क्या भारत में साम्प्रदायिकता केवल उपनिवेशवाद की उपज है?
भारत में वर्तमान संघ परिवार की फासीवादी राजनीति के संदर्भ में इतिहासकारों, समाजशास्त्रियों तथा राज्ञनीतिज्ञों के बड़े वर्ग द्वारा इस तथ्य को बड़े ज़ोर-शोर से [more…]
भारत में वर्तमान संघ परिवार की फासीवादी राजनीति के संदर्भ में इतिहासकारों, समाजशास्त्रियों तथा राज्ञनीतिज्ञों के बड़े वर्ग द्वारा इस तथ्य को बड़े ज़ोर-शोर से [more…]
बीजेपी और उसकी मौजूदा सरकार अंतरविरोधों का पिटारा है। उसका कोई एक चेहरा नहीं है बल्कि उसने हजार मुखौटे ओढ़ रखे हैं। और हर मुखौटे [more…]
हाल ही में, मध्य प्रदेश की एक रैली में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 वीं शताब्दी के समाज सुधारक और भक्तिकाल के संत रविदास और [more…]
मुग़ल-ए-आजम अक़बर और राष्ट्रपिता गांधी के ‘सर्व धर्म समभाव’ की विचारधारा को मजबूत करना भी अब कम ख़तरनाक नहीं है, विशेषकर आज के समय में [more…]
जहां-जहां पंजाबी समाज है वहां-वहां पूरे देश में लोहड़ी का त्यौहार पूरे जोश-खरोश से मनाया जाता है। पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, हरियाणा, दिल्ली और विदेशों, [more…]
जब से हमारे इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किया गया, तब से मैं सोचता रहा हूं कि वहां के अमरूदों का नाम क्यों नहीं बदला गया? [more…]
5 सितम्बर के मुज़फ्फरनगर के इतवार की खासियतें इस बार कारपोरेट गोदी मीडिया के एक हिस्से को भी दर्ज करनी पड़ी। लगभग हरेक ने माना [more…]
इधर एक नयी बहस शुरू हो गयी है कि हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप की विजय हुयी थी, न कि अकबर की। यह भी [more…]
यह कहते हुए कि एक महिला को दशकों बाद भी अपनी शिकायत किसी भी मंच पर रखने का अधिकार है, दिल्ली की एक अदालत ने [more…]
दबंग फिल्म में सलमान खान का dialogue आपने सुना होगा ‘मैं दिल में आता हूं समझ में नहीं’। गुलाम अली की वो गज़ल भी कभी [more…]