रोशन होरो की हत्या पर आप चुप क्यों हैं मुख्यमंत्री जी!

Estimated read time 1 min read

राँची। आप चुप क्यों हैं मिस्टर सीएम हेमंत सोरेन ? आप तो ट्विटर पर धड़ा धड़ आदेश देने में प्रसिद्ध हो चुके हैं और आपके ही राज्य में एक आदिवासी की लाश थाने में दो दिन से पड़ी हुई है, फिर भी आप चुप हैं। आपको तो मालूम होगा ही कि 20 मार्च की सुबह सीआरपीएफ ने खूंटी जिला के मुरहू थानान्तर्गत कुम्हारडीह निवासी रोशन होरो की नक्सली समझकर गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसे पुलिस अधिकारियों ने भी गलती मानते हुए मानवीय भूल कहा था। 

रोशन होरो की पत्नी और गांववालों का सिर्फ यही तो कहना है कि मेरे गांव के पास से उन्हें गोली मारकर ले गये हैं, तो उनकी लाश भी पहुंचाने मेरे गांव आइये। उनकी पत्नी ने 10 सूत्रीय मांग भी प्रशासन के पास रखा है। मुझे तो उनकी हर मांग सौ प्रतिशत जायज लग रही है, बल्कि कहें तो उनकी मांग कुछ कम ही है। 

खबर है कि सीआरपीएफ 94 बटालियन के एक सीआरपीएफ जवान जितेन्द्र कुमार प्रधान पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, लेकिन यह काफी नहीं है। इस घटना के तह में जाकर इसकी जांच कराइये और दोषी पुलिस अधिकारियों पर भी मुकदमा दर्ज कीजिए।

आपको याद है न कि 9 जून 2017 को पारसनाथ पहाड़ पर भी इसी तरह एक आदिवासी डोली मजदूर मोतीलाल बास्के की हत्या नक्सली बताकर कर दी गयी थी और उस हत्या की सीबीआई जांच के लिए चल रहे आंदोलन में आप भी शामिल हुए थे। आज आप सत्ता में हैं, लेकिन आदिवासी मोतीलाल बास्के की हत्या की सीबीआई जांच की सिफारिश आप क्यों नहीं किये ? 

आप अगर आदिवासी डोली मजदूर मोतीलाल बास्के की हत्या का सीबीआई जांच के लिए आंदोलन कर सकते थे, तो फिर सत्ता में होने के बाद आज आदिवासी रोशन होरो की हत्या की सीबीआई जांच की सिफारिश क्यों नहीं कर रहे हैं?

झारखंड की गरीब जनता में आपके शासन के खिलाफ भी आक्रोश गहराता जा रहा है। मुख्यमंत्री जी, रोशन होरो के परिजनों की तमाम मांगों को मानते हुए अविलंब उनकी लाश को उनके घर पहुंचाइये, ताकि उनका अंतिम संस्कार उनके परिजन अपने रीति-रिवाज के अनुसार कर सकें। अगर रोशन होरो की लाश मुरहू थाना में सड़कर दुर्गंध देने लगी, तो उसकी गंध आपको भी सोने नहीं देगी मिस्टर सीएम।

रोशन होरो की पत्नी जोसाफिना होरो ने लाश लेने से मना कर दिया है। उन्होंने खूंटी एसपी को एक आवेदन ग्राम प्रधान से अनुशंसा करा कर भेजा है, जिसमें उनकी 10 सूत्रीय मांगें शामिल हैं:

1. रोशन होरो के परिवार को तीन करोड़ रूपये मुआवजा दिया जाए,

2. मृतक के तीन आश्रितों को सरकारी नौकरी (सिविल सेवा) उनकी इच्छानुसार दिया जाए,

3. पूरी घटनाक्रम का सीबीआई जांच किया जाए,

4. दोषी पुलिसकर्मी को बर्खास्त किया जाए,

5. ग्लेमर मोटरसाइकिल जिसका नं. JH01DP8226 पर पुलिस ने गोली चलाकर क्षतिग्रस्त किया, उसका ऋण अभी बाकी है, को पुलिस-प्रशासन पूरा करे एवं इसके बदले में नयी गलेमर मोटरसाइकिल दी जाए,

6. मृतक के दोनों बच्चों की पढ़ाई रोजगार मिलने तक निजी शिक्षण संस्थानों में कराने की व्यवस्था की जाए,

7. मृतक परिवार एवं सभी गवाहों को पर्याप्त सुरक्षा प्रहरी दिया जाए,

8. पूरे 5वीं अनुसूची क्षेत्र में ग्राम सभा के बिना अनुमति के प्रशासन आज से आगे प्रवेश न करे,

9. सभी मांगें पूरी होने पर ही लाश के अंतिम संस्कार के लिए 50 हजार रूपये के साथ स्वीकार किया जाएगा,

10. मुआवजा राशि 3 करोड़ रूपये मृतक के परिजनों का खाता नंबर 459710110003749 बैंक ऑफ इंडिया के मुरहू शाखा में आज ही चेक द्वारा भुगतान किया जाए।

मालूम हो कि 20 मार्च 2020 को झारखंड के खूंटी जिला के मुरहू थानान्तर्गत कुम्हारडीह के 36 वर्षीय रोशन होरो की हत्या नक्सली समझकर सीआरपीएफ ने कर दी थी, जिसे पुलिस अधिकारी मानवीय भूल बता रहे हैं।

( झारखंड के रामगढ़ से स्वतंत्र पत्रकार रूपेश कुमार सिंह की रिपोर्ट।)

+ There are no comments

Add yours

You May Also Like

More From Author