Saturday, April 27, 2024

छत्तीसगढ़ में आसान नहीं भाजपा का फिर जीतना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने छत्तीसगढ़ की छठे विधानसभा चुनाव के लिए 90 में से 21 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। भाजपा की दो चुनावी ‘परिवर्तन यात्रा’ में से पहली दंतेवाड़ा से शुरू हो गई जबकि दूसरी 16 सितंबर को जशपुरनगर से निकलेगी। पहली यात्रा को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विदा किया, दूसरी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह रवाना करेंगे। दोनों यात्रा का समापन 28 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में होगा।

पार्टी की केन्द्रीय चुनाव कमेटी की बैठक 25 सितंबर से पहले संभव है। तय उम्मीदवारों को अपने स्तर पर चुनावी तैयारी शुरू करने को कहा जाएगा। सूत्रों के मुताबिक उन्हीं मौजूदा विधायकों को टिकट दिया जाएगा जो अपने क्षेत्र में पूरी तरह से सक्रिय हैं। भाजपा भी चुनाव की तैयारियों में जुटी है।

राज्य में विधान परिषद नहीं है, सिर्फ विधानसभा है जिसमें कांग्रेस के 71, विपक्षी भाजपा के 14, पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी की जनता छत्तीसगढ़ कांग्रेस (जेसीसी) के 3, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के दो और अन्य 5 सदस्य हैं। कांग्रेस के चरणदास महंत 4 जनवरी 2019 से स्पीकर, इसी पार्टी के भूपेश बघेल 17 दिसम्बर 2018 से सदन के नेता और भाजपा के नारायण चंदेल 17 अगस्त 2022 से विपक्ष के नेता हैं। इससे पहले की विधानसभा का कार्यकाल 15 जनवरी को खत्म हुआ था। पिछले विधानसभा चुनाव में 2018 में 73 फीसद मतदान हुआ था।

कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार अभी घोषित नहीं किए गए हैं। पार्टी के भीतर टिकट दावेदारों को लेकर जिला स्तर पर विचार चल रहा है। लेकिन उसने चुनाव के लिए कोर कमेटी, चुनाव अभियान समिति, संचार समिति और प्रोटोकॉल समिति समेत चार समितियों का गठन किया है जिनमें वरिष्ठ नेता शामिल हैं।

गौरतलब है कि राज्य के खैरागढ़ विधानसभा सीट पर गत 16 अप्रैल को हुए उपचुनाव में कांग्रेस की यशोदा वर्मा ने भाजपा की कोमल जंघेल को आसानी से हराया था, यह सीट 2018 के चुनाव में जीते जेसीसी के देवव्रत सिंह के निधन से खाली हुई थी। मुख्यमंत्री बघेल ने खैरागढ़-छुईखदान-गंडई नाम से नया जिला बनाने की घोषणा कर दी थी। राजनंदगांव जिला तीन हिस्सों मोहला-मानपुर-चौकी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई और राजनांदगांव में बंट जाएगा।

उधर, अजित जोगी के पुत्र और जेसीसी के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी का चुनावी डायलॉग चर्चा में है- अगर मैं हर व्यक्ति को पांच साल में लखपति-करोड़पति नहीं बना पाऊं तो मुझे सूली पर फांसी की सजा दे देना। दरअसल उनकी जुबान फिसल गई, कहना था मेरी जान चली जाएगी लेकिन जुबान नहीं जाएगी पर कह दिया मेरी जुबान चली जाएगी लेकिन जान नहीं जाएगी। उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी 50 विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी सभा करेगी, जिसकी शुरुआत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सीट पाटन से हो चुकी है।

जेसीसी अपने जिस चुनाव शपथ पत्र (घोषणा पत्र) का प्रचार कर रही है उसमें हर किसान से 4 हजार प्रति क्विंटल धान खरीदी पर 10 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि, मुफ्त बिजली, 3 हजार पेंशन, सरकारी जमीन पर काबिज लोगों को पट्टा, गरीबों को ‘जोगी आवास’, निजी कंपनियों में 96 फीसद नौकरी छत्तीसगढ़ के बाशिंदों को देना, अस्थाई नौकरी का नियमितीकरण, पूर्ण शराब बंदी और कन्या जन्म पर एक लाख रुपये की सरकारी मदद देना शामिल है।

पिछले चुनाव में बसपा और जेसीसी ने गठबंधन किया था। तब बसपा ने दो और जेसीसी ने पांच 5 सीटें जीती थी। इस बार जेसीसी ने किसी से गठबंधन नहीं किया है। उसका कहना है पिछली बार का गठबंधन उसकी राजनीतिक भूल थी। वैसे अमित जोगी का यह भी कहना है वह छोटी-छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन कर सकते हैं। 

बसपा ने अपने 9 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी की है जिनमें बिलासपुर जिले के मस्तूरी से पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दाऊराम रत्नाकर, बेमेतरा जिले के नवागढ़ से ओमप्रकाश बाजपेई, जांजगीर-चांपा से राधेश्याम सूर्यवंशी, सक्ती जिले के जैजैपुर से केशव प्रसाद चंद्रा, जांजगीर चांपा जिले के पामगढ़ से इंदु बंजारे, जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा से डॉक्टर विनोद शर्मा, सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले के बिलाईगढ़ से श्याम टंडन, बिलासपुर जिले के बेलतरा से राजकुमार सूर और सामरी से आनंद तिग्गा शामिल हैं।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने (आप) ने भी अपने 10 प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं, जिनमें दंतेवाड़ा से बालूराम भवानी, अकलतरा से आनंद प्रकाश मिरी और भटगांव से सुरेंद्र गुप्ता प्रमुख हैं।

कांग्रेस

हरियाणा निवासी कांग्रेस महासचिव और प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा को सात सदस्यीय कोर कमेटी का संयोजक बनाया गया है। इसमें मुख्यमंत्री बघेल, उपमुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज और वरिष्ठ नेता चरणदास महंत शामिल हैं। महंत 74 सदस्यों की भारी भरकम चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हैं, जिसमें मुख्यमंत्री बघेल और उपमुख्यमंत्री सिंहदेव भी शामिल हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेता रवींद्र चौबे की अध्यक्षता में 15 सदस्यीय संचार समिति और अमरजीत भगत की अध्यक्षता में 25 सदस्यीय प्रोटोकॉल समिति का गठन किया गया है।

मोदी

मोदी जी ने छत्तीसगढ़ के 2018 के पिछले चुनाव में प्रचार अभियान में राहुल गांधी और उनके परिवार पर तीखे हमले कर कांग्रेस को ‘शहरी माओवादियों’ का समर्थक कहा था। उनका आरोप था कि गरीब आदिवासी युवकों का जीवन बर्बाद करने वाले ये शहरी माओवादी खुद बड़ी कार में घूमते हैं, वातानुकूलित घर में रहते हैं और उनके बच्चे विदेशों में पढ़ते हैं। उन्होंने दावा किया था कि कांग्रेस परेशान है क्योंकि उसके मित्रों के छिपाकर रखे गए पैसे नोटबंदी से एक झटके में उड़ गए।

उन्होंने कहा था कि किसी वृद्ध का जवान बेटा मर जाता है तो वह बरस बीतते-बीतते संभल जाता है। लेकिन कांग्रेस वालों को नोटबंदी के कारण आज भी चैन से नींद नहीं आती है। उन्होंने कहा था, ‘यहां बैठा कोई नहीं रो रहा है, सिर्फ एक परिवार रो रहा है।’ मोदी जी ने कांग्रेस को चुनौती दी थी कि अगर वह लोकतांत्रिक है तो इस परिवार से बाहर के किसी व्यक्ति को पांच वर्ष पार्टी अध्यक्ष बना दे।

पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बयान की ओर इशारा कर हुए मोदी ने कटाक्ष किया कि ‘देश जानता है एक दलित सीताराम केसरी को कांग्रेस अध्यक्ष पद पर पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा नहीं करने दिया गया। उनको कार्यालय से बाहर निकाल दिया गया ताकि सोनिया गांधी पार्टी अध्यक्ष बन सकें। हलांकि मोदी भूल गए कि बिहार निवासी दिवंगत केसरी दलित नहीं बल्कि पिछड़े वर्ग के थे।

मोदी ने छत्तीसगढ़ की सत्ता में कांग्रेस के आने पर किसानों के क़र्ज़ माफ करने की राहुल गांधी के चुनावी वादे पर कहा था कि झूठ बोलकर लोगों को गुमराह कर वोट पाने के कांग्रेस के दिन लद गए हैं। मोदी के भाषणों से साफ हो गया था वह विभिन्न मुद्दों पर राहुल गांधी की आक्रामकता के सामने बचाव की मुद्रा में रहे।

राहुल गांधी

राहुल गांधी ने राजनांदगाव में पार्टी चुनाव घोषणा-पत्र जारी होने के मौके पर और खैरागढ़ व पाखणजोर की चुनावी रैलियों में कहा था कि फ्रांस से राफेल युद्धक विमान खरीद में प्रधानमंत्री ने 30,000 करोड़ रुपये अपने ‘दोस्त अनिल अंबानी की जेब’ में डाले। मोदी ने सरकारी कम्पनी हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से कॉन्ट्रैक्ट छीन अनिल अंबानी की कंपनी को दे दिया, जिसके पास विमान बनाने का कोई अनुभव नहीं है। राफेल की जांच जब सीबीआई करने लगी तो आधी रात को प्रधानमंत्री ने उसके निदेशक को बदल डाला।

राहुल गांधी ने चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी को इंगित कर ‘चौकीदार चोर है’ के नारे लगवाए। उनका कहना था प्रधानमंत्री विदेश फरार मेहुल चोकसी, विजय माल्या और नीरव मोदी को ‘भाई’ कहते हैं। मोदी सरकार ने अमीरों का 3.5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया, विजय माल्या देश छोड़ने से पहले तब के केन्द्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली से मिला, मेहुल चोकसी ने जेटली की बेटी के बैंक खाता में धन जमा करवाए।

उन्होंने कहा स्वदेश में कर बचाने के लिए अपना धन गैर कानूनी तरीकों से विदेशी खातों, शेयर, बांड में निवेश करने वालों के बारे में प्रकाशित ‘पनामा पेपर्स’ में मुख्यमंत्री रमन सिंह के पुत्र अभिषेक सिंह का नाम आने के बाद भी मोदी सरकार ने कार्रवाई नहीं की। ऐसे ही आरोप में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ को उनके पद से हटा कर जेल भेज दिया गया।

पिछली बार नक्सल प्रभावित 18 सीटों पर 12 नवम्बर और शेष 72 सीटों पर 20 नवम्बर को वोटिंग कराई गई थी।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पिछले विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान इंदौर में ‘पनामा पेपर्स’ और ‘व्‍यापम घोटाला’ का जिक्र कर  शिवराज चौहान और उनके पुत्र कार्तिकेय पर भी निशाना साधा था। इस पर भड़के शिवराज ने कहा था वह राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दाखिल करेंगे। 

उनका ट्वीट था, ‘पिछले कई वर्षों से कांग्रेस मेरे और मेरे परिवार के ऊपर अनर्गल आरोप लगा रही है। हम सबका सम्मान करते हुए मर्यादा रखते हैं, लेकिन आज तो राहुल गांधी ने यह कह कर कि मेरे बेटे कार्तिकेय का नाम पनामा पेपर्स में आया है सारी हदें पार कर दी। हम उन पर आपराधिक मानहानि का केस करने जा रहे हैं।’ बाद में राहुल गांधी की इस सफ़ाई पर शिवराज चौहान का गुस्सा शांत हो गया कि उन्हें कन्फ्यूज़न हो गया था।

जगविदित है शिवराज बतौर मुख्यमंत्री पीएम मोदी की पहली पसंद नहीं हैं। लोकसभा के 2014 के चुनाव के पहले प्रधानमंत्री पद के भाजपा के दावेदार के लिये मोदी का नाम औपचरिक रूप से पेश किये जाने की घोषणा को शिवराज ने कुछ अन्य नेताओं के साथ मिलकर पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी कैम्प की तरफ से रोकने की कोशिश की थी। मोदी इसे नहीं भूले हैं। उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ और शिवराज मुख्यमंत्री की गद्दी पर विराजमान हैं तो इसका श्रेय मोदी को नहीं दोनों के प्रति वरदहस्त मुद्रा में रहे आरएसएस के नेतृत्व को जाता है।

पिछले चुनाव के पहले चरण में नक्सल प्रभावित 18 सीटों पर 12 नवम्बर को वोटिंग हुई थी जिसमें 76 प्रतिशत मतदान हुआ। इन क्षेत्रों में से 12 अनुसूचित जनजातियो और एक अनुसूचित जातियों के लिये आरक्षित है। राजनांदगाव सीट के लिए भी मतदान हुआ, जहां रमण सिंह चौथी बार प्रत्याशी थे। मतदान के दिन केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 650 कंपनियों के जवान समेत करीब एक लाख हथियारबंद सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया। इन क्षेत्रों में करीब तीस लाख मतदाता थे।

इस तरह क्षेत्र के हर 30 मतदाता पर एक हथियारबंद सुरक्षाकर्मी की जरूरत पड़ी। दूसरे चरण में 19 जिलों में फैली 72 सीटों के लिए 20 नवंबर को वोटिंग थी। इनमें खड़े 1079 उम्मीदवारों में राज्य सरकार के 9 मंत्री भी थे। दूसरे चरण के मतदान के दौरान भी करीब एक लाख हथियारबंद सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया। सभी जगह मतदान ईवीएम से कराये गए, सभी की मतगणना 11 दिसंबर को हुई और उसी दिन सारे परिणामों की घोषणा हो गई। 

सतनामी समाज

पहले चरण के मतदान के ऐन पहले ‘सतनामी समाज’ ने कांग्रेस को समर्थन देकर भाजपा को झटका दे दिया। इससे पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी की जेसीसी को भी झटका लगा। जोगी सतनामी समाज से थे इसलिए यह उनके लिए व्यक्तिगत झटका रहा। राज्य की आबादी में करीब 16 फीसदी लोग सतनामी समाज के बताये जाते हैं। इसके गुरु बलदास ने कांग्रेस से हाथ मिला लिया।

सेंटर फॉर सोशल डेवलपिंग स्टडीज (सीएसडीएस) के अनुसार छत्तीसगढ़ के उत्तर, मध्य और दक्षिण के तीन क्षेत्रों में सर्वाधिक सीटें मध्य और न्यूनतम दक्षिण भाग में हैं। भाजपा का प्रभुत्व मध्य भाग में रहा है। 2013 के चुनाव में भाजपा ने यह मिथक तोड़ा कि जो भी बस्तर जीतता है, वह राज्य जीतता है। तब उत्तर और दक्षिण क्षेत्रों में कांग्रेस का वोट शेयर भाजपा से अधिक रहा। लेकिन मध्य भाग में भाजपा को 5 प्रतिशत मतों की बढ़त मिली। भाजपा और कांग्रेस ने वोट शेयर में बढ़त क्षेत्रीय पार्टियों के नुकसान पर हासिल किया। 

राज्य में 44 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों की है। अन्य पिछड़े वर्गों की आबादी 41 प्रतिशत है। राज्य में अल्पसंख्यकों की कोई ख़ास आबादी नहीं है। कुल 39 आरक्षित सीटों में से 29 अनुसूचित जनजातियों और 10 अनुसूचित जातियों के लिए हैं। आरक्षित सीटों में भाजपा को लगातार नुकसान हो रहा है। कांग्रेस को इसमें लगातार बढ़त मिल रही है। कुल 1.85 करोड़ मतदाताओं में 90 लाख महिलाएं और  810 ट्रांसजेंडर मतदाता भी हैं। कुल पोलिंग स्टेशन 23,632 बनाये गए थे।

रमन सिंह

भाजपा 2018 के पहले लगातार तीन चुनाव में जीती थी। मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अपनी पहली सरकार 2004 के पहले विधानसभा चुनाव के बाद बनाई थी। उनके पुत्र अभिषेक सिंह का नाम स्वदेश में कर बचाने, अपना धन गैर कानूनी तरीकों से विदेशी खातों, शेयर, बांड आदि में निवेश करने वालों के बारे में प्रकाशित ‘पनामा पेपर्स’ में शामिल बताया जाता है। रमन सिंह राजनांदगाव से फिर प्रत्याशी बने। उनके खिलाफ कांग्रेस ने दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भांजी करुणा शुक्ला को उतारा।

कांग्रेस

राज्य के चुनाव की घोषणा होते ही कांग्रेस को दो झटके लगे। बसपा ने कांग्रेस से किनारा-कसी कर ली। कांग्रेस को फिर तब एक और झटका लगा जब उसके प्रदेश अध्यक्ष और निवर्तमान विधायक रामदयाल उइके वापस भाजपा में चले गए।

अजित जोगी

कांग्रेस के दिवंगत अजित जोगी नवम्बर 2000 से दिसम्बर 2003 तक इसके प्रथम मुख्यमंत्री रहे थे। वह विधायक और कांग्रेस सांसद भी रहे। उन्होंने 2016 में कांग्रेस से अलग होकर जेसीसी का गठन किया। उसने बसपा और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से गठबंधन किया। जोगी ने घोषणा की थी कि वह राजनांदगांव क्षेत्र से रमन सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। फिर उन्होंने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया।

बाद में वह मरवाही से चुनाव मैदान में उतरे जहां उनके पुत्र अमित जोगी पिछली बार रिकॉर्ड मतों से जीते थे। जोगी की पत्नी रेणु जोगी, पुत्र अमित जोगी और पुत्रवधु ऋचा जोगी भी चुनाव प्रत्याशी बनीं। रेणु जोगी कोटा से और अमित जोगी मनेन्द्रगढ़ से जेसीसी प्रत्याशी बने। पुत्रवधु ऋचा जोगी अकलतरा से बसपा प्रत्याशी बनीं। श्रीमती जोगी ने पिछले दो चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में जीती बिलासपुर की कोटा सीट से फिर प्रत्याशी बनने का आवेदन दिया था, पर कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर वह कोटा से ही जेसीसी प्रत्याशी बन गईं।

चुनावी सर्वे

एबीपी न्यूज़-सी वोटर ने 2 नवम्बर 2018 के सर्वे में भाजपा को 43, कांग्रेस को 42 और अन्य को 06 सीटें मिलने की संभावना व्यक्त की थी। इनके 14 अगस्त के सर्वे में भाजपा को 33, कांग्रेस को 54 और अन्य को 3 सीटें तथा 17 अक्टूबर के सर्वे में  भाजपा को 40, कांग्रेस को 47 और अन्य को 3 सीटें मिलने की संभावना व्यक्त की गई थी। इंडिया टीवी-सीएनएक्स के 25 अक्टूबर के सर्वे में भाजपा को 50, कांग्रेस को 30 और अन्य को 10 सीटें मिलने की संभावना व्यक्त की गई। 

न्यूज़ नेशन ने 10 अक्टूबर के सर्वे में भाजपा को 46, कांग्रेस को 39 और अन्य को 5 सीटें दी। टाइम्स नाउ- वार रूम स्ट्रेटजीज़ के 9 अक्टूबर के सर्वे में भाजपा को 47, कांग्रेस को 33 और अन्य को 10 सीटें मिलने की संभावना व्यक्त की गयी थी। सी-वोटर की कयासबाजी में कांग्रेस को 90 में से 47 सीटें और 38.0 9 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान था। उसका अनुमान था कि भाजपा की 40 सीटों पर जीत होगी और उसे 38.0 6 प्रतिशत वोट मिलेंगे। उस सर्वे में अन्य को तीन सीटें और 22.0 5 प्रतिशत वोट मिलने का कयास था।  

(चंद्र प्रकाश झा वरिष्ठ पत्रकार हैं।)

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