Monday, December 11, 2023

book

डॉ. राकेश पाठक की किताब ‘सिंधिया और 1857’ का 29 अक्तूबर को विमोचन, राम पुनियानी होंगे मुख्य अतिथि

भोपाल। पत्रकार, कवि और लेखक डॉ. राकेश पाठक की पुस्तक 'सिंधिया और 1857' का विमोचन आगामी 29 अक्टूबर, रविवार, शाम साढ़े चार बजे होटल पलाश में होगा। विमोचन समारोह के मुख्य अतिथि प्रतिष्ठित इतिहासकार डॉ. राम पुनियानी होंगे और अध्यक्षता...

पुस्तक समीक्षा: बदलाव को आत्मसात करने के बावजूद अपनी जड़ों से जुड़ी जनजाति

पश्चिम के एक विद्वान हुए हैं चार्ल्स केटरिंग, उनकी स्थापना है कि "दुनिया परिवर्तन से नफरत करती है, लेकिन यही एकमात्र कारक है, जिससे प्रगति का जन्म होता है। इस दृष्टि से देखें तो प्रकृति का भी सार्वभौमिक नियम...

नीरजा चौधरी की पुस्तक ‘हाऊ प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड’: इंदिरा, राजीव, राव, वाजपेयी और सोनिया के बारे में कई बड़े खुलासे

द इंडियन एक्सप्रेस में एक कालम्निस्ट और कन्ट्रीब्यूटिंग एडिटर नीरजा चौधरी की आगामी पुस्तक ‘हाऊ प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड’ में कुछ दुर्लभ और अनकहे विवरण सामने आए हैं। पुस्तक में आरएसएस नेताओं के साथ राजीव गांधी की गुप्त बैठकों से...

कृष्ण चंदर की महान कृति ‘पौदे’: महज एक किताब नहीं नायाब दस्तावेज है!

कृष्ण चंदर का वजूद और अदब इस बात की जमानत है कि वे उन लोगों की पहली कतार में से हैं जिन्होंने तरक्की-पसंद राहों को नई दशा और दिशा दी। सिर्फ लेखन मकसद नहीं था, दिल में जुनून यह...

लोकतंत्रः अतीत, वर्तमान और भविष्य

(वरिष्ठ पत्रकार और लेखक अरुण कुमार त्रिपाठी के संपादकत्व में 'आज के प्रश्न' श्रृंखला के तहत ‘लोकतंत्र: अतीत, वर्तमान और भविष्य’ शीर्षक से एक किताब प्रकाशित हुई है। किताब में तकरीबन 12 लेखकों के लेख शामिल किए गए हैं।...

‘मेरी आवाज़ में है तू शामिल’: बेबाक ग़ज़ल, सच्ची नज़्में

मेरे हाथ में जब 'गुलमोहर किताब' प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित कवि/शाइर/पत्रकार और जनवादी लेखक मुकुल सरल की ग़ज़लों और नज़्मों की किताब 'मेरी आवाज़ में है तू शामिल' आई तो किताब के उन्वान ने मुझे कुरेदा। भूमिका में मुकुल...

वाराणसी में एक पत्रकार का सम्मान और दो पत्रकारों की किताबों का हुआ विमोचन

वाराणसी। कल मानवाधिकार जननिगरानी समिति (PVCHR) समेत कई संगठनों की ओर से “संवैधानिक अधिकार, स्वास्थ्य व पोषण” विषय पर वाराणसी में एक आयोजन किया गया।  भेलूपुर स्थित होटल डायमंड में आयोजित इस कार्यक्रम में 'कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स' के सलाहकार...

शिक्षा में हो स्नेह और सम्मान 

कॉलेज में एमए के आखिरी वर्ष में पढ़ने वाली उस छात्रा के आंसू थम ही नहीं पा रहे थे। उसकी समस्या यह थी कि उसके एक वरिष्ठ शिक्षक उसकी बात ही नहीं सुन रहे थे। उसे एक अध्याय का...

आजादी की अलख जगाती एक जरूरी किताब

सैंतालिस साल पहले भारत में लागू हुआ था आपातकाल। तब उसे लागू करने वाली सरकार ने 19 महीनों में ही हाथ खड़े कर दिए थे। कुछ लोग मानते हैं कि तब सरकार निश्चिंत हो गई थी कि देश की...

यह देश पहले भी कुछ कम अंधेरों से नहीं गुजरा, लेकिन कभी हारा नहीं, आगे भी नहीं हारेगा: विजय बहादुर सिंह 

देश के हिन्दी के जाने-माने आलोचकों में से एक विजय बहादुर सिंह को आमतौर पर उनकी देशज प्रतिमानों की सुगंध वाली आलोचना दृष्टि, भवानीप्रसाद मिश्र व दुष्यंत कुमार जैसे कवियों और आचार्य नन्द दुलारे वाजपेयी की रचनावलियों के श्रमसाध्य...

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संसद से निष्कासन पर महुआ ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

नई दिल्ली। संसद सदस्यता खत्म किए जाने को लेकर टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई हैं। उन्होंने...