बेटियों को बचाना है तो भाजपा को हटाना होगा: ऐपवा के सम्मेलन में बोलीं मीना तिवारी

वाराणसी। अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) उत्तर प्रदेश के 9वें राज्य सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए ऐपवा की राष्ट्रीय महासचिव मीना तिवारी ने कहा कि बेटियों को बचाना है तो भाजपा को हटाना होगा। मीना तिवारी ने कहा कि ‘बहुत हुआ महिलाओं पर वार, अबकी बार मोदी सरकार’ का नारा देकर सत्ता में आयी मोदी सरकार की नीति पूरी तरह से अपने नारे के खिलाफ रही है। आज नारा बदल गया है ‘जब से आयी मोदी सरकार महिलाओं पर वार ही वार’ हो रहा है। उन्होंने कहा कि ये सरकार बेटियों को बचाने का नारा देती है और बलात्कारियों को बचाने में लगी रहती है।

मणिपुर में कुकी महिलाओं पर हुए अत्याचार और महिला पहलवानों के आंदोलन की जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि महिलाओं पर अत्याचार और उनको नंगा करना, घुमाना और बलात्कार करना नई घटना नहीं है। यह दुःखद और गलत है। इसमें सबसे बड़ी, खतरनाक व शर्म की बात है प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी। उन्होंने कहा कि बेटियों को बचाना है तो भाजपा को हटाना होगा।

मीना तिवारी ने कहा कि मोदी जी महिलाओं को परिवार मानकर उपहार स्वरूप गैस सिलेंडर का दाम 200 रुपये कम कर हितैषी होने का दिखावा कर रहे हैं। जबकि महिलाओं को उपहार नहीं हिस्सा चाहिए। देश में कुछ लोग हैं जिनको एक महीने की सैलरी लाखों लाख रुपये मिलती है जबकि बड़ी आबादी को हजार दो हजार रुपये भी नहीं मिलते। आशा, आंगनबाड़ी, रसोइयां वर्कर व पूरी ग्रामीण आबादी इसका उदाहरण है, जिनको बहुत कम पैसों में ही काम करना पड़ता है।

सम्मेलन को संबोधित करतीं मीना तिवारी।

उन्होंने कहा कि देश में आजादी के 75 साल पूरा होने पर अमृत काल का नाम दिया गया है लेकिन गैर बराबरी कम होने के बजाए लगातार तेजी से बढ़ रही है। अमीर और अमीर होते जा रहे हैं और गरीब और गरीब होते जा रहे हैं, इसके लिए सरकार की जन विरोधी नीतियां जिम्मेदार हैं।

मीना तिवारी ने कहा कि महिलाओं के हित में प्रचार करते हुए कानून में बदलाव किया जा रहा है, लेकिन यह बदलाव महिलाओं को गुलाम बनाने की नीति का हिस्सा है। रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा पर तेजी से हमला बढ़ रहा है। इसके लिए कार्पोरेट परस्त जन विरोधी मोदी सरकार की नीतियां जिम्मेदार हैं। दुनिया की सबसे अमीर पार्टी होने का दावा करने वाली भाजपा पैसे का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार देने पर नहीं करना चाहती बल्कि पैसे का उपयोग विधायकों, सांसदों व मीडिया को खरीदने में लगाती है। उन्होंने कहा कि आज देश का लोकतंत्र व संविधान खतरे में है। हमारा भविष्य खतरे में है। हमें अपने हक के लिए लड़ना होगा।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए दिल्ली से आयीं मूकनायक पत्रिका की संपादक मीना कोटवाल ने कहा कि डॉ बाबा साहब के मिशन को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने मूकनायक पत्रिका को पुनः शुरू किया है। महिलाओं की आवाज को तो वैसे ही दबाया जाता है, लेकिन अगर आप दलित और आदिवासी समाज से आते हैं तो आपकी आवाज पूरी तरह दबा दी जाएगी। मेन स्ट्रीम मीडिया में हमारी बात नहीं आती इसलिए हमारी मीडिया जरूरी है।

सम्मेलन में मीना कोटवाल को सम्मानित करतीं ऐपवा नेता।

उन्होंने सावित्री बाई फुले व फातिमा शेख को याद करते हुए कहा कि जिसने शिक्षा के लिए पहला स्कूल खोला उनको भी हम सब नहीं जानते। समाज को बदलने के लिए काम करना है तो गाली सुनना पड़ेगा। इस तरह के लोगों को अपने काम से जवाब देना होगा। आज मूकनायक के काम की चर्चा देश में ही नहीं विदेशों में भी हो रही है। इसका एक महिला नेतृत्व कर रही है जिसमें सभी लोग शामिल हैं।

गांधी स्टडी सेंटर बीएचयू की मुनीजा रफ़ी खान ने कहा कि विकास के नाम पर पूंजीपतियों को मुनाफा पहुंचाने के लिए संस्थाओं को बुलडोजर लगाकर गिरा दे रहे हैं। सर्वसेवा संघ को बिना किसी ऑर्डर के ही गिरा दिया, इसी तरह से गरीबों के भी मकान गिराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का विरोध करने वाले लोगों को देशद्रोही बताया जा रहा है। संविधान व लोकतंत्र बचाने के लिए सबको आगे आना होगा।

सर्वसेवा संघ से जुड़े जागृति राही ने कहा कि यह सरकार जनता के पैसे को प्रचार प्रसार में खर्च कर रही है। ये सरकार जनता का वोट भी लूट रही है। हम अपने बूथ पर हराने का जिम्मा लेंगे और इस सरकार को 2024 में हराकर सत्ता से बाहर कर देंगे। सर्वसेवा संघ को ध्वस्त कर करोड़ों की किताबें सड़ा रहे हैं। इनको पढ़ने, लिखने व किताबों से कोई मतलब नहीं है।

सम्मेलन के मंच पर वक्तागण।

भारतीय जीवन बीमा निगम की रेणुका ने कहा कि निजीकरण व छंटनी की तलवार सबसे पहले महिलाओं पर ही पड़ती है। इसीलिए सबसे पहले और सबसे आगे महिलाओं को ही लड़ना है। प्रलेस की जिला सचिव व आर्य महिला डिग्री कॉलेज की प्रो. वंदना चौबे ने कहा कि हम लोगों को एक दूसरे से मिलकर अपने हक की लड़ाई को तेज करना होगा।

ऐपवा का राज्य सम्मेलन वाराणसी के रानी लक्ष्मीबाई एवं सुशीला सामद हॉल सुंदरपुर ककरमत्ता वाराणसी में सावित्रीबाई फुले और फातिमा शेख मंच पर आयोजित हुआ। सम्मेलन में लखनऊ, गोरखपुर, सीतापुर, लखीमपुर, कानपुर, इलाहाबाद, बलिया, मऊ, देवरिया, गाजीपुर, वाराणसी समेत प्रदेश के विभिन्न जिलों से आईं महिला प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। सम्मेलन की शुरुआत में ऐपवा आंदोलन की शहीद महिलाओं को श्रद्धांजलि दी गई।

सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को ऐपवा की प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा अधिकारी, जनमत पत्रिका के संपादक रामजी राय, मार्क्सवादी विचारक वीके सिंह ने संबोधित भी किया। राज्य सम्मेलन की सफलता के लिए प्रो. रूपरेखा वर्मा और मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने अपने शुभकामना संदेश भेजे। ऐपवा की प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा अधिकारी ने उत्तर प्रदेश आए अतिथियों को धन्यवाद दिया। संचालन ऐपवा की राज्य सचिव कुसुम वर्मा ने किया।

ऐपवा की प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा अधिकारी को सम्मानित करतीं स्मिता बागड़े।

सम्मेलन में सांस्कृतिक कार्यक्रम

सम्मेलन में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए। ऐपवा यंग गर्ल्स द्वारा ग्रुप डांस की प्रस्तुति दी गई, जिसका निर्देशन ऐपवा जिला उपाध्यक्ष विभा प्रभाकर ने किया। इसके अतिरिक्त प्रंजना महंती द्वारा एकल नाटक, सुतपा गुप्ता द्वारा एकल नृत्य, विभा वाही और साथियों द्वारा जनवादी गीत, डीपी सोनी और यौदेश बेमिसाल द्वारा क्रांतिकारी गीत की प्रस्तुति दी गई। सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन जिला सहसचिव सुजाता भट्टाचार्य ने किया।

कृष्णा अधिकारी अध्यक्ष, कुसुम वर्मा सचिव चुनीं गईं

सांगठनिक सत्र में प्रदेश सचिव कुसुम वर्मा ने ऐपवा के तीन साल के कामकाज का मसौदा दस्तावेज पढ़ा, जिस पर 18 प्रतिनिधियों ने अपनी बातें रखीं। सांगठनिक सत्र के अध्यक्ष मंडल में विद्या रजवार, आरती रॉय, गीता पांडे, कमला गौतम, रेखा पासवान, मुन्नी गौड़ एवं स्मिता बागड़े शामिल रहीं।

9 वें राज्य सम्मेलन से 40 सदस्यीय कौंसिल और 19 सदस्यीय कार्यकारिणी का गठन किया गया। कृष्णा अधिकारी को पुन: प्रदेश अध्यक्ष और कुसुम वर्मा को पुन: प्रदेश सचिव चुना गया।

(विज्ञप्ति पर आधारित)

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
1 Comment
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
Harish Chandra Gupta
Harish Chandra Gupta
Guest
7 months ago

Very nice article