नई दिल्ली। देश में प्रेस की आज़ादी एक चुनौतीपूर्ण दौर से होकर गुज़र रही है जब पत्रकारों पर हमले बढ़े…
गांधी स्मृति श्रृंखला (भाग-1): “भारत में मैं मुस्लिम परस्त हूं तो पाकिस्तान में हिन्दू परस्त”
(राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्म का 150वां साल चल रहा है। इस मौके पर गांधी की शिक्षा, विचार, सिद्धांतों और…
अपने समय से मुठभेड़ करती एक किताब
(“मैं कार सेवक था” राजस्थान के चर्चित पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता भंवर मेघवंशी की नई किताब है। नवारुण प्रकाशन से…
मोदी सरकार की असलियत को उघाड़ कर रख देती है सुभाष गाताडे की किताब ‘मोदीनामा : हिंदुत्व का उन्माद’
सुभाष गाताडे की हाल ही में प्रकाशित पुस्तक ‘मोदीनामा : हिंदुत्व का उन्माद’ को पढ़ते हुए वर्तमान राजनीति की दिशा…
वर्तमान सत्ता के मद का निकृष्टतम उदाहरण है प्रोफेसर रोमिला थापर का अपमान
प्रोफ़ेसर रोमिला थापर से जेएनयू प्रशासन ने उनका सीवी, अर्थात् उनके अकादमिक कामों का लेखा-जोखा माँगा है ताकि वह उनको…
भारत में एक शानदार बौद्धिक प्रतिरोध की शुरुआत हो चुकी है: अरुंधति रॉय
(लंदन से प्रकाशित दि गार्जियन में छपा मशहूर लेखिका अरुंधति रॉय का यह साक्षात्कार गैरी यौंग ने लिया है। अंग्रेजी…
विमर्शमूलक विखंडन और कोरी उकसावेबाजी में बहुत महीन होती है विभाजन की रेखा
अरुंधति रॉय की किताब ‘एक था डाक्टर और एक था संत’ लगभग एक सांस में ही पढ़ गया । अरुंधति…