Saturday, April 27, 2024

तेलंगाना: प्रत्येक अल्पसंख्यक परिवार को एक लाख रूपए की वित्तीय सहायता देगी सरकार

अल्पसंख्यकों के विकास की ओर एक और कदम बढ़ाते हुए तेलंगाना की राज्य सरकार ने पिछड़े वर्ग की तर्ज पर उन्हें 100 फीसदी अनुदान के साथ एक लाख रूपये का वित्तीय सहायता देने का फैसला लिया है। अल्पसंख्यकों के हर परिवार को एक लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। यह रकम कभी वापस नहीं करनी होगी। हालांकि इस योजना का फायदा उठाने के लिए परिवार की शहरी क्षेत्र में सालाना आय 2 लाख और ग्रामीण क्षेत्र में 1.5 लाख से कम होनी चाहिए।

इसका लाभ मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी उठा सकते हैं। मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने 23 जुलाई को इसकी घोषणा की। इससे पहले दिसंबर, 2022 में तेलंगाना सरकार ने अल्पसंख्यकों को व्यवसाय स्थापित और विकसित करने के लिए 70 करोड़ रुपये के अतिरिक्त ऋण प्रदान किए जाने की योजना को मंजूरी दी थी।

इसी कड़ी में जून 2023 में अल्पसंख्यक लड़कों के लिए 107 और लड़कियों के लिए 97 विशेष आवासीय विद्यालय स्थापित किए गए। जिसके बाद अल्पसंख्यक लड़कियों की शिक्षा में तेलंगाना देश में नंबर वन बन गया। राज्य की केसीआर सरकार ने अल्पसंख्यक वित्त निगम ओन योर ऑटो, ड्राइवर सशक्तिकरण योजना, विदेशी छात्रवृत्ति आदि जैसे कार्यक्रम भी लागू किये हैं।

अब मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने अल्पसंख्यकों को वित्तीय सहायता देने का आदेश जारी किया है। उन्होंने इस फैसले को मील का पत्थर बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार अल्पसंख्यकों के लिए ये योजना लागू करके गरीबी खत्म करने का प्रयास कर रही है। इससे लोगों को नए रोजगार शुरु करने औऱ शिक्षा में मदद मिलेगी। सरकार सभी संस्कृतियों और परंपराओं की रक्षा के लिए काम कर रही है ताकि गंगा जमुनी तहजीब बची रहे।

योजना के तहत लाभार्थियों के चयन के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। अल्पसंख्यक कल्याण सचिव सैयद उमर जलील ने कहा, वित्तीय वर्ष 2022-23 में जो आवेदन प्राप्त हुए थे और जो लंबित थे, उनपर भी 100% प्रत्यक्ष सब्सिडी की मंजूरी के लिए चालू वित्तीय वर्ष के लिए विचार किया जाएगा।

ईसाई आवेदकों से नए आवेदन मांगे जाएंगे और योजना को तेलंगाना राज्य ईसाई अल्पसंख्यक वित्त निगम के माध्यम से क्रियान्वित किया जाएगा। योजना के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक परिवार से एक लाभार्थी को सब्सिडी लागू होगी। आवेदकों की आयु 2 जून 2023 को 21 से 55 वर्ष के बीच होनी चाहिए और उनकी वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्रों में 1.5 लाख रुपये और शहरी क्षेत्रों में 2 लाख रुपये प्रति वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।

लाभार्थियों का चयन जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय निगरानी समिति/जिला स्तरीय स्क्रीनिंग सह चयन समिति की तरफ से पूरा किया जाएगा। जिला कलेक्टरों को पूरे जिले के लिए जिला प्रभारी मंत्री की मंजूरी लेनी होगी और चयनित लाभार्थियों की सूची टीएसएमएफसी वेबसाइट पर प्रदर्शित की जाएगी।

योजना की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने जाति और धार्मिक आधार से ऊपर उठकर गरीबी उन्मूलन के लिए काम करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। सरकार ने अलग-अलग समुदायों के हित में कई योजनाएं शुरू की थीं, जो शिक्षा, रोजगार और अन्य क्षेत्रों में अल्पसंख्यक समुदायों के विकास को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध था।

(‘द हिन्दू’ में प्रकाशित खबर पर आधारित।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

AICCTU ने ऐप कर्मियों की मांगों को लेकर चलाया हस्ताक्षर अभियान, श्रमायुक्त को दिया ज्ञापन।

दिल्ली के लाखों ऐप कर्मचारी विषम परिस्थितियों और मनमानी छटनी से जूझ रहे हैं। उन्होंने कम प्रति ऑर्डर रेट, अपर्याप्त इंसेंटिव्स, और लंबे कार्य समय के खिलाफ दिल्ली भर में हस्ताक्षर अभियान चलाया। ऐप कर्मचारी एकता यूनियन ने बेहतर शर्तों और सुरक्षा की मांग करते हुए श्रमायुक्त कार्यालय में ज्ञापन दिया।

ग्राउंड रिपोर्ट: पुंछ में केसर उत्पादन की संभावनाएं बढ़ीं

जम्मू के पुंछ जिले में किसान एजाज़ अहमद पांच वर्षों से केसर की सफल खेती कर रहे हैं, जिसे जम्मू विश्वविद्यालय ने समर्थन दिया है। सरकार से फसल सुरक्षा की मांग करते हुए, अहमद पुंछ को प्रमुख केसर उत्पादन केंद्र बनाना चाहते हैं, जबकि महिला किसानों ने भी केसर उत्पादन में रुचि दिखाई है।

Related Articles

AICCTU ने ऐप कर्मियों की मांगों को लेकर चलाया हस्ताक्षर अभियान, श्रमायुक्त को दिया ज्ञापन।

दिल्ली के लाखों ऐप कर्मचारी विषम परिस्थितियों और मनमानी छटनी से जूझ रहे हैं। उन्होंने कम प्रति ऑर्डर रेट, अपर्याप्त इंसेंटिव्स, और लंबे कार्य समय के खिलाफ दिल्ली भर में हस्ताक्षर अभियान चलाया। ऐप कर्मचारी एकता यूनियन ने बेहतर शर्तों और सुरक्षा की मांग करते हुए श्रमायुक्त कार्यालय में ज्ञापन दिया।

ग्राउंड रिपोर्ट: पुंछ में केसर उत्पादन की संभावनाएं बढ़ीं

जम्मू के पुंछ जिले में किसान एजाज़ अहमद पांच वर्षों से केसर की सफल खेती कर रहे हैं, जिसे जम्मू विश्वविद्यालय ने समर्थन दिया है। सरकार से फसल सुरक्षा की मांग करते हुए, अहमद पुंछ को प्रमुख केसर उत्पादन केंद्र बनाना चाहते हैं, जबकि महिला किसानों ने भी केसर उत्पादन में रुचि दिखाई है।