मनोज झा-ग़ज़ाला जमील का लेख: सामाजिक न्याय ‘पहचान की राजनीति’ नहीं, धड़कते दिलों की उम्मीद है

भारत में जाति को लेकर मुख्य समझ एक सांस्कृतिक परिघटना के रूप में जाति के विचार पर केंद्रित रही है।…

राजनीति में मध्ययुगीन शब्दावली का प्रयोग और उसके निहितार्थ

एक जुमला चल निकला हैः ‘राजा अहंकारी हो गया है’। दुनिया की सबसे बड़े लोकतंत्र में प्रधानमंत्री को यह ‘राजा’…

राजनीति की धमनियों में है युवा खून की दरकार

यदि कोई बीमार है, पचास तरह की बीमारियां हैं, जुकाम से लेकर सारे शरीर में दर्द, दिल भी खराब, जिगर…

फिर निशाने पर स्त्री देह!

और ज़रा सी गर्मी पकड़ते ही मध्य प्रदेश का अभियान भी घसीट कर अपनी पसंदीदा पिच पर ले आया गया।…

क्या ‘महिला बजरंग दल’ में बदल चुका है राष्ट्रीय महिला आयोग?

उत्तर प्रदेश में गैंगरेप और दलित महिला उत्पीड़न की तो जैसे बाढ़ सी आ गई है, लेकिन इधर किसी मुद्दे…

पाटलिपुत्र की जंग: बिहार में भी नफरत और खौफ के रथ पर सवार एनडीए

बिहार चुनाव में बीजेपी को नफ़रत और डर का ही सहारा है। यही कारण है कि भाजपा के नेता लगतार…

बिहार के ब्रह्म बाबा और लालू प्रसाद की केमिस्ट्री एक, कौन सहेगा जुदाई!

बिहार का चुनावी तापमान चढ़ा हुआ है। एक तो सरकार में लौटने को लेकर एनडीए और महागठबंधन के बीच संग्राम…

डॉ. कफील के पास फासिस्ट ताकतों के खिलाफ योद्धा बनने का मौका!

सात महीने तक जेल में अवैध रूप से रखे जाने के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर डॉ. कफील…

दंगों का समाजशास्त्र और दक्षिणपंथी राजनीति

स्वीडन और नॉर्वे दोनों जगह दक्षिणपंथी व्यक्तियों ने क़ुरान जला दी और क़ुरान पर अति आस्था रखने वाले मुस्लिम भड़क…

मोदी के मायावी गुब्बारे की हवा निकालने के लिए सच्चाई की एक छोटी सुई ही काफी

कांग्रेस का संकट आखिर है क्या? क्या पिछले दो लोकसभा चुनावों और लगभग इसी कालखंड में हुए अनेक विधानसभा चुनावों…