आदिवासी मामलों के विशेषज्ञ और अनुसूचित जाति और जनजाति आयुक्त रहे डॉ. ब्रह्मदेव शर्मा बस्तर के आदिवासियों को समझाया करते…
पुस्तक समीक्षा: नेक्सस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
युवाल नोआ हरारी की किताब नेक्सस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के तीव्र विकास पर व्यक्त चिंता उनके विचारों के उस…
पुस्तक समीक्षा: ‘अधूरे’ एक रूपक है, इंसानी ज़िंदगी के अधूरेपन का
‘अधूरे’ तेलुगु कहानी संग्रह है, जिसका हिंदी अनुवाद डॉ. एस.के. साबिरा ने किया है। संग्रह की सारी कहानियां मुस्लिम विमर्श…
पुस्तक समीक्षा: हम क्यों पढ़ें ‘आतंकवादी का फ़र्ज़ी ठप्पा’?
“दुनिया ने तजुरबात-ओ-हवादिस की शक्ल में, जो कुछ मुझे दिया है वो लौटा रहा हूं मैं।” ‘आतंकवादी का फ़र्ज़ी ठप्पा’…
पुस्तक समीक्षा: धरती की अंतर्निभरता
चंद्रभूषण की ‘प्रलय का प्रतिपक्ष’ 2024 में कौटिल्य बुक्स से छपी है। इसका उप-शीर्षक ‘पशु-पक्षी, कीट-पतंगे और ग्लोबल वार्मिंग’ है।…
पुस्तक समीक्षा: वर्तमान संदर्भ में क्या हैं धर्म, समाज और संस्कृति के निहितार्थ ?
किसी भी देश में जो मौजूदा समाज व्यवस्था होती है उसी जड़ें वहां के धर्म और संस्कृति में निहित होती…
पुस्तक समीक्षा : भारत का स्वाधीनता संग्राम और क्रांतिकारी
विभिन्न ज्वलंत मुद्दों पर अपनी तीखी टिप्पणियों के संग-संग सारगर्भित, तीक्ष्ण एवं चोट करती हुई कविताओं हेतु साहित्य जगत में…
पुस्तक समीक्षा: लोक शाहीर अण्णा भाऊ साठे की संघर्षमय ज़िंदगी और अदबी कारनामे
अण्णा भाऊ साठे की पहचान एक लोक शाहीर की है। जिन्होंने ‘स्टालिनग्राड’ ‘तेलंगणा’ जैसे जोशीले पंवाड़े और तमाशे रचे। ‘अकलेची…
पुस्तक समीक्षा: निष्ठुर समय से टकराती औरतों की संघर्षगाथा दर्शाता कहानी संग्रह
शोभा सिंह का कहानी संग्रह, 'चाकू समय में हथेलियां', विविध समाजिक मुद्दों पर केंद्रित है, जैसे पितृसत्ता, ब्राह्मणवाद, सांप्रदायिकता और…
भारतीय साहित्य के निर्माता शैलेन्द्र: जीते जी जलने वाले, अंदर भी आग जला
साल 2023 कवि-गीतकार शैलेन्द्र की जन्मशती है। ‘तू ज़िंदा है, तो ज़िंदगी की जीत में यक़ीन कर’, ‘हर ज़ोर ज़ुल्म…