Saturday, April 20, 2024

bhagwat

मॉब लिंचिंग की राजधानी बना मध्य प्रदेश! रसूखदारों ने हैवानी तरीके से ली आदिवासी युवक की जान

मध्य प्रदेश से मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। यहाँ मामूली विवाद के बाद एक भील आदिवासी युवक को मरने पर मजबूर किया गया। घटना गुरुवार को घटी लेकिन जब इसका वीडियो शनिवार को वायरल हुआ...

तन्मय के तीर

कभी-कभी दक्खिन के खेमे में सूर्य पश्चिम से भी निकलने लगता है। ऐसी स्थिति में लोगों का भ्रमित होना स्वाभाविक है। इसी तरह की एक घटना सामने आयी है जिसमें नेहरू की चारित्रिक हत्या से लेकर हर तरीके से...

अब पटौदी पंचायत में फूटा सूरजपाल अम्मू के मुंह से नफरती फौव्वारा

गुड़गांव। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जब रविवार को गाजियाबाद में कह रहे थे - कोई भी शख्स जो यह कहता है कि मुसलमान भारत में नहीं रह सकते, वो हिन्दू नहीं हो सकता। इसी तरह लिंचिंग करने वाला हिन्दू...

भगवा ख़ानदान के लिए संघ ही आत्मा, वही परमात्मा

‘छल-प्रपंच’ हमेशा से राजनीति का अभिन्न अंग रहा है। ‘साम-दाम-भेद-दंड’ इसी के औज़ार हैं। दुनिया के किसी भी दौर की और किसी भी समाज की राजनीति कभी इससे अछूती नहीं रही। ‘छल-प्रपंच’ की ‘इंटेंसिटी’ यानी तीव्रता में ज़रूर फ़र्क़...

चलती बिरिया ओढ़ाए दे चदरिया!

उफ! बड़े अफ़सोस की बात है कि देश के सबसे बड़े कथित सांस्कृतिक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने जो सरकार का रिमोट कंट्रोल केंद्र है अब हमारे कथित सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी साहिब पर अपनी नज़रें टेढ़ी कर...

संघ ने मोदी की विदाई की इबारत लिख दी! यूपी के चुनाव प्रचार से पीएम बाहर

उत्तरप्रदेश में भाजपा के भविष्य की राजनीति का खाका राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की दिल्ली की बैठक में करीब-करीब तय कर लिया गया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की दिल्ली की बैठक में साल 2022 में यूपी विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ...

योगी का फैसला दिल्ली को नहीं, नागपुर को करना है!

संघ-भाजपा और योगी की तमाम तिकड़मी राजनीति के बावजूद उनके सामने यहीं एक बड़ा अवरोधक आ खड़ा होता है। वह है-कोरोना संक्रमण से बेहाल और तबाह हुए लोगों के प्रति शासन का रवैया। शिक्षक हों या आम लोग, अवर्ण...

कोरोना काल में उतर गया संघ के सेवा का मुखौटा

बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन है। इसके करीब 50 लाख कार्यकर्ता 55 हजार शाखाओं में रोजाना सुबह सबेरे खाकी नेकर, काली टोपी और सफेद शर्ट में ज्यादातर शहरों...

कोरोना से मरने वालों को मुक्त हो गए कहना, इतिहास का सबसे संवेदनहीन लफ्‍ज़

जो लोग चले गए, वे मुक्त हो गए, ‘पॉजिटिविटी अनलिमिटेड’ कार्यक्रम में बोला गया यह सुभाषित, संघ प्रमुख, मोहन भागवत जी का है। संघ बात तो हिंदुत्व की करता है पर उसका आचरण अक्सर सनातन परंपरा के विरुद्ध होता...

सरकार और संघ की संवेदना के मरने का ऐलान करते कुछ बयान

एक तरफ दुनिया के तमाम छोटे-बड़े और अमीर-गरीब सभ्य देश हैं, जिन्होंने भारत में कोरोना महामारी के चलते अस्पतालों में मरीजों की भीड़, ऑक्सीजन और जरूरी दवाओं के अभाव में असमय दम तोड़ रहे लोगों, श्मशान में अंतिम संस्कार...

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तब की घोषित इमरजेंसी से भयानक है आज का अघोषित आपातकाल?

18 वीं लोकसभा के लिए चुनावों का पहला चरण हो चुका है; 62 प्रतिशत  से अधिक मतदान के साथ...