एक फिल्म में कई फिल्मों का “फ्लैश बैक”
पिछले मंगलवार को दिल्ली के जवाहर भवन में एक फिल्म देखी। “इन गलियों में”। फिल्म का नाम और पोस्टर देखकर ऐसा लगा कि फिल्म “कला [more…]
पिछले मंगलवार को दिल्ली के जवाहर भवन में एक फिल्म देखी। “इन गलियों में”। फिल्म का नाम और पोस्टर देखकर ऐसा लगा कि फिल्म “कला [more…]
चैतन्य और सौंदर्य मिलकर बनाते हैं कला। कला मनुष्य को मनुष्य बनाते हुए इंसानियत का भाव और चैतन्य जगाती है, जहां से जन्मते हैं मानवीय मूल्य [more…]
बुद्धदेव भट्टाचार्य नहीं रहे।बंगाल में वामपंथी राजनीति की किंवदंतियों की छीजती हुई श्रृंखला की जैसे एक अंतिम कड़ी नहीं रही।वामपंथी राजनीति के साथ बंगाल की [more…]
(कवि, पटकथा लेखक, पत्रकार और एक्टिविस्ट मयंक सक्सेना का आज निधन हो गया। उन्हें अस्थमा की बीमारी थी। इस बीच डॉक्टर ने उन्हें हार्ट का [more…]
सन 2005 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार पाने वाले ब्रिटिश नाटककार हेराल्ड पिंटर ने पुरस्कार प्राप्त करते समय जो व्याख्यान दिया था उसके कुछ अंश [more…]
भगत सिंह को सही अर्थों में वही लोग याद कर रहे हैं, जो उनके दर्शाए रास्ते पर चलकर संघर्ष कर रहे हैं। भगत सिंह ने [more…]
मौजूदा सरकार द्वारा सीएए, एनआरसी और एनपीआर के द्वारा देश की अवाम के खिलाफ़ छेड़े गए युद्ध के प्रतिरोध में व्यापक जन आंदोलन उठ खड़ा [more…]
कला मनुष्य को एक ऐसी दुनिया से साक्षात्कार कराती है,जिसमें वह सबकुछ दिखता है,जो अमूमन दिखायी पड़ने वाली दुनिया में दिखायी नहीं पड़ता।ऐसा शायद इसलिए,क्योंकि [more…]