बांग्लादेश में जन विप्लव भाग-2 : शेख हसीना की सरकार का पतन‌

उदारीकृत दुनिया में लोकतंत्र की परिधि लगातार सिकुड़ती जा रही है। उपनिवेशोत्तर दुनिया के बाद आजाद हुए मुल्कों का शासक…

क्या अब बांग्लादेश को अडानी की बिजली नहीं चाहिए?

बांग्लादेश संकट पर देश में भांति-भांति से सोचा जा रहा है, या कहें सोचने के लिए विवश किया जा रहा…

बांग्लादेश में हिंदुओं के विरूद्ध बढ़ती हिंसा और भारत में बढ़ता इस्लामोफोबिया

जनता के आक्रोश के ज्वार ने बांग्लादेश को हिला दिया है। वहां जो हो रहा है उसके बारे में कई…

बांग्लादेश में कहां तक है ‘अमेरिकी हाथ’?

बांग्लादेश में अराजकता की स्थिति है। कहा जा सकता है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजेद के पांच अगस्त को…

क्यों विद्रोह और जनांदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ा बांग्लादेश की अवाम को?

मेरी नजर में बांग्लादेश में जो हुआ, वह एक विद्रोह और जनांदोलन था। जिसके केंद्र में चुनी हुई (कहने के…