नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में विभाजन के बाद धीरे-धीरे शरद पवार के परिवार में अलगाव की रेखा चौड़ी होती जा रही है। शरद पवार की पुत्री एवं बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ने गुरुवार को अजित पवार गुट पर निशाना साधते हुए कहा कि बागी गुट के पास अपना केस लड़ने के लिए वकील भी नहीं है। अजित गुट ने सुप्रीम कोर्ट में अपना केस लड़ने के लिए जिसे चुना है, वह उनके पति (सदानंद सुले) के सहपाठी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि शरद पवार को एनसीपी से कोई अलग नहीं कर सकता है।
उन्होंने कहा कि “एक समूह हमसे अलग हो गया है। हमारी लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है…जब मैं सुप्रीम कोर्ट गई तो मुझे एहसास हुआ कि उनका प्रतिनिधित्व करने वाला वकील कोई और नहीं बल्कि मेरे पति सदानंद सुले का सहपाठी है…पूरे देश में उन्हें कोई वकील तक नहीं मिला, सुले ने मजाक में कहा, “लेकिन हमने कोई सेटिंग नहीं की है।”
सुले ने गुरुवार शाम सतारा में एक रैली में कहा, “मैंने उनके वकील से कहा, आप अदालत में उनका प्रतिनिधित्व करने का अपना काम करें… हम अपनी ताकत से लड़ेंगे लेकिन शाम को, सदानंद और आप जो करना चाहते हैं वह कर सकते हैं।”
अजित पवार के नेतृत्व वाले विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिकाओं पर फैसले में महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर द्वारा की गई कथित देरी पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का जिक्र करते हुए सुले ने कहा, “अजीब बात है कि सुप्रीम कोर्ट में, जिसने एनसीपी की स्थापना की, वह वहां मौजूद था लेकिन वे जो लोग अब एनसीपी के स्वामित्व का दावा कर रहे हैं वे वहां नहीं थे…शरद पवार शीर्ष अदालत में पांच घंटे तक मौजूद थे।”
उन्होंने यह भी कहा कि शरद पवार और एनसीपी के बीच रिश्ता मां और बच्चे जैसा है। “अगर 10 बच्चे रो रहे हैं, तो एक मां को पता होता है कि कौन सा बच्चा उसका है… इसी तरह, एनसीपी के साथ शरद पवार का रिश्ता एक मां और एक बच्चे का है। उन्हें कोई अलग नहीं कर सकता। कोई भी अदृश्य शक्ति ऐसा नहीं कर पाएगी…एनसीपी का केवल एक ही माई-बाप है और वह है शरद पवार। उन्होंने कहा, “पवार साहब की ताकत इस राज्य के लोग हैं…लोग उनकी ताकत और टॉनिक हैं।”
(जनचौक की रिपोर्ट।)
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