उक्ति-संग्राम और मुक्ति-संग्राम के बीच प्रतिबद्धता और क्षमता का सवाल
भारत में लोकतंत्र के प्रति गहरी प्रतिबद्धता रखनेवाले राजनीतिक नेताओं की जरूरत है। डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने कहा था कि इस समय ‘पहले भारतीय और [more…]
भारत में लोकतंत्र के प्रति गहरी प्रतिबद्धता रखनेवाले राजनीतिक नेताओं की जरूरत है। डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने कहा था कि इस समय ‘पहले भारतीय और [more…]
देश के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले दलित महसूस करते हैं कि 2024 के लोकसभा के चुनाव के बाद संविधान में परिवर्तन का प्रयास किया [more…]
बीती 12 मई की शाम प्रो. चौथीराम यादव का अकस्मात निधन हिंदी के बौद्धिक व परिवर्तनकामी समाज के लिये एक बड़ा आघात है। विगत कुछ [more…]
(वाजपेयी सरकार ने संविधान को बदलने की कोशिश की थी, लेकिन 2004 के चुनाव में हार गई। हमें सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि हिंदुत्व वर्चस्ववादी ताकतों [more…]
सामान्यतः होता यह है कि जब चुनाव चल रहे होते हैं तब गुंडे– जिन्हें न जाने क्यों इन दिनों बाहुबली कहा जाता है– भी शराफत [more…]
स्त्री की वर्तमान दशा पर तरह-तरह की चिंता की जा रही है। मुसीबत यह है कि चिंता का क्षेत्र बौद्धिक जगत के दायरे से बाहर [more…]
लखनऊ। बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस (6 दिसंबर) पर सरोजिनी नगर के रनियापुर में “वर्तमान परिस्थिति और डॉ. आंबेडकर के विचार” विषय [more…]
डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 ई. को महू छावनी, मध्य प्रदेश में हुआ था। मूल रूप से महाराष्ट्र के रहने वाले [more…]
सवाल पैदा होता है कि अस्पृश्यता के लिए ज़िम्मेदार वर्णव्यवस्था के समर्थक गांधी की आत्मकथा, ‘माई एक्सपेरियंस विथ ट्रुथ’ भारतीयों के बीच पढ़ी जाने वाली [more…]
साहित्य के शोधकर्ताओं के लिए यह एक शोध का विषय है कि ईवी रामासामी पेरियार (17 सितंबर, 1879-24 दिसंबर, 1973) के मूल लेखन का कोई [more…]