पटना। भाकपा-माले बिहार राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि बेगूसराय के बछवाड़ा थानातंर्गत चमथा पंचायत के छोटखूट गांव में चतुर्थ वर्ग की 10 वर्षीय छात्रा के साथ गैंगरेप व हत्या की घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों को भाजपा का संरक्षण है। जिस प्रकार भाजपा ने पूरे मणिपुर को हिंसा की आग में झोंक दिया है, उसी प्रकार वह बिहार और खासकर बेगूसराय को हिंसा की आग में झोंक देना चाहती है।
बेगूसराय गैंगरेप व हत्या की घटना के बाद माले जिला सचिव दिवाकर प्रसाद के नेतृत्व में एक जांच दल ने छोटखूट गांव का दौरा कर पीड़ित परिवार से मुलाकात की।
जांच दल के निष्कर्ष
1. मानवता को शर्मसार करने वाली इस घटना से जुड़े आरोपियों का संबंध भाजपा से है। इसलिए उसके स्थानीय विधायक एवं सांसद अब तक पीड़ित परिवार से मिलने तक नहीं पहुंचे हैं। उलटे आरोपियों को बचाने की कोशिश की जा रही है।
2. घटना के साक्ष्य को मिटाने के लिए क्रूरता की सारी हदों को पार करते हुए बच्ची की लाश को घर में ही गड्ढा खोदकर दफनाने की कोशिश की गई।
3. आरोपियों के शाही भवन में बैठकर चाय की चुस्की लेते हुए भाजपा विधायक प्रशासन को दिशा विहीन करने की कोशिश करते रहे, लेकिन स्थानीय ग्रामीणों एवं नौजवानों की तत्परता और पुलिस अधीक्षक की त्वरित कार्रवाई ने अपराधियों की योजना को विफल कर दिया। नामजद अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है जो सराहनीय है।
4. कुछ दिन पहले तेघड़ा थानांतर्गत पकठौल गांव में संगीत सीखने के क्रम में घर में घुसकर भाजपाई गुण्डों ने एक लड़की को नंगा कर बर्बर तरीके से पीटा था और उसका वीडियो बनाकर वायरल किया था। और फिर भाजपा विधायक दल के नेता विजय सिन्हा ने सरकार को बदनाम करने और राज्य में अस्थिरता पैदा करने वाले बयान दिए थे।
5. जांच दल की मांग है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जिला प्रशासन उपरोक्त घटना में संलिप्त भाजपा संरक्षित आरोपियों को स्पीडी ट्रायल कोर्ट से कड़ी सजा दिलवाएं।
6. जांच दल पीड़ित परिजन को 20-’20 लाख रुपये मुआवजा देने और पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने की भी मांग करता है।
भाजपा द्वारा बेगूसराय को लगातार बदनाम करने और आपराधिक घटनाओं को उसके द्वारा दिए जा रहे संरक्षण के खिलाफ भाकपा-माले ने आज प्रतिवाद कार्यक्रम भी आयोजित किया।
कार्यक्रम में चन्द्रदेव वर्मा, बैजू सिंह, राजेश श्रीवास्तव, दीपक सिन्हा, सुभाष सिंह, गौड़ी पासवान, रंजीत चौधरी,आइसा जिलाध्यक्ष अजय कुमार, सोनू फर्नाज, कैलाश प्रसाद महतो (अधिवक्ता) आदि शामिल थे।
(विज्ञप्ति पर आधारित।)