशी ने दावा किया कि उन्होंने अपना दर्द मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अन्य शीर्ष भाजपा नेताओं के सामने उठाया था, लेकिन उस पर कभी ध्यान नहीं दिया।

उन्होंने कहा, “ग्वालियर-चंबल संभाग में, मेरे जैसे कई पार्टी कार्यकर्ताओं को नए लोगों (सिंधिया के साथ आए नेताओं) द्वारा उपेक्षित किया गया है।” उन्होंने कहा कि भाजपा के वफादार “पूरी निष्ठा के साथ” पार्टी के लिए काम करने की कीमत चुका रहे हैं।

सिंधिया समर्थकों ने माना कि उनके और रघुवंशी खेमे के बीच कई बार विवाद हो चुके हैं। हालांकि, उन्होंने विधायक की “कोलारस से टिकट नहीं दिए जाने पर बढ़ती चिंता” को उनके बाहर निकलने का कारण बताया।

दोनों नेताओं के बीच तनाव 2013 के विधानसभा चुनावों से है, जब रघुवंशी ने शिवपुरी से कांग्रेस के टिकट पर सिंधिया की बुआ और भाजपा नेता यशोधरा राजे के खिलाफ चुनाव लड़ा था। एक सिंधिया समर्थक ने कहा, जब वह राजे से हार गए, तो रघुवंशी ने उनके खिलाफ काम करने के लिए सिंधिया को दोषी ठहराया।

सिंधिया के समर्थकों का कहना है कि वह (यशोधरा राजे) उनकी बुआ हैं, वह सार्वजनिक रूप से उनके खिलाफ नहीं जा सकते हैं।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of

guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles

ग्राउंड रिपोर्ट: साहब अभी मैं जिंदा हूं!

मुजफ्फरनगर। चेहरे पर उगी झुर्रियां उपर से परेशानी के गहरे भाव, पसीने से सना...