Sunday, April 28, 2024

मणिपुर में पत्रकारों का उत्पीड़न जारी, स्थानीय समाचार पत्र के संपादक धनबीर माईबम गिरफ्तार

नई दिल्ली। मणिपुर पुलिस ने स्थानीय समाचार पत्र ह्यूयेन लानपाओ के संपादक धनबीर माईबम को गिरफ्तार कर लिया है और उन्हें तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। पुलिस ने उस पर मैतेई और कुकी-जो समुदाय के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया है। राज्य में पिछले आठ दिनों में एक वरिष्ठ पत्रकार के रूप में ये दूसरी गिरफ्तारी है।

माईबम को इंफाल पश्चिम पुलिस ने शुक्रवार 5 जनवरी की सुबह पकड़ा और बाद में आईपीसी की कई धाराओं और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर लिया। ह्यूयेन लानपाओ न केवल मणिपुर में बल्कि पूर्वोत्तर में सबसे पुराने मीडिया हाउसों में से एक है। इसकी स्थापना 1978 में की गई थी।  

माईबम के खिलाफ धारा 153ए (धर्म/जाति के आधार पर समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 505(1)(बी) (किसी भी व्यक्ति को राज्य के खिलाफ या सार्वजनिक शांति के खिलाफ अपराध करने के लिए प्रेरित/प्रेरित करने की संभावना वाला कार्य) और 120बी (आपराधिक साजिश) का आरोप लगाया गया है।

हालांकि पुलिस से संपर्क नहीं हो पाया है लेकिन इम्फाल से आई रिपोर्टों में कहा गया है कि वरिष्ठ पत्रकार माईबम को टेंग्नौपाल के सीमावर्ती शहर मोरेह में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर एक रिपोर्ट करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। मोरेह की सीमा म्यांमार से सटी हुई है जहां ज्यादातर कुकी-ज़ो समुदाय के लोग रहते हैं। माईबम की गिरफ्तारी के विरोध में अखबार ने शनिवार 6 जनवरी को अपना संपादकीय पेज खाली रखा।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कीशम मेघचंद्र ने भी माईबम की गिरफ्तारी की निंदा की है। एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा “मैं मणिपुर भाजपा सरकार द्वारा हुइयेन लानपाओ के संपादक धनबीर माईबम की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करता हूं। मैं उनकी तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग करता हूं। मणिपुर में पत्रकारों को बोलने की आजादी नहीं है। यह पत्रकारों और मीडियाकर्मियों को परेशान करने के लिए पुलिस की बार-बार की जाने वाली कार्रवाई है।”

माईबम की गिरफ्तारी से ठीक हफ्ते पहले दैनिक संध्या के संपादक और ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन (एएमडब्ल्यूजेयू) के पूर्व अध्यक्ष वांगखेमचा श्यामजई को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

श्यामजई को इंफाल पुलिस ने 29 दिसंबर को गिरफ्तार किया था। उनपर कथित तौर पर “भड़काऊ और असत्यापित समाचार प्रकाशित करने” का आरोप लगाया गया है। एक स्थानीय अदालत ने उन्हें तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था लेकिन 31 दिसंबर को उन्हें जमानत मिल गई।

(‘द टेलिग्राफ’ में प्रकाशित खबर पर आधारित।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

AICCTU ने ऐप कर्मियों की मांगों को लेकर चलाया हस्ताक्षर अभियान, श्रमायुक्त को दिया ज्ञापन।

दिल्ली के लाखों ऐप कर्मचारी विषम परिस्थितियों और मनमानी छटनी से जूझ रहे हैं। उन्होंने कम प्रति ऑर्डर रेट, अपर्याप्त इंसेंटिव्स, और लंबे कार्य समय के खिलाफ दिल्ली भर में हस्ताक्षर अभियान चलाया। ऐप कर्मचारी एकता यूनियन ने बेहतर शर्तों और सुरक्षा की मांग करते हुए श्रमायुक्त कार्यालय में ज्ञापन दिया।

ग्राउंड रिपोर्ट: पुंछ में केसर उत्पादन की संभावनाएं बढ़ीं

जम्मू के पुंछ जिले में किसान एजाज़ अहमद पांच वर्षों से केसर की सफल खेती कर रहे हैं, जिसे जम्मू विश्वविद्यालय ने समर्थन दिया है। सरकार से फसल सुरक्षा की मांग करते हुए, अहमद पुंछ को प्रमुख केसर उत्पादन केंद्र बनाना चाहते हैं, जबकि महिला किसानों ने भी केसर उत्पादन में रुचि दिखाई है।

Related Articles

AICCTU ने ऐप कर्मियों की मांगों को लेकर चलाया हस्ताक्षर अभियान, श्रमायुक्त को दिया ज्ञापन।

दिल्ली के लाखों ऐप कर्मचारी विषम परिस्थितियों और मनमानी छटनी से जूझ रहे हैं। उन्होंने कम प्रति ऑर्डर रेट, अपर्याप्त इंसेंटिव्स, और लंबे कार्य समय के खिलाफ दिल्ली भर में हस्ताक्षर अभियान चलाया। ऐप कर्मचारी एकता यूनियन ने बेहतर शर्तों और सुरक्षा की मांग करते हुए श्रमायुक्त कार्यालय में ज्ञापन दिया।

ग्राउंड रिपोर्ट: पुंछ में केसर उत्पादन की संभावनाएं बढ़ीं

जम्मू के पुंछ जिले में किसान एजाज़ अहमद पांच वर्षों से केसर की सफल खेती कर रहे हैं, जिसे जम्मू विश्वविद्यालय ने समर्थन दिया है। सरकार से फसल सुरक्षा की मांग करते हुए, अहमद पुंछ को प्रमुख केसर उत्पादन केंद्र बनाना चाहते हैं, जबकि महिला किसानों ने भी केसर उत्पादन में रुचि दिखाई है।