बांग्लादेश में जन विप्लव भाग-2 : शेख हसीना की सरकार का पतन
उदारीकृत दुनिया में लोकतंत्र की परिधि लगातार सिकुड़ती जा रही है। उपनिवेशोत्तर दुनिया के बाद आजाद हुए मुल्कों का शासक वर्ग 20 वीं सदी के [more…]
उदारीकृत दुनिया में लोकतंत्र की परिधि लगातार सिकुड़ती जा रही है। उपनिवेशोत्तर दुनिया के बाद आजाद हुए मुल्कों का शासक वर्ग 20 वीं सदी के [more…]
बांग्लादेश संकट पर देश में भांति-भांति से सोचा जा रहा है, या कहें सोचने के लिए विवश किया जा रहा है। वैसे भी सोचने-समझने का [more…]
जनता के आक्रोश के ज्वार ने बांग्लादेश को हिला दिया है। वहां जो हो रहा है उसके बारे में कई झूठी खबरें फैलाई जा रही [more…]
बांग्लादेश में अराजकता की स्थिति है। कहा जा सकता है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजेद के पांच अगस्त को देश से भागने के बाद [more…]
मेरी नजर में बांग्लादेश में जो हुआ, वह एक विद्रोह और जनांदोलन था। जिसके केंद्र में चुनी हुई (कहने के लिए) तानाशाही का खात्मा और [more…]